कोरबा: जिला प्रशासन ने संक्रमित इलाके में रह रहे लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया है. इसके साथ ही जिला अस्पताल परिसर में मौजूद बालाजी ट्रामा सेंटर को भी संक्रमित लोगों के लिए अधिग्रहित किया गया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हाई रिस्क वाले सभी लोगों को संक्रमित क्षेत्र से निकालकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है.
जिले में अब तक 270 लोगों को 9 विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है. जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रुकने वाले लोगों के लिए रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की है. गेवरा के सीटीआई गेस्ट हाउस में तबलिगी जमात से जुड़े 52 लोगों को भी रखा गया है.
लोगों को किया गया आइसोलेट
शहर के रसियन हास्टल में बने अस्थाई क्वॉरेंटाइन सेंटर में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 26 लोगों को निगरानी में रखा गया है. साथ ही टॉप एन टाउन होटल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में 36 लोगों को रखा गया है. उरगा के रिलेक्स इन होटल में 35, ग्रीन पार्क होटल में 46, प्रगति नगर दीपका में 13, कटघोरा के प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में तीन लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है.
पढ़ें: धरसींवा के साकरा में किया गया सैनिटाइजर का छिड़काव
बालाजी ट्रामा सेंटर को किया अधिग्रहित
जिला दण्डाधिकारी किरण कौशल ने कोरोना के नियंत्रण के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में बालाजी ट्रामा सेंटर अस्पताल को भी तत्काल प्रभाव से अधिग्रहित कर लिया गया है. यहां कटघोरा के संक्रमित इलाकों से गर्भवती महिलाओं और बीमार बुजुर्गों को लाकर सुरक्षित रखा गया है. ट्रामा सेंटर में वर्तमान में 47 लोग क्वॉरेंटाइन किए गए हैं.
बुजुर्गों को किया गया क्वॉरेंटाइन
एनटीपीसी (NTPC) के अस्पताल में भी 12 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. इनमें से कुछ बुजुर्ग उम्रदराज बीमारियों जैसे लकवा, मधुमेह आदि से पीड़ित हैं और लंबे समय से इनका इलाज चल रहा है. कटघोरा के संक्रमित क्षेत्र को पूरी तरह लॉकडाउन करने के बाद इलाके के सभी लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के कारण इन बुजुर्गों के सामने अपनी स्वास्थ्यगत देखभाल की समस्या खड़ी हो गई थी. बुजुर्गों के साथ एक परिजन को भी सहायक के रूप में अस्पताल में रहने की अनुमति दी गई है.