कोरबा: जिले में सड़क हादसे को रोकने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाया है. कोरबा पुलिस हर दिन 2 से ज्यादा ऐसे ड्राइवरों का लाइसेंस कैंसिल कर रही जो शराब के नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं. इसके अलावा पुलिस गलत लेन पर गाड़ी चलाने, तेज रफ्तार में ड्राइविंग करने वालों के भी लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं.
इस साल 415 लाइसेंस निलंबित
हालांकि इन सबके बावजूद जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. यातायात थाना में पदस्थ सूबेदार भुनेश्वर कश्यप ने बताया कि जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक जिले में 462 मामले शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. इसमें सभी आरोपी ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबन की अनुशंसा की गई थी. जिसमें से 415 के लाइसेंस निलंबित भी कर दिए गए हैं. सूबेदार कश्यप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लगातार दो बार लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है. तीसरी बार में लाइसेंस हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा.
80 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया
आंकड़े बताते हैं कोरबा में कुल 2 हजार 605 प्रकरण शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. जबकि 12 हजार 36 प्रकरण मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं. जिले की कुल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 14 हजार 661 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में पुलिस ने 80 लाख 44 हजार 800 रुपये समन शुल्क के रूप में वसूला है. पिछले साल के मुकाबले इस साल में यह रकम लगभग 10 फीसदी अधिक है.
2019 में 372 सड़क हादसे
इधर, जिले में सड़क हादसों की बात करें तो अप्रैल महीने तक सड़क हादसों का मामला पिछले साल के मुकाबले कम था, लेकिन जून के अंत तक सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो गया. इसके साथ मौत के आंकड़े भी बढ़ गए. वर्ष 2018 में 30 जून तक 341 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया. इसमें 324 घायल और 105 मृतकों की संख्या थी. वहीं 2019 में 372 सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया है, इसमें 380 लोग घायल हुए हैं और 132 लोगों की मौत हुई है. जिन मार्गों पर ये हादसा हुआ है उनमें ग्रामीण और शहरी मार्ग पर 36 मौतें, राष्ट्रीय राजमार्ग में 33, राजमार्ग पर 23 और 9 ऐसे मामले हैं जिनके कारणों का पता ही नहीं लगा है.
6 से 9 बजे के बीच ज्यादातर हादसे
यातायात विभाग के मुताबिक ज्यादातर सड़क हादसे शाम 6:00 बजे से रात 9 बजे के बीच हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में 62 दोपहिया वाहन चालक और 21 पैदल यात्री हैं. इसमें सबसे ज्यादा 31 मौतें हाइवा या ट्रेलर की टक्कर से हुई है. यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच में जो बातें सामने आई है, उसके मुताबिक तेज गति से वाहन चलाने के कारण 48 लोगों की और लापरवाही से वाहन चलाने में 24 लोगों की मौत हुई.