कोरबाः रेल बजट में स्वीकृति और धन राशि आवंटित होने के बाद कोरबा में 10 साल पहले पीट लाइन का निर्माण शुरू किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. रेलवे की इस लापरवाही के कारण यात्रियों को कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है.
इस पीट लाइन निर्माण की लागत अब 5 करोड़ रुपये से बढ़कर 35 करोड़ रुपये हो गई है. रेलवे का कहना था कोरबा से नई यात्री गाड़ी चलाने के लिए प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. गाड़ियों के रखरखाव और धुलाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इसके बाद लोगों ने पीट लाइन निर्माण का प्रस्ताव रखा.
अबतक नहीं हुआ निर्माण
इसके बाद 2008-09 में अप्रूवल मिलने के बाद रेल बजट में 5 करोड़ की रकम पीट लाइन के लिए आवंटित की गई. इसके अनुसार पीट लाइन का काम 1 साल में पूरा होना था. इसके बाद साल 2012 में कागज पर पिट लाइन का काम पूरा दिखा दिया गया. जबकि आज की तारीख में भी पीट लाइन का काम अधूरा है और इसकी लागत अब 35 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है.
रेलवे कर रहा छल
इससे साफ जाहिर होता है कि रेलवे प्रबंधन कोरबा की जनता के साथ छल कर रहा है. इसे लेकर लगाई गई तीनों RTI का जवाब देते हुए रेलवे ने पीट लाइन के कार्य को पूर्ण बताया.
क्या कहते हैं जानकार
रेलवे मामलों के जानकार राम किशन अग्रवाल बताते हैं कि कोरबा में पीट लाइन बन जाने से नई गाड़ियों का परिचालन शुरू करना पड़ेगा. इससे रेलवे को माल ढुलाई में दिक्कत होगी. माल ढुलाई से रेलवे को अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है. सवारी गाड़ियां शुरू होने से मालगाड़ी के परिचालन पर असर पड़ेगा और रेलवे के राजस्व में कमी आएगी.