कोरबा: शहर में सोमवार रात कुछ युवक शराब के नशे में हंगामा मचा रहे थे. जिसकी सूचना पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. जिसपर अब सवाल उठ रहे हैं, सवाल आरोपियों की गिरफ्तारी पर नहीं बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं. आरोप है कि, पुलिस रईसजादों को बचाने के लिए मामूली धाराओं के तहत कार्रवाई की है, जबकि युवकों ने पूरी कॉलोनी में जमकर हंगामा मचाया है. ये पूरी घटना कोरबा के दर्री थाना के पुष्प पल्लव कॉलोनी की है. पुलिस पर एक ही केस में दो प्रकरण बनाने का भी आरोप है.
एक मामला, दो प्रकरण
पहले प्रकरण में सहायक उपनिरीक्षक विनोद खांडे को प्रार्थी बनाकर पुलिस ने कार्तिक चावलानी, सार्थक आनंद, आकाश मिचवानी और यश तान्हा को आरोपी बनाया है. वहीं दूसरे प्रकरण में प्रधान आरक्षक नंदलाल साहू को प्रार्थी बनाते हुए संस्कार आदित्य, अनुराग अग्रवाल और आकाश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है. इसी तरह दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज कर कुल 7 युवाओं को आरोपी बनाया गया है. सभी के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी (संशोधन) अधिनियम 36 (च) के तहत कार्रवाई की गई है, जो सामान्य तौर पर बेहद मामूली जमानतीय धारा मानी जाती है. इसमें भी पुलिस ने दो अलग-अलग प्रकरण तो बनाया है, लेकिन सभी से जब्त किए गए सामान के तौर पर एक ही वस्तुओं का उल्लेख है. दोनों ही प्रकरण में आरोपियों से शराब की बोतल, डिस्पोजल और पानी पाउच को जब्त किया जाना बताया गया है.
शिकायत पर पहुंची थी पुलिस
इस मामले में दर्री थाना पुलिस को पुष्प पल्लव कॉलोनी में रहने वाले लोगों से सूचना मिली थी कि उनके मोहल्ले में 8 से 10 युवक शराब पीकर हंगामा रहे हैं. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसमें भी दो अलग-अलग प्रकरण बनाया गया है. इधर, बताया जा रहा है कि, पुलिस ने जिन युवाओं को गिरफ्तार किया है, सभी कोरबा शहर के रसूखदार परिवार से आते हैं. इसमें तो कुछ जिले के बड़े नेताओं के परिवार से भी हैं.
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जानकारी नहीं की गई सार्वजनिक
इन दिनों पुलिस खासतौर पर महुआ शराब की अवैध बिक्री और सेवन के खिलाफ अभियान चला रही है. इसके तहत गांव-गांव में कच्ची शराब के साथ लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस उनकी जानकारी को सार्वजनिक करती है, लेकिन रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले रईसजादों के मामले में पुलिस ने कोई भी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की है. इतना ही नहीं सभी को छोड़ भी दिया गया है.