कोरबा: जिले में कोरोना की जांच को लेकर RTPCR लैब बनाए गए हैं. लेकिन यहां ट्रेंड कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से कोरबा में आरटीपीसीआर जांच नहीं हो पा रही है. यहां से सैंपल लेकर रायगढ़ भेजा जा रहा है. वहां से जांच की रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है. जिससे कई बार हालात बिगड़ जाते हैं. अगर मरीज संक्रमित है तो उससे कई लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं कई बार रिपोर्ट लेट से आने पर मरीजों की स्थिति और बिगड़ जाती है.
वर्तमान में RTPCR रिपोर्ट आने में लग रहा 6 से 7 दिन का समय
वर्तमान में जिले कोरोना वायरस संभावित से सैंपल लेकर रायगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज में इसकी जांच के लिए भेजा जाता है. जहां से रिपोर्ट आने में कई बार एक हफ्ते का भी समय लग जाता है. तब तक मरीज़ कई लोगों में यह संक्रमण फैला देता है. कई मामलों में मरीज की स्थिति नाज़ुक बन जाती है. रायगढ़ में और भी कई स्थानों से सैंपल भेजे जा रहे हैं. जिसके कारण रायगढ़ के लैब पर अधिक दबाव है. जिससे जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. जब तक रिपोर्ट आती है तब तक स्थिति और नाजुक बन जाती है. कोरबा में लैब स्थापित होने से जिले के लोगों को राहत मिली है. लेकिन अभी यहां ट्रेंड कर्मचारियों की तैनाती का इंतजार हो रहा है.
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कोरबा में बढ़ रहे मौत के आंकड़े
दिनांक | मरीजों की संख्या | मृतकों की संख्या |
27 अप्रैल | 1021 | 15 |
26 अप्रैल | 1036 | 17 |
25 अप्रैल | 791 | 14 |
24 अप्रैल | 975 | 14 |
23 अप्रैल | 843 | 19 |
22 अप्रैल | 767 | 21 |
प्रशिक्षण के लिए भेजी गई टीम को हुआ कोरोना
दरअसल कोरबा से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को रायगढ़ भेजा गया. लेकिन टीम वहां कोरोना संक्रमण की शिकार हो गई. जिसके बाद दोबारा दूसरी टीम को रायगढ़ भेजा गया. लेकिन वह टीम भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई. अब तीसरी बार टीम को रायपुर भेजा गया है. जिनके प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटते ही जिले में भी RTPCR टेस्ट की सुविधा शुरू हो सकेगी.
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित किया गया लैब
आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब स्थापित किया गया है. जहां RTPCR सैंपल का परीक्षण किया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं. टीम के रायपुर से प्रशिक्षण लेकर लौटते ही जिले में भी इसकी सुविधा शुरू हो जाएगी. जिससे जिले के कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को जांच में तेजी आने से काफी राहत मिलेगी.
आईसीएमआर के मापदंडों पर खरा उतरने के बाद मिलेगी अनुमति
रायपुर से टीम के प्रशिक्षण लेकर लौटने के बाद एक ही सैंपल रायपुर और कोरबा दोनों लैब में भेजा जाएगा. रायपुर और कोरबा के लैब की रिपोर्ट एक जैसी होने पर आईसीएमआर से कोरबा के लैब को हरी झंडी मिलेगी. इसके बाद ही टेस्ट शुरू किया जाएगा. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अभी कोरबा में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा आने वाले 10 दिनों बाद ही लोगों को मिल सकेगी.
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10 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज ने AIIMS को लिखा था पत्र
10 अप्रैल को ही कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस(AIIMS) रायपुर को पत्र भेज कर स्टाफ की नियुक्ति के लिए जानकारी भेजी थी. टेस्ट के लिए स्टाफ की नियुक्ति सीएमएचओ कोरबा के जिम्मे है. स्टाफ की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर इसे मेडिकल कॉलेज को सौंपा जाएगा. इसके बाद मेडिकल कॉलेज लैब का संचालन किया जाएगा. वायरोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, साइंटिस्ट आदि की नियुक्ति प्रक्रिया हो चुकी है. एक दल को प्रशिक्षण के लिए रायपुर भेजा गया है.
6 घंटे में मिलेगी रिपोर्ट, प्रतिदिन 500 टेस्ट
जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरू होते ही सैंपल लेने के 6 घंटे में ही इसकी रिपोर्ट मरीजों को मिल जाएगी. प्रतिदिन 500 टेस्ट कोरबा जिले में हो सकेंगे. 500 टेस्ट एक शिफ्ट में ही जारी किए जा सकते हैं. यदि लैब को तीन शिफ्ट में संचालित किया जाए तो 1500 टेस्ट रिपोर्ट प्रतिदिन जारी किए जा सकेंगे. फिलहाल एक ही शिफ्ट की तैयारी की गई है.