कोरबा: निकाय चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय पार्षद प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने कोरबा पहुंची. इस दौरान वह जिले की सियासत पर जमकर बरसीं. कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि, 'यहां पर एक परिवार का ही राजपाठ चलता है. विधानसभा अध्यक्ष पति है तो पत्नी सांसद है. पति मंत्री है और पत्नी महापौर है.
सरोज पांडेय ने कहा कि, 'ऐसे लोगों को दोबारा चुनाव मत जिताइए. ऐसे लोगों को वोट दीजिए जो आपके बीच के हैं. क्योंकि आपके बीच से आया आम आदमी ही आपका दर्द समझ सकता है. जो मंत्री की पत्नी है, ऐसे लोग नहीं समझ सकते कि गरीब के पेट की भूख क्या होती है.'
सीतामणी में सभा को किया संबोधित
सरोज पांडे गुरुवार को कोरबा नगर पालिका निगम क्षेत्र के सीतामणी पहुंची थी. यहां से रोड शो करते हुए उनका काफिला दर्री रोड पहुंचा. जहां उन्होंने एक सभा को संबोधित किया. इस दौरान वार्ड के प्रत्याशी सहित जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी, पूर्व मेयर जोगेश लांबा, लखन लाल देवांगन और दूसरे पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
'खेलने और खाने में बीत गया 1 साल'
प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए सरोज पांडे ने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार कहती है कि हमने 1 साल में काम किया, लेकिन इन्होंने लोगों को छला है. महिलाओं को धोखा दिया है. उन्होंने कहा था कि वो शराब बंद कर देंगे. शराब बंद तो नहीं हुई, अब हर गली में शराब बिक रही है.'
उन्होंने कहा कि, 'रमन सिंह की सरकार ने 15 साल तक राज्य का विकास किया, लेकिन भूपेश बघेल की उम्र बढ़ी है. वह कभी भंवरा चलाते हैं, तो कभी सोंटा खाते हैं. खेलने और खाने में ही उनका एक साल बीत गया और छत्तीसगढ़ में विकास नहीं हुआ.'
'पीछे जा रहा छत्तीसगढ़'
सरोज पांडे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, 'पहले जब हम चुनाव प्रचार में जाते थे तब कहते थे कि कमल के बटन को दबाना है, लेकिन अब कहना पड़ रहा है कि कमल के निशान पर ठप्पा लगाना है. दुनिया आगे बढ़ रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ कि यह सरकार पीछे जा रही है.'
सरोज पांडेय ने आगे कहा कि, 'वोट देने के लिए ठप्पा लगाना पड़ेगा, ठप्पा लगाने का कारण सिर्फ एक है. कांग्रेस को डर है कि वह अपना महापौर नहीं जितवा सकते, इसलिए ठप्पा लगाने की व्यवस्था कर रहे हैं.'
'धान खरीदी में भी धोखा'
सरोज पांडे ने कहा कि, 'भूपेश सरकार ने 2500 रुपए में धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन 2500 मिला नहीं है. अब कहते हैं कि नरेंद्र मोदी हमें नहीं दे रहे हैं. जब 2500 रुपए में धान खरीदने की बात कही थी तब क्या नरेंद्र मोदी से पूछ कर घोषणा की थी. छत्तीसगढ़ के विकास की बात कही थी तब क्या हमसे पूछा था. जो भी बात कही थी अपने दम पर कही थी. जब हम इन बातों को कहते हैं तो वह हमें कहते हैं कि हम राजनीति कर रहे हैं.'