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वैक्सीनेशन के नाम पर CYBER फ्रॉड से ऐसे बचें ? - police appeal people to beware of registration fraud

कोरोना वैक्सीन के नाम पर साइबर ठगों से बचने के लिए पुलिस ने साइबर सेल को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने एडवाइजरी जारी की है. ETV भारत भी आपको बता रहा है कि आप साइबर फ्रॉड से कैसे बचें ?

CYBER CELL KORBA
साइबर सेल कोरबा
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Published : Mar 23, 2021, 3:12 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 4:00 PM IST

कोरबा: कोरोना वैक्सिनेशन के नाम पर भी अब साइबर ठगी की जा रही है. कोरोना वैक्सिनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर लोगों से व्यक्तिगत जानकारी पूछकर उनके खातों से बड़ी राशि निकाली जा रही है. हाल में ही ऐसी घटना जिले में एसईसीएल में कार्यरत कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ घटित हुई है. कोरोना टीकाकरण के नाम पर साइबर ठगी कर लोगों के खातों से पैसे उड़ाने की वारदात को रोकने के लिए पुलिस ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर जिले की साइबर सेल को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पुलिस ने की एडवाइजरी जारी

जिला पुलिस ने लोगों से यह अपील की है कि कोरोना टीकाकरण के पंजीयन के लिए अज्ञात नंबरों से आए फर्जी लिंक या काॅल से सतर्क रहें. किसी भी परिस्थिति में अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें. पुलिस इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की गई है. साइबर ठगी होने पर तत्काल जारी साइबर सेल नंबर 98271-50803 या 87707-27143 पर सूचित किया जा सकता है.

जशपुर: मोबाइल बैकिंग के जरिए 7 लाख रुपये की ठगी

फेसबुक का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं

पुलिस से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर बैंक खाता संबंधी और व्यक्तिगत जानकारी न दें. मोबाइल टाॅवर लगाने, क्योस्क सेंटर खोलने सहित अन्य के नाम से आने वाले फोन काॅल या विज्ञापन से सावधान रहें. किसी भी अनजान व्यक्ति के खाते में पैसे न डालें. फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य मैसेंजर पर कोई परिचित या दोस्त पैसे की डिमांड करे तो बिना जांचे या काॅल किए पैसे ने भेजें. फेसबुक का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं, जिसमें अल्फाबेट, कोई संख्या और कोई स्पेशल कैरेक्टर शामिल होने चाहिए. पासवर्ड में अपना नाम, मोबाइल नंबर, जन्म तिथि और सरल भाषा डालने से बचें. कोई भी कस्टमर केयर नंबर गूगल से लेने की बजाए ओरिजनल वेबसाइट से हासिल करें. कस्टमर केयर नंबर हमेशा 1800 से ही शुरू होता है इसलिए किसी भी वेबसाइट के यूआरएल को सीधे टाइप कर उपयोग करें. अनजान नंबर और कंपनी के नाम से भेजे गए मैसेज में लुभावने ऑफर की लिंक को क्लिक करने से बचें.


इन लिंक्स पर क्लिक करने से बचें

प्रोमोकार्ड, रिवॉर्ड प्वाइंट, कैश बैक के लालच में ना आएं. लाॅटरी लगने के नाम से आए हुए व्हाॅट्सएप, मोबाइल काॅल से सावधान रहें. ओएलएक्स एप पर खरीदी-बिक्री करते समय सावधानी रखें, अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही खरीद-बिक्री करें. ऑनलाइन मनी ट्रांसफर साइट जैसे एयरटेल मनी, भीम एप, मोबिक्विक, उबर, चिलर, फोन पे, गूगल पे, पेटीएम में अनजान लिंक को क्लिक करने से बचें. ठग आपके खाते में रिवाॅर्ड (बोनस) पैसा वापस करने के नाम से एक लिंक भेजते हैं जिस पर क्ल्कि करते ही आपके खाते से पैसा निकल जाएगा. सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाॅट्स एप में कम कीमत बिक्री के पोस्ट पर भरोसा ना करें. मोबाइल एप्लीकेशन जैसे एनीडिस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर का यूजर आईडी और पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें और किसी के कहने पर डाउनलोड भी न करें. इससे आपके मोबाइल का कंट्रोल ठग के पास चला जाएगा और आप ठगी का शिकार हो जाएंगे. मोबाइल पर आए अनजान लिंक में अपने बैंक खातेे की जानकारी जैसे ओटीपी, सीवीवी, पिन, यूपीआई, एटीएम कार्ड की डिटेल साझा न करें.

साइबर ठग रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक छोटी राशि जमा करने का लालच देकर आपके बैंक डिटेल की जानकारी हासिल किया जा सकता है. अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड अपने सामने ही स्वाइप कराएं. किसी अनजान व्यक्ति से एटीएम से रकम निकालने में मदद न लें और ना ही उसे अपना एटीएम कार्ड दें. इससे कोई आपके कार्ड की क्लोनिंग कर सकता है या कार्ड बदल भी सकता है.

कोरबा: कोरोना वैक्सिनेशन के नाम पर भी अब साइबर ठगी की जा रही है. कोरोना वैक्सिनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर लोगों से व्यक्तिगत जानकारी पूछकर उनके खातों से बड़ी राशि निकाली जा रही है. हाल में ही ऐसी घटना जिले में एसईसीएल में कार्यरत कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ घटित हुई है. कोरोना टीकाकरण के नाम पर साइबर ठगी कर लोगों के खातों से पैसे उड़ाने की वारदात को रोकने के लिए पुलिस ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर जिले की साइबर सेल को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पुलिस ने की एडवाइजरी जारी

जिला पुलिस ने लोगों से यह अपील की है कि कोरोना टीकाकरण के पंजीयन के लिए अज्ञात नंबरों से आए फर्जी लिंक या काॅल से सतर्क रहें. किसी भी परिस्थिति में अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें. पुलिस इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की गई है. साइबर ठगी होने पर तत्काल जारी साइबर सेल नंबर 98271-50803 या 87707-27143 पर सूचित किया जा सकता है.

जशपुर: मोबाइल बैकिंग के जरिए 7 लाख रुपये की ठगी

फेसबुक का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं

पुलिस से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर बैंक खाता संबंधी और व्यक्तिगत जानकारी न दें. मोबाइल टाॅवर लगाने, क्योस्क सेंटर खोलने सहित अन्य के नाम से आने वाले फोन काॅल या विज्ञापन से सावधान रहें. किसी भी अनजान व्यक्ति के खाते में पैसे न डालें. फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य मैसेंजर पर कोई परिचित या दोस्त पैसे की डिमांड करे तो बिना जांचे या काॅल किए पैसे ने भेजें. फेसबुक का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं, जिसमें अल्फाबेट, कोई संख्या और कोई स्पेशल कैरेक्टर शामिल होने चाहिए. पासवर्ड में अपना नाम, मोबाइल नंबर, जन्म तिथि और सरल भाषा डालने से बचें. कोई भी कस्टमर केयर नंबर गूगल से लेने की बजाए ओरिजनल वेबसाइट से हासिल करें. कस्टमर केयर नंबर हमेशा 1800 से ही शुरू होता है इसलिए किसी भी वेबसाइट के यूआरएल को सीधे टाइप कर उपयोग करें. अनजान नंबर और कंपनी के नाम से भेजे गए मैसेज में लुभावने ऑफर की लिंक को क्लिक करने से बचें.


इन लिंक्स पर क्लिक करने से बचें

प्रोमोकार्ड, रिवॉर्ड प्वाइंट, कैश बैक के लालच में ना आएं. लाॅटरी लगने के नाम से आए हुए व्हाॅट्सएप, मोबाइल काॅल से सावधान रहें. ओएलएक्स एप पर खरीदी-बिक्री करते समय सावधानी रखें, अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही खरीद-बिक्री करें. ऑनलाइन मनी ट्रांसफर साइट जैसे एयरटेल मनी, भीम एप, मोबिक्विक, उबर, चिलर, फोन पे, गूगल पे, पेटीएम में अनजान लिंक को क्लिक करने से बचें. ठग आपके खाते में रिवाॅर्ड (बोनस) पैसा वापस करने के नाम से एक लिंक भेजते हैं जिस पर क्ल्कि करते ही आपके खाते से पैसा निकल जाएगा. सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाॅट्स एप में कम कीमत बिक्री के पोस्ट पर भरोसा ना करें. मोबाइल एप्लीकेशन जैसे एनीडिस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर का यूजर आईडी और पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें और किसी के कहने पर डाउनलोड भी न करें. इससे आपके मोबाइल का कंट्रोल ठग के पास चला जाएगा और आप ठगी का शिकार हो जाएंगे. मोबाइल पर आए अनजान लिंक में अपने बैंक खातेे की जानकारी जैसे ओटीपी, सीवीवी, पिन, यूपीआई, एटीएम कार्ड की डिटेल साझा न करें.

साइबर ठग रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक छोटी राशि जमा करने का लालच देकर आपके बैंक डिटेल की जानकारी हासिल किया जा सकता है. अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड अपने सामने ही स्वाइप कराएं. किसी अनजान व्यक्ति से एटीएम से रकम निकालने में मदद न लें और ना ही उसे अपना एटीएम कार्ड दें. इससे कोई आपके कार्ड की क्लोनिंग कर सकता है या कार्ड बदल भी सकता है.

Last Updated : Mar 24, 2021, 4:00 PM IST
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