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'बुलाती है मगर जाने का नई...' से बांधा समा

मंगलवार को कोरबा के राजीव गांधी ऑडिटोरियम में मुशायरा और कवि सम्मेलन के कार्यक्रम में राहत इंदौरी पहुंचे. उन्होंने अपनी देशभर में मशहूर हुई शायरी 'बुलाती है मगर जाने का नई' सुना कर लोगों का दिला जीत लिया.

Rahat Indouri reached the program of poetry in Korba
राहत इंदौरी पहुंचे कोरबा
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Published : Feb 26, 2020, 3:28 PM IST

कोरबा: देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी मंगलवार को कोरबा के राजीव गांधी इनडोर ऑडिटोरियम में आयोजित मुशायरा और कवि संम्मेलन के कार्यक्रम में शामिल हुए. जिन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे बुलाती है मगर जाने का नई..जैसे शेरों से लोगों का दिल जीत लिया. राहत की शायरियों से पूरे ऑडिटोरियम में रात के 2 बजे तक ठहाके गूंजते रहे. राहत इंदौरी ने अपने ही अंदाज में देश के वर्तमान हालात और सियासत पर अपनी कविताओं के माध्यम से तंज कसे.

मशहूर शायर राहत इंदौरी के मुशायरे ने बांधा समा

मुशायरा के कार्यक्रम में मेयर राज किशोर, सभापति श्याम सुंदर सोनी, नगर पालिका निगम सहित जिला प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. मुशायरा में पहुंचे सभी दर्शक बेसब्री से राहत इंदौरी का इंतजार कर रहे थे. इनके माइक पर आते ही दर्शकों ने उनके शेरों-शायरी का भरपूर लुत्फ उठाया.

'नाम लेना छोड़ दिया पर लोग समझ जाते हैं'
देश की सियासत का जिक्र करते हुए राहत इंदौरी ने कहा कि 'आजकल फोन, ट्वीट और मैसेज आते हैं, और कहा जाता है कि पिछली बार जो शेर आपने पढ़ा था वह अगली बार मत पढ़िए, वरना आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. तो मैंने नाम लेना छोड़ दिया लेकिन लोग इतने समझदार हैं कि वह समझ जाते हैं कि किसका नाम मैंने नहीं लिया है.'

कोरबा: देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी मंगलवार को कोरबा के राजीव गांधी इनडोर ऑडिटोरियम में आयोजित मुशायरा और कवि संम्मेलन के कार्यक्रम में शामिल हुए. जिन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे बुलाती है मगर जाने का नई..जैसे शेरों से लोगों का दिल जीत लिया. राहत की शायरियों से पूरे ऑडिटोरियम में रात के 2 बजे तक ठहाके गूंजते रहे. राहत इंदौरी ने अपने ही अंदाज में देश के वर्तमान हालात और सियासत पर अपनी कविताओं के माध्यम से तंज कसे.

मशहूर शायर राहत इंदौरी के मुशायरे ने बांधा समा

मुशायरा के कार्यक्रम में मेयर राज किशोर, सभापति श्याम सुंदर सोनी, नगर पालिका निगम सहित जिला प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. मुशायरा में पहुंचे सभी दर्शक बेसब्री से राहत इंदौरी का इंतजार कर रहे थे. इनके माइक पर आते ही दर्शकों ने उनके शेरों-शायरी का भरपूर लुत्फ उठाया.

'नाम लेना छोड़ दिया पर लोग समझ जाते हैं'
देश की सियासत का जिक्र करते हुए राहत इंदौरी ने कहा कि 'आजकल फोन, ट्वीट और मैसेज आते हैं, और कहा जाता है कि पिछली बार जो शेर आपने पढ़ा था वह अगली बार मत पढ़िए, वरना आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. तो मैंने नाम लेना छोड़ दिया लेकिन लोग इतने समझदार हैं कि वह समझ जाते हैं कि किसका नाम मैंने नहीं लिया है.'

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