कोरबा: लॉकडाउन की पाबंदियों के 83 दिन बाद जिले में 12 जून से भक्तों के लिए धार्मिक स्थलों के द्वार खोले दिए गए हैं. कलेक्टर ने मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए सशर्त अनुमति दी है. कलेक्टर किरण कौशल ने गुरुवार की शाम आदेश जारी कर शर्तों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है. इसके साथ ही उद्यान और पार्क में भी लोगों को अब घूमने की अनुमति दे दी है.
कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए अनलॉक-1 में राज्य शासन ने कई अतिरिक्त गतिविधियों के संचालन की छूट दी थी. लेकिन जिला प्रशासन का आदेश न होने के कारण धार्मिक स्थल बंद थे.
जिले की आस्था का केंद्र
जिले में आस्था का केंद्र बिंदु मां सर्वमंगला मंदिर, मां मड़वारानी पहाड़ ऊपर, मां कोसगाई, मां मातिन दाई, मां महिषासुरमर्दिनी चैतुरगढ़ आदि हैं. इसके साथ ही मदरसों में भी समितियों ने नमाज अदा करने के लिए शासन के आदेश आने के बाद इसे फिर से शुरू करने की बात कही है. जबकि चर्च और गुरुद्वारों में भी अब धीरे-धीरे श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो सकेगा.
धार्मिक स्थलों को खोलने के नियम-
धार्मिक स्थल खोलने के आदेश में कलेक्टर ने जिक्र किया है कि :
-प्रवेश द्वार पर पोस्टर के साथ ही ऑडियो वीडियो क्लिप के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी.
-धार्मिक स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को अपने जूते-चप्पल खुद के वाहन के अंदर रखकर प्रवेश करना होगा.
-सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में मेंटेन करनी होगी.
-धार्मिक स्थलों के गर्भगृह में जहां तक संभव हो ताजा हवा और क्रॉस वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.
-मूर्तियों, पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी.
-साथ ही बड़ी सभाएं पूरी तरह से बैन होंगी.
-धार्मिक स्थल पर जल चढ़ाना भी प्रतिबंधित रहेगा.
इसके साथ ही संक्रमण फैलने से संभावित खतरे के मद्देनजर जहां तक संभव हो सके रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जा सकते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि भजन कीर्तन की भी अनुमति नहीं होगी. प्रार्थना के लिए सार्वजनिक चटाई का भी उपयोग नहीं किया जाएगा.
आउटडोर गेम्स की अनुमति
कलेक्टर के आदेश में उद्यानों को खोलने की अनुमति दी गई है. क्लब और स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स में केवल आउटडोर गेम्स की अनुमति दी गई है. इंडोर गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध जारी रहेगा.
कोरबा में कुल संक्रमितों की संख्या 100 के पार हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर हैं, जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं.