कोरबा: कोरबा में सीएम भूपेश बघेल का आगमन कब होगा और वह जनसभा का आयोजन कब करेंगे? इसकी पुख्ता सूचना किसी के पास नहीं है. तारीखें, लगातार 7और 8 दिसंबर से आगे खिसकती जा रही है. वहीं सीएम की नजर में अपना नंबर बढवाने के लिए अफसरों ने जिले के घंटाघर ओपन थिएटर स्थित चौपाटी में लाखों का डोम और टेंट 15 से 17 दिन पहले ही तान दिया है. इसके लिए ओपन थिएटर की चौपाटी में ठेला लगाकर अपना पेट पालने वाले छोटे व्यवसायियों को यहां से बाहर खदेड़ कर फुटपाथ पर भेज दिया गया है. जिनका व्यवसाय पिछले 10 से 12 दिनों से ठप है. उन्हें पार्किंग सहित कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.
सभी जिलों का कर रहे दौरा कोरबा में भी आने की है चर्चा
सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों का दौरा कर वहां के लोकल कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे. विधानसभा सत्र शुरू होने के पहले तक वह किसी न किसी जिले के प्रवास पर थे. इसी तारतम्य में उनका प्रवास कोरबा में भी प्रस्तावित था. सूचना यह थी कि 7 से8 दिसंबर के बीच वे कोरबा आ सकते है. इस दौरान वे घंटाघर के ओपन थिएटर में जनसभा को संबोधित करेते. 7 और 8 तारीख के बाद उनके दौरे की तारीख आगे खिसक कर 12 और 13 हो गई. जिसके बाद 18 तारीख को भी उनके आने की सूचना मिली, लेकिन अब 24 दिसंबर तक भी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. जिससे यह पता चल सके कि सीएम का कोरबा आगमन कब हो रहा है.
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7 दिसंबर से ही तैयारियां शुरू
सीएम के आगमन और उनके जनसभा के लिए प्रशासन ने 7 दिसंबर से ही तैयारियां शुरू कर दी थी. इसके लिए ओपन थिएटर स्थित चौपाटी में एक विशालकाय डोम स्थापित कर दिया गया है. जो कि लगातार 7 और 8 दिसंबर से अब तक वहीं मौजूद है. एक टेंट व्यवसायी ने बताया कि चौपाटी में लगे विशालकाय टेंट की लागत कम से कम 20 रुपए है. यह दाम भी कार्यक्रम नहीं होने की स्थिति में है. अन्यथा प्रतिदिन के 5 से 7 लाख रुपये का किराया बनता है. लागत इससे ज्यादा भी हो सकती है, लेकिन कार्यक्रम नहीं होने पर कुछ रियायत दे दी जाती है.
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सर्वाधिक परेशान है चौपाटी के ठेले वाले
चौपाटी में लगे डोम से सर्वाधिक परेशान यहां के ठेले वाले हैं जो कि ओपन थिएटर स्थित जिले के एकमात्र चौपाटी में ठेले लगाकर अपना व्यवसाय करते हैं. चौपाटी में पार्किंग का भी उपयुक्त स्थान है. लेकिन अब चौपाटी के तमाम ठेले वालों को यहां से बाहर कर फुटपाथ पर खदेड़ दिया गया है. जहां उनका व्यवसाय लगभग 10 से 12 दिनों से ठप है. चौपाटी के ठेले वालो का कहना है कि सामने की तरफ जो ठेले वाले हैं उनका व्यवसाय तो कुछ हो भी जाता है, लेकिन पीछे वाले बिल्कुल भी व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं. पार्किंग की जगह भी नहीं है. कोरोना काल में भीड़भाड़ भी जमा हो रही है, जिससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.