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कोरबा : कुम्हारों का आरोप, प्रशासन और खनिज विभाग के अफसर कर रहे परेशान - potters in korba

कोरबा के कुम्हार अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. उनका आरोप है कि उन्हें ईंट बनाने के लिए मुफ्त में मिलने वाली राख तक उपलब्ध नहीं हो रही है और लॉकडाउन में पुलिस कुम्हारों से अवैध उगाही कर रही है.

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कुम्हार की स्थिति हो रही खराब
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Published : Jul 22, 2020, 4:27 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 8:05 PM IST

कोरबा : लॉकडाउन में कुम्हारों की स्थिति और खराब हो गई है. शासन की योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित हैं. मिट्टी का काम करने वाले कुम्हारों के लिए पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाना दिनों दिन कठिन होता जा रहा है. हालात यह हैं कि, मिट्टी के घड़े और अन्य सामान बनाने के लिए मिट्टी लाने पर भी कुम्हारों को प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारी परेशान कर रहे हैं.

कुम्हार परेशान

अपनी परेशानी को लेकर कुम्हार कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. कुम्हारों का आरोप है कि वर्तमान में लोगों को चोरी के रेत मिल रही है, लेकिन उन्हें ईंट बनाने के लिए मुफ्त में मिलने वाली राख तक उपलब्ध नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में पुलिस उनसे अवैध उगाही कर रही है. खनिज विभाग के अफसर भी लगातार कुम्हारों को परेशान करते हैं. उनकी स्थिति सुधारने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं हो रहा है.

बता दें कि शासन की ओर से कुम्हारों को लाल ईंट बनाने की छूट है. लेकिन ईंट बनाने पर अधिकारी इसे गैरकानूनी बताकर परेशान कर रहे हैं. कुम्हारों का कहना है कि गैरकुम्हार इस तरह के काम में संलिप्त हैं और वो कुम्हारों का नाम भी खराब कर रहे हैं.

पढ़ें : SPECIAL : लॉकडाउन ने फेरा उम्मीदों पर पानी, कर्ज से परेशान कुम्हार

कुम्हारों का कहना है कि आधुनिक परिवेश में मिट्टी से बने बर्तनों को कोई नहीं खरीदता. सभी समाज प्रगति की ओर हैं, लेकिन इकलौता कुम्हार समाज ही ऐसा है जो पिछड़ रहा है. बता दें कुम्हार के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तर में मिट्टी के बर्तन के उपयोग को बढ़ावा दिया था. लेकिन समय बीतने के साथ ही यह काम भी ठंडा पड़ गया.

कोरबा : लॉकडाउन में कुम्हारों की स्थिति और खराब हो गई है. शासन की योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित हैं. मिट्टी का काम करने वाले कुम्हारों के लिए पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाना दिनों दिन कठिन होता जा रहा है. हालात यह हैं कि, मिट्टी के घड़े और अन्य सामान बनाने के लिए मिट्टी लाने पर भी कुम्हारों को प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारी परेशान कर रहे हैं.

कुम्हार परेशान

अपनी परेशानी को लेकर कुम्हार कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. कुम्हारों का आरोप है कि वर्तमान में लोगों को चोरी के रेत मिल रही है, लेकिन उन्हें ईंट बनाने के लिए मुफ्त में मिलने वाली राख तक उपलब्ध नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में पुलिस उनसे अवैध उगाही कर रही है. खनिज विभाग के अफसर भी लगातार कुम्हारों को परेशान करते हैं. उनकी स्थिति सुधारने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं हो रहा है.

बता दें कि शासन की ओर से कुम्हारों को लाल ईंट बनाने की छूट है. लेकिन ईंट बनाने पर अधिकारी इसे गैरकानूनी बताकर परेशान कर रहे हैं. कुम्हारों का कहना है कि गैरकुम्हार इस तरह के काम में संलिप्त हैं और वो कुम्हारों का नाम भी खराब कर रहे हैं.

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कुम्हारों का कहना है कि आधुनिक परिवेश में मिट्टी से बने बर्तनों को कोई नहीं खरीदता. सभी समाज प्रगति की ओर हैं, लेकिन इकलौता कुम्हार समाज ही ऐसा है जो पिछड़ रहा है. बता दें कुम्हार के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तर में मिट्टी के बर्तन के उपयोग को बढ़ावा दिया था. लेकिन समय बीतने के साथ ही यह काम भी ठंडा पड़ गया.

Last Updated : Jul 23, 2020, 8:05 PM IST
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