कोरबा: जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव राजगामार की सरस्वती गवेल ईमानदारी की मिसाल पेश की है. सरस्वती शाम के वक्त अपने घर जा रही थी. तभी उसे सड़क पर नोटों का बंडल पड़ा हुआ दिखाई दिया. लगभग ढाई लाख रुपए के नोटों की गड्डी सड़क पर पड़ी थी. सरस्वती ने गड्डी को उठाया और वहां मौजूद परिचितों से पूछताछ की. पास लगे सीसीटीवी फुटेज और बैंक की सहायता से पता चला कि एसईसीएल के एक रिटायर्ड कर्मचारी ने एसबीआई की ओमपुर शाखा से अपने प्रोविडेंट फंड से 9 लाख रुपये आहरित किए हैं. जिनके बैग में से ढाई लाख रुपए सड़क पर उछल कर गिर गए हैं.
यहीं नहीं सरस्वती ने स्थानीय कौशल चौरसिया की मदद से जगदीश का मोबाइल नंबर अरेंज किया और फिर उन्हें फोन कर सूचना दी. जिसके बाद अगले दिन वह चांपा से रजगामार पहुंचे और इसके बाद सरस्वती ने उन्हें उनके ढाई लाख रुपए वापस लौटा दिए. पैसे वापस मिलने पर जगदीश ने सरस्वती को धन्यवाद दिया.
लोगों की मदद करें, ईमानदारी को रखें बरकरार
सरस्वती कहती हैं कि जब सड़क पर पैसे मिले तब सबसे पहले यह ख्याल आया कि लोग कितनी मेहनत से पैसे कमाते हैं. जिसके रुपये होंगे वह परेशान हो रहा होगा. लोग पूरा जीवन लगा देते हैं. तब जाकर इतने पैसे इकट्ठा होते हैं. इसके बाद पता लगाया कि ये रुपये किसके हैं और उसे वापस लौटा दिया. ईमानदारी हमेशा बरकरार रखनी चाहिए और हमेशा ही लोगों की मदद करने को तैयार रहना चाहिए.
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छोटी है लेकिन हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत
रजगामार के कौशल कहते हैं कि सरस्वती को जब यह पैसे मिले तब उसने मुझे फोन किया और कहा कि जिसके पैसे हैं उसे वापस लौटाने हैं. तब हमने उस व्यक्ति को ढूंढना शुरू किया. सीसीटीवी फुटेज से जल्द ही यह पता चल गया कि रुपये किसके हैं. जगदीश जोकि पहले राजगामार में ही रहते थे, लेकिन अब चांपा चले गए हैं, उन्हें फोन कर सूचना दी गई. अगले दिन वह आए और अपने पैसे ले गए. सरस्वती स्कूल टीचर है, बहुत कम वेतन में काम करती है, लेकिन बावजूद इसके सरस्वती की नीयत नहीं डोली. उम्र में सरस्वती हम सबसे छोटी है, लेकिन वह किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
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सराहनीय काम लेकिन पैसे का भी रखें ध्यान
एसबीआई शाखा ओमपुर के ब्रांच मैनेजर सुमित कुमार कहते हैं कि सरस्वती का काम निसंदेह सराहनीय है. आज के जमाने में ऐसी ईमानदारी कम ही देखने को मिलती है, लेकिन इसके साथ ही हम ग्राहकों से भी अपील करना चाहेंगे कि वह अपने पैसों का ख्याल रखें.