कोरबा: जांजगीर-चांपा के PIL कंपनी में काम कर रहे यूपी के 8 मजदूरों की मदद कोरबा की उरगा पुलिस ने की. सभी मजदूरों को सरकारी वाहन के जरिए कोरबा के बॉर्डर तक पहुंचाया गया. ये उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं और अपने घरों के लिए पैदल ही लौट रहे थे. ये सभी जांजगीर-चांपा से पैदल निकले थे.
बता दें कि जांजगीर-चांपा की PIL कंपनी में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले 8 मजदूर पिछले 2-3 सालों से काम कर रहे थे, लेकिन जिस कंपनी में मजदूर काम रहे थे, उस कंपनी के ठेकेदार ने 3 महीने से उन्हें पेमेंट नहीं दिया था, जिससे उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई थी.
तीन महीने के बाद मिली एक महीने की सैलरी
मजदूरों ने बताया कि तीन महीने बाद उन्हें एक महीने का पेमेंट दिया गया है. उसी पेमेंट को लेकर हम लोग जांजगीर-चांपा जिले से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक पैदल जा रहे थे. जैसे ही हम लोग चांपा से पैदल चलकर उरगा पहुंचे, तभी वहां की पुलिस ने हम लोगों से पूछताछ की. इसके बाद सभी लोगों को सरकारी वाहन से कोरबा जिले के बॉर्डर तक पहुंचाया गया.
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बता दें कि देश के कई हिस्सों से मजदूर अपने-अपने घर जाने के लिए पैदल निकले थे. इनकी मदद जगह-जगह पुलिस कर रही है.
12 मई से शुरू हुई यात्री ट्रेनें
बता दें कि 12 मई से यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है. देशभर में काम कर रहे मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अचानक देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था, जो अब भी जारी है. इस दौरान ट्रेन, बस और हवाई यात्राओं को स्थगित कर दिया गया था, जिसके कारण मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री और अन्य लोग दूसरे राज्यों में फंस गए थे. अब स्पेशल ट्रेनों से इन्हें इनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा रहा है. हालांकि लॉकडाउन फेज 3 से ही मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. फिर भी कई लोग पैदल अपने गृह राज्यों के लिए निकल पड़े हैं.