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कोरबा: पेंशन की आस में रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी, प्रशासन से लगाई गुहार

स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त रामेश्वर पिछले 12 महीनों से पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य भुगतान के लिए भटक रहे हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के RHO में पदस्थ लेखापाल संतपाल यादव पर आरोप लगाया है कि वह उसकी पेंशन की फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा है. इसके साथ प्रार्थी ने संतपाल पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया है.

health worker pension problem
पेंशन के लिए भटक रहा रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी
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Published : May 12, 2020, 11:33 PM IST

Updated : May 12, 2020, 11:47 PM IST

कोरबा: जिले के करतला ब्लॉक में सालभर बाद भी रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी को पेंशन सहित अन्य भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है. पूर्व स्वास्थ्य कर्मचारी रामेश्वर प्रसाद दुबे अधिकारी से लेकर बाबू तक अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन इसे लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त रामेश्वर पिछले 12 महीनों से पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य भुगतान के लिए भटक रहे हैं.

पेंशन के लिए भटक रहा रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी

करतला ब्लॉक के सरगबुंदिया गांव का रहने वाला रामेश्वर प्रसाद कोरबा जिले के कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह 30 जून 2019 को रिटायर होने के बाद इस आस में थे कि उन्हें पेंशन के पैसे मिलेंगे, लेकिन उन मेहनत के पैसों के इंतजार में 12 महीने बीत गए. रामेश्वर प्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग के RHO में पदस्थ लेखापाल संतपाल यादव पर आरोप लगाया है कि उसने पेंशन की फाइल आगे बढ़ाने के एवज में 25 हजार रुपए की मांग की थी. जिसमें से रामेश्वर प्रसाद ने 10 हजार संतपाल को दे दिया है. बाकी के बचे हुए रुपए नहीं देने के कारण संतपाल यादव ने पेंशन की फाइल को रोक दिया है.

मदद की आस में है रामेश्वर

इस मामले में संतपाल यादव ने खुद पर लगे आरोप खारिज कर दिए हैं. संतपाल ने कहा कि उसने किसी से पैसे नहीं लिए हैं. उन्हें फंसाया जा रहा है. वहीं रामेश्वर प्रसाद का कहना है कि उसके सामने रोजी-रोटी की परेशानी आ गई है. लॉकडाउन की वजह से भी कई परेशानियां हो रही हैं. इसके साथ ही पैसे नहीं होने की वजह से घर चलाना मुश्किल हो गया है. इसे लेकर रामेश्वर ने उच्च अधिकारियों से मदद मांगी है.

कोरबा: जिले के करतला ब्लॉक में सालभर बाद भी रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी को पेंशन सहित अन्य भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है. पूर्व स्वास्थ्य कर्मचारी रामेश्वर प्रसाद दुबे अधिकारी से लेकर बाबू तक अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन इसे लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त रामेश्वर पिछले 12 महीनों से पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य भुगतान के लिए भटक रहे हैं.

पेंशन के लिए भटक रहा रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी

करतला ब्लॉक के सरगबुंदिया गांव का रहने वाला रामेश्वर प्रसाद कोरबा जिले के कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह 30 जून 2019 को रिटायर होने के बाद इस आस में थे कि उन्हें पेंशन के पैसे मिलेंगे, लेकिन उन मेहनत के पैसों के इंतजार में 12 महीने बीत गए. रामेश्वर प्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग के RHO में पदस्थ लेखापाल संतपाल यादव पर आरोप लगाया है कि उसने पेंशन की फाइल आगे बढ़ाने के एवज में 25 हजार रुपए की मांग की थी. जिसमें से रामेश्वर प्रसाद ने 10 हजार संतपाल को दे दिया है. बाकी के बचे हुए रुपए नहीं देने के कारण संतपाल यादव ने पेंशन की फाइल को रोक दिया है.

मदद की आस में है रामेश्वर

इस मामले में संतपाल यादव ने खुद पर लगे आरोप खारिज कर दिए हैं. संतपाल ने कहा कि उसने किसी से पैसे नहीं लिए हैं. उन्हें फंसाया जा रहा है. वहीं रामेश्वर प्रसाद का कहना है कि उसके सामने रोजी-रोटी की परेशानी आ गई है. लॉकडाउन की वजह से भी कई परेशानियां हो रही हैं. इसके साथ ही पैसे नहीं होने की वजह से घर चलाना मुश्किल हो गया है. इसे लेकर रामेश्वर ने उच्च अधिकारियों से मदद मांगी है.

Last Updated : May 12, 2020, 11:47 PM IST
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