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कोरबा: कुसमुंडा कोयला खदान से 36 घंटे बाद मजदूर का शव बरामद, पुलिस करेगी जांच - कोरबा पुलिस

SECL की कुसमुंडा कोयला खदान में कार्यरत एक ठेका श्रमिक मलबे में दब गया था, जिसके शव को 36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बरामद कर लिया गया है. वहीं पुलिस इस केस की जांच में जुटी है.

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कुसमुंडा कोयला खदान से 36 घंटे बाद मजदूर का शव बरामद
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Published : Jul 24, 2020, 9:44 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 10:57 PM IST

कोरबा: SECL की कुसमुंडा कोयला खदान में कार्यरत एक ठेका श्रमिक सुरेश दास एक दिन पहले बारिश के साथ आए मलबे में दब गया था. लगभग 36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार शुक्रवार की शाम सुरेश का शव बरामद किया गया. इसके लिए बिलासपुर से की टीम को बुलाया गया था. शव बरामद होने के बाद वैधानिक कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे युवक के परिजन को सौंप दिया गया है.

इसके अलावा मुआवजे के तौर पर प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है. जबकि तत्काल एक लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 70 हजारे रुपये, परिजनों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी. मुआवजा और नौकरी संबंधित संबंधित अन्य मांगों को पूरा करने पर SECL ने सहमति दी है.

कुसमुंडा कोयला खदान से 36 घंटे बाद मजदूर का शव बरामद

गुरुवार को खदान के भीतर मलबे में दबे मजदूर के लापता होने के बाद एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी. 36 घंटे के बाद शव को बरामद कर लिया है. दरअसल एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में 23 जुलाई तड़के एक श्रमिक की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. पम्प ऑपरेटर के हेल्पर का काम करने वाले श्रमिक पर पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आ गिरा था, जिसमें दबने से उसकी मौत हो गई थी, जबकि उसके साथी बाल बाल बचे थे.

परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन और साथी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने SECL पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोड सेल के कोयला डिस्पैच को बंद करा दिया. शुक्रवार को भी पूरे दिन कुसमुंडा खदान से कोयले का उत्पादन पूरी तरह से बंद रही. इस दौरान उन्होंने एसीएईएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Rescue team recovered body after 36 hours from Kusmunda coal mine in korba
36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिला मजदूर का शव

रेस्क्यू टीम ने शव किया बरामद

परिजन का आरोप है कि घटना SECL की लापरवाही से घटित हुई है. जहां पर श्रमिक कार्य कर रहा था ठीक उसके ऊपर के स्थान में जलभराव हो रहा था, जिसकी जानकारी प्रबंधन को दी गई थी. गुरुवार को अधिक वर्षा होने के कारण पानी मलबे के साथ तेज रफ्तार से नीचे आया, जिसमें दबकर युवक की मौत हो गई. श्रमिक नेता कादिर खान ने यह भी बताया की घटना के 5 घंटे बाद ऐसी प्रबंधन के रेस्क्यू टीम पहुंची थी. रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार की शाम 5 बजे मृतक का शव को खोज निकाला है.

पुलिस करेगी मामले की जांच
सीएसपी दर्री केएल सिन्हा ने बताया कि मजदूर के मलबे में दबने से मौत होने की घटना के 36 घंटे बाद शव बरामद कर लिया गया है. इस मामले के हर पहलू पर जांच की जाएगी. हादसे में यदि SECL प्रबंधन के लापरवाही सामने आती है, तब प्रबंधन के विरुद्ध भी FIR दर्ज की जा सकती है.

कोरबा: SECL की कुसमुंडा कोयला खदान में कार्यरत एक ठेका श्रमिक सुरेश दास एक दिन पहले बारिश के साथ आए मलबे में दब गया था. लगभग 36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार शुक्रवार की शाम सुरेश का शव बरामद किया गया. इसके लिए बिलासपुर से की टीम को बुलाया गया था. शव बरामद होने के बाद वैधानिक कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे युवक के परिजन को सौंप दिया गया है.

इसके अलावा मुआवजे के तौर पर प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है. जबकि तत्काल एक लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 70 हजारे रुपये, परिजनों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी. मुआवजा और नौकरी संबंधित संबंधित अन्य मांगों को पूरा करने पर SECL ने सहमति दी है.

कुसमुंडा कोयला खदान से 36 घंटे बाद मजदूर का शव बरामद

गुरुवार को खदान के भीतर मलबे में दबे मजदूर के लापता होने के बाद एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी. 36 घंटे के बाद शव को बरामद कर लिया है. दरअसल एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में 23 जुलाई तड़के एक श्रमिक की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. पम्प ऑपरेटर के हेल्पर का काम करने वाले श्रमिक पर पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आ गिरा था, जिसमें दबने से उसकी मौत हो गई थी, जबकि उसके साथी बाल बाल बचे थे.

परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन और साथी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने SECL पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोड सेल के कोयला डिस्पैच को बंद करा दिया. शुक्रवार को भी पूरे दिन कुसमुंडा खदान से कोयले का उत्पादन पूरी तरह से बंद रही. इस दौरान उन्होंने एसीएईएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Rescue team recovered body after 36 hours from Kusmunda coal mine in korba
36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिला मजदूर का शव

रेस्क्यू टीम ने शव किया बरामद

परिजन का आरोप है कि घटना SECL की लापरवाही से घटित हुई है. जहां पर श्रमिक कार्य कर रहा था ठीक उसके ऊपर के स्थान में जलभराव हो रहा था, जिसकी जानकारी प्रबंधन को दी गई थी. गुरुवार को अधिक वर्षा होने के कारण पानी मलबे के साथ तेज रफ्तार से नीचे आया, जिसमें दबकर युवक की मौत हो गई. श्रमिक नेता कादिर खान ने यह भी बताया की घटना के 5 घंटे बाद ऐसी प्रबंधन के रेस्क्यू टीम पहुंची थी. रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार की शाम 5 बजे मृतक का शव को खोज निकाला है.

पुलिस करेगी मामले की जांच
सीएसपी दर्री केएल सिन्हा ने बताया कि मजदूर के मलबे में दबने से मौत होने की घटना के 36 घंटे बाद शव बरामद कर लिया गया है. इस मामले के हर पहलू पर जांच की जाएगी. हादसे में यदि SECL प्रबंधन के लापरवाही सामने आती है, तब प्रबंधन के विरुद्ध भी FIR दर्ज की जा सकती है.

Last Updated : Jul 24, 2020, 10:57 PM IST
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