कोरबा : बालको क्षेत्र के शांतिनगर क्षेत्र के लोग प्रदूषण की समस्या से परेशान हैं. यहां के निवासियों का आरोप है कि बालको ने 10 साल पहले 87 परिवार के जमीन का अधिग्रहण कर यहां कूलिंग टावर का निर्माण किया था. लेकिन कूलिंग टावर से लगे मोहल्ले में अब समस्याओं का अंबार लगा है. कुछ निवासियों को रोजगार और पुनर्वास नहीं मिला है. साथ ही साथ क्षेत्र प्रदूषण की मार झेल रहा है.लिहाजा अब मोहल्लावासियों ने आंदोलन शुरु किया है.
''हार्ट अटैक आया, अब भी लगातार झेल रहे हैं प्रदूषण'' : शांति नगर निवासी बुजुर्ग जय प्रकाश मित्तल भी धरने पर बैठे हुए हैं. मित्तल कहते हैं कि "10 साल पहले शांति नगर के जमीन और मकान का अधिग्रहण कर बालको ने यहां कूलिंग टावर का निर्माण किया था. तब कुछ परिवार छूट गए थे, कुछ लोगों से वादा किया था कि उन्हें पुनर्वास, रोजगार दिया जाएगा. यह वादा आज तक अधूरा है. अब बड़ी-बड़ी राख लदी गाड़ियां चल रही हैं. राख हमारे घरों में घुस रहा है. हवा में राख फैला हुआ है. मुझे खुद हार्ट अटैक आ चुका है, मैं बोलने में हाफ रहा हूं. हम सभी मोहल्लेवासी परेशान हो चुके हैं.''
''दिन भर चलने वाली गाड़ियों से हम परेशान'' : शांति नगर निवासी पुष्पा शर्मा ने बताया कि "कूलिंग टावर से ही हमारा मोहल्ला लगा हुआ है. जिससे दिनभर शोर होता है. सारा दिन यहां से भारी वाहन चलते हैं. यहां से हमें विस्थापित भी नहीं किया जा रहा है. ना ही वादों के मुताबिक हमें मुआवजा और अन्य सुविधाएं दी गई हैं. हम चाहते हैं कि इस पर रोक लगे और प्रदूषण से हमें निजात दिलाया जाए.
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बातचीत से समस्या का हल निकालने की बात : पिछले 3 दिनों से चल रहे इस आंदोलन से बालको के भीतर भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से रुक गया है. राख परिवहन का काम बंद है. जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है. बालको प्रबंधन की ओर से त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया जा रहा है. समस्या के समाधान का प्रयास भी किया जा रहा है. इस संबंध में स्थानीय पार्षद हितानंद अग्रवाल ने बताया कि "बालको थाने में पुलिस, बालको प्रबंधन और स्थानीय निवासियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कोई समाधान निकलेगा".