कोरबा: 'आत्मनिर्भर नारीशक्ति संवाद' कार्यक्रम के तहत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर की महिला समूह से जुड़ी महिलाओं से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ रही महिलाओं को गुरु मंत्र दिया. हालांकि जिले या छत्तीसगढ़ की महिला समूह की किसी भी सदस्य से पीएम ने बात नहीं की. उन्होंने केवल पीएम का संदेश सुना. यह संवाद एकतरफा था. इस पर महिला सदस्यों का कहना था कि पीएम का संदेश प्रेरक होता है. निश्चित तौर पर उन्हें लाभ मिलेगा.
जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित हुआ कार्यक्रम
पीएम से सीधा संवाद करने के लिए कोरबा के जिला पंचायत कार्यालय के सभाकक्ष में व्यवस्थाएं की गई थी. वर्चुअल संवाद के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. महिला समूह के साथ ही जिला पंचायत के सीईओ, कांग्रेस विधायक पुरुषोत्तम कंवर सहित जिला पंचायत सदस्य भी मौजूद रहे.
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संवाद का कार्यक्रम लगभग डेढ़ घंटे तक चला. पीएम मोदी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की कुछ महिलाओं से बातचीत की. चुनिंदा महिलाओं की सफलता की कहानी का भी प्रदर्शन वीडियो माध्यम से किया गया. जिसे जिले की महिलाओं ने देखा और सुना.
लगातार कर रहे प्रगति
महिला समूह के सदस्यों ने कार्यक्रम के बाद ईटीवी भारत को बताया कि पीएम का संदेश उनके काम आएगा. इसका लाभ उन्हें मिलेगा. सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. जिससे कि उन्हें बैंक से लोन मिल रहा है. स्वावलंबन का सपना पूरा हो रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में समूहों से जोड़ा जाए. हमारे गांव में हम कृषि उत्पाद से संबंधित कई तरह के काम कर रहे हैं. जो महिलाएं समूह से नहीं जुड़ी है, उन्हें जोड़ने का प्रयास करेंगे.
स्वयं सहायता समूहों के लिए पीएम मोदी ने जारी की 1625 करोड़ रुपए की राशि
बातचीत से मिलता है फायदा
देश के पूर्व गृहमंत्री और वर्तमान भाजपा विधायक ननकीराम कंवर भी कार्यक्रम में मौजूद थे. उनका का कहना था कि इस तरह के सीधे संवाद वाले कार्यक्रम से महिलाओं का हौसला बढ़ता है. इसका फायदा फील्ड पर दिखता है. कोरबा में कई महिला समूह हैं, जिन्होंने अपने बल पर आत्मनिर्भरता की कहानी रची है. महिलाओं के लिए कई योजनाएं संचालित हैं, जिसका उन्हें लाभ मिल रहा है.
तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई : पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देशभर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं. पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है.
उन्होंने कहा, आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं. घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है. बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी ज़रूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है.
क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है. यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है और गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है, ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें.
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की कई पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है. स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलायें प्रशिक्षित होकर अपने समुदाय की अगुआ बन गई हैं, जैसे कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बीमा सखी, बैंक संवाद सखी, आदि.
मिशन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को शक्तिसम्पन्न भी बना रहा है. मिशन घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा और लैंगिक मुद्दों, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक बना रहा है और उनकी समझ व व्यवहार को विकसित कर रहा है.
ज्ञात हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. संसद के मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों ने अन्य मुद्दों के साथ कृषि कानूनों पर हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की.