कोरबा: एक तरफ छत्तीसगढ़ में अनेक जिलों में भारत बंद का असर देखा जा रहा है. वहीं कोरबा में किसानों ने आंदोलन से दूरी बना ली है. यहां धान खरीदी केंद्रों में सामान्य दिनों की तरह टोकन काटने के साथ ही धान खरीदी की प्रक्रिया जारी है. यहां पहुंचे ज्यादातर किसानों को आंदोलन के विषय में कोई जानकारी ही नहीं है. वहीं कुछ किसान ऐसे भी मिले हैं, जिन्होंने पीएम मोदी की योजनाओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें मोदी पर भरोसा है.
ईटीवी भारत ने कोरबा के छुरी स्थित धान खरीदी केंद्र केंद्र का जायजा लिया. जहां भारत बंद को लेकर यहां मौजूद किसानों से चर्चा की. जिनमें से ज्यादातर किसानों को आंदोलन के बारे में पता ही नहीं है. वहीं धान खरीदी केंद्र के प्रभारी अशोक दुबे के मुताबिक बंद का खरीदी केंद्र पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि यदि किसान बंद का समर्थन करते तो जिन किसानों ने आज के दिन अपना धान बेचने के लिए टोकन कटाया था, उन्हें बैरंग लौटना पड़ता.
ज्यादातर किसान नए कृषि कानून से अनजान
जिन किसानों के लिए किसान आंदोलन किया जा रहा है. जिनके लिए भारत बंद का आह्वान किया गया है. ऐसे आम किसानों को केंद्र सरकार के नए कानून के बारे में जानकारी भी नहीं हैं. वहीं जो किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे किसान भी कानून को बारीकी से नहीं समझते. किसान मिली जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं, कोई कहता है कि सरकार यदि कुछ कर रही है तो वह अच्छा ही होगा, तो कुछ कह रहे हैं कि वह विधेयक के बारे में तो नहीं जानते हैं. लेकिन ऐसा सुना है कि आंदोलन किसानों के भलाई के लिए है. इसलिए वह इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
आम किसान को इन आंदोलनों और धरना प्रदर्शन से कोई खास सरोकार नहीं है. वह सिर्फ अपना काम करना चाहते हैं, जोकि सामान्य दिनों की तरह धान खरीदी केंद्र पहुंचकर अपना धान तुलाई करवा रहे हैं.