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रफ्तार का कहर: पुलिस की सख्ती के बाद भी बढ़े सड़क हादसे

कोरबा में पुलिस की सख्ती के बावजूद सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सड़क दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस हर दिन 2 से ज्यादा लापरवाह ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबित कर रही है, लेकिन दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है.

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Published : Jul 16, 2019, 2:08 PM IST

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कोरबा: जिले में सड़क हादसे को रोकने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाया है. कोरबा पुलिस हर दिन 2 से ज्यादा ऐसे ड्राइवरों का लाइसेंस कैंसिल कर रही जो शराब के नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं. इसके अलावा पुलिस गलत लेन पर गाड़ी चलाने, तेज रफ्तार में ड्राइविंग करने वालों के भी लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं.

इस साल 415 लाइसेंस निलंबित
हालांकि इन सबके बावजूद जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. यातायात थाना में पदस्थ सूबेदार भुनेश्वर कश्यप ने बताया कि जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक जिले में 462 मामले शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. इसमें सभी आरोपी ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबन की अनुशंसा की गई थी. जिसमें से 415 के लाइसेंस निलंबित भी कर दिए गए हैं. सूबेदार कश्यप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लगातार दो बार लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है. तीसरी बार में लाइसेंस हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा.

80 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया
आंकड़े बताते हैं कोरबा में कुल 2 हजार 605 प्रकरण शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. जबकि 12 हजार 36 प्रकरण मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं. जिले की कुल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 14 हजार 661 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में पुलिस ने 80 लाख 44 हजार 800 रुपये समन शुल्क के रूप में वसूला है. पिछले साल के मुकाबले इस साल में यह रकम लगभग 10 फीसदी अधिक है.

2019 में 372 सड़क हादसे
इधर, जिले में सड़क हादसों की बात करें तो अप्रैल महीने तक सड़क हादसों का मामला पिछले साल के मुकाबले कम था, लेकिन जून के अंत तक सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो गया. इसके साथ मौत के आंकड़े भी बढ़ गए. वर्ष 2018 में 30 जून तक 341 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया. इसमें 324 घायल और 105 मृतकों की संख्या थी. वहीं 2019 में 372 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया है, इसमें 380 लोग घायल हुए हैं और 132 लोगों की मौत हुई है. जिन मार्गों पर ये हादसा हुआ है उनमें ग्रामीण और शहरी मार्ग पर 36 मौतें, राष्ट्रीय राजमार्ग में 33, राजमार्ग पर 23 और 9 ऐसे मामले हैं जिनके कारणों का पता ही नहीं लगा है.

6 से 9 बजे के बीच ज्यादातर हादसे
यातायात विभाग के मुताबिक ज्यादातर सड़क हादसे शाम 6:00 बजे से रात 9 बजे के बीच हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में 62 दोपहिया वाहन चालक और 21 पैदल यात्री हैं. इसमें सबसे ज्यादा 31 मौतें हाइवा या ट्रेलर की टक्कर से हुई है. यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच में जो बातें सामने आई है, उसके मुताबिक तेज गति से वाहन चलाने के कारण 48 लोगों की और लापरवाही से वाहन चलाने में 24 लोगों की मौत हुई.

कोरबा: जिले में सड़क हादसे को रोकने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाया है. कोरबा पुलिस हर दिन 2 से ज्यादा ऐसे ड्राइवरों का लाइसेंस कैंसिल कर रही जो शराब के नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं. इसके अलावा पुलिस गलत लेन पर गाड़ी चलाने, तेज रफ्तार में ड्राइविंग करने वालों के भी लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं.

इस साल 415 लाइसेंस निलंबित
हालांकि इन सबके बावजूद जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. यातायात थाना में पदस्थ सूबेदार भुनेश्वर कश्यप ने बताया कि जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक जिले में 462 मामले शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. इसमें सभी आरोपी ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबन की अनुशंसा की गई थी. जिसमें से 415 के लाइसेंस निलंबित भी कर दिए गए हैं. सूबेदार कश्यप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लगातार दो बार लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है. तीसरी बार में लाइसेंस हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा.

80 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया
आंकड़े बताते हैं कोरबा में कुल 2 हजार 605 प्रकरण शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. जबकि 12 हजार 36 प्रकरण मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं. जिले की कुल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 14 हजार 661 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में पुलिस ने 80 लाख 44 हजार 800 रुपये समन शुल्क के रूप में वसूला है. पिछले साल के मुकाबले इस साल में यह रकम लगभग 10 फीसदी अधिक है.

2019 में 372 सड़क हादसे
इधर, जिले में सड़क हादसों की बात करें तो अप्रैल महीने तक सड़क हादसों का मामला पिछले साल के मुकाबले कम था, लेकिन जून के अंत तक सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो गया. इसके साथ मौत के आंकड़े भी बढ़ गए. वर्ष 2018 में 30 जून तक 341 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया. इसमें 324 घायल और 105 मृतकों की संख्या थी. वहीं 2019 में 372 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया है, इसमें 380 लोग घायल हुए हैं और 132 लोगों की मौत हुई है. जिन मार्गों पर ये हादसा हुआ है उनमें ग्रामीण और शहरी मार्ग पर 36 मौतें, राष्ट्रीय राजमार्ग में 33, राजमार्ग पर 23 और 9 ऐसे मामले हैं जिनके कारणों का पता ही नहीं लगा है.

6 से 9 बजे के बीच ज्यादातर हादसे
यातायात विभाग के मुताबिक ज्यादातर सड़क हादसे शाम 6:00 बजे से रात 9 बजे के बीच हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में 62 दोपहिया वाहन चालक और 21 पैदल यात्री हैं. इसमें सबसे ज्यादा 31 मौतें हाइवा या ट्रेलर की टक्कर से हुई है. यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच में जो बातें सामने आई है, उसके मुताबिक तेज गति से वाहन चलाने के कारण 48 लोगों की और लापरवाही से वाहन चलाने में 24 लोगों की मौत हुई.

Intro:कोरबा जिले में यातायात पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता भले ही ना मिले, लेकिन शराबी वाहन चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। रोज 2 से अधिक वाहन चालकों का लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। वाहनों के लाइसेंस निलंबित करने के अलावा इन मामलों को अदालत ने भी पेश किया जा रहा है।


Body:यातायात थाना में पदस्थ सूबेदार भुनेश्वर कश्यप ने बताया कि जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक कुल 462 मामले शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए। इन लाइसेंस धारियों के निलंबन की अनुशंसा भी की गई। जिसमें से 415 के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। सूबेदार कश्यप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार लगातार दो बार लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही की जा सकती है। तीसरी बार में लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। आंकड़े बताते हैं कि कुल 2605 प्रकरण शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ बनाए गए। जबकि 12036 प्रकरण मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बनाए गए हैं। जिले की कुल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 14661 प्रकरण बनाए गए, जिसमें 80 लाख 44 हजार 800 रुपए समन शुल्क के रूप में पुलिस ने वसूला है। पिछले साल के मुकाबले यह रकम लगभग 10 फ़ीसदी अधिक है।
सड़क हादसों की बात करें तो अप्रैल माह तक सड़क हादसे के मामले पिछले साल के मुकाबले कम थे लेकिन जून की विदाई होते तक इनकी संख्या में इजाफा हो गया। इसके साथ ही मौतों की संख्या भी बढ़ गई। वर्ष 2018 में 30 जून तक सड़क हादसे के 341 प्रकरण कायम हुए और इसमें 324 घायल हुए, मृतकों की संख्या 105 रही। इसी अवधि में 2019 में 372 सड़क हादसे के प्रकरण विभिन्न थाना क्षेत्रों में कायम किए गए। सड़क हादसे में 380 लोग घायल हुए और 132 लोगों की मौत हुई। कुल मिलाकर देखा जाए तो सड़क हादसा बढ़ने के साथ ही घायल एवं मृतकों की संख्या भी बढ़ी है। जिन मार्गों पर हादसा हुआ है उनमें ग्रामीण व शहरी मार्ग में 36 मौतें, राष्ट्रीय राजमार्ग में 33, राजमार्ग में 23 और 9 ऐसे मामले हैं जिनके कारणों का पता ही नहीं लगा।


Conclusion:यातायात विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश हादसे शाम 6:00 बजे से लेकर रात्रि 9:00 बजे के बीच हुए हैं आंकड़ों के अनुसार मरने वालों में 62 दुपहिया वाहन और 21 पैदल यात्री शामिल है जबकि सबसे ज्यादा 31 मौतें हाईवे ट्रेलर की ठोकर लगने से हुई है।
अब तक यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच की गई और उसमें जो बातें सामने आई हैं उसके अनुसार तेज गति से वाहन चलाने के कारण 48 लोगों को और लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से 24 लोगों की मौत हुई।

बाइट- भुनेश्वर कश्यप, सूबेदार, यातायात थाना
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