कोरबा: लॉकडाउन के दौरान देशभर की सभी ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए रद्द कर दिया गया है. ऐसे में यात्रियों से मिलने वाले पैसों पर आश्रित रहने वाले भिक्षुकों को भीख नहीं मिल रही है. हालात ऐसे हैं कि भूख मिटाने के लिए भिक्षुकों को 2 दिनों से निवाला तक नसीब नहीं हुआ था. ऐसे में कुछ पुलिसकर्मियों ने मानवता का परिचय देते हुए उनके लिए भोजन की व्यवस्था की.
बता दें कि रेलवे स्टेशन पर भीख मांगकर जीवन गुजारने वाले कई भिक्षुकों को लॉकडाउन के कारण भोजन नहीं मिल रहा है. इन भिक्षुओं में ऐसे भी हैं, जो चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे दिव्यांग भिक्षुओं की मुश्किल दोगुनी हो गई है. भिक्षुकों ने बताया कि पहले तो उन्हें सामाजिक संगठनों द्वारा रोटी उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन 2 दिनों से वो भी बंद है.
पुलिसकर्मियों ने दिखाई मानवता
इसकी सूचना जब पुलिस तक पहुंची, तो कोतवाली थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा और अन्य पुलिसकर्मियों ने सभी भिक्षुकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की. जब तक देश में लॉकडाउन लागू है, तब तक उन्होंने इनके भोजन की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही है.
वहीं कई लोग अपना इलाज कराने अन्य जिलों से रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद होने के कारण वे कोरबा के रेलवे स्टेशन में फंस गए हैं. ऐसे लोगों को पुलिस ने डायल 112 की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया.