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स्कूल ड्रेस मामला: अफसरों ने जब्त किए नाले में बहते गणवेश, जांच शुरू

10 जून को ETV भारत ने स्कूल ड्रेस की बर्बादी और शिक्षा विभाग की लापरवाही का मुद्दा उठाया था. (school dress case) शुक्रवार को शहर से लगे गांव नकटीखार के नाले में बहते हुए भी ड्रेस पाए गए. इसी कड़ी में अधिकारियों ने नाले से ड्रेस बरामद कर मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है. अब मामले में जांच शुरू कर दी गई है.

school dress flowing in the drain
जब्त किए गए स्कूल ड्रेस
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Published : Jun 13, 2021, 1:22 PM IST

Updated : Jun 13, 2021, 3:04 PM IST

कोरबा: स्कूल ड्रेस मामले (school dress case) में लापरवाही उजागर होने के बाद अब कोरबा कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) के निर्देश पर शिक्षा विभाग (education Department) ने इसकी जांच शुरू कर दी है (investigation in school dress case). 3 दिन पहले स्कूली बच्चों के गणवेश (स्कूल ड्रेस) दादर स्थित BEO कार्यालय में पदस्थ बाबू धीरज आर्य के घर में कचरे की तरह फेंके हुए मिले थे. शनिवार की सुबह ये नकटीखार के नाले में बहते हुए पाए गए. शिक्षा विभाग ने शनिवार को ही जांच टीम गठित कर ली थी. इसके बाद टीम ने ETV भारत की खबर के बाद इस मामले को संज्ञान में लिया.

नाले में बहते मिले स्कूल ड्रेस

नाले में स्कूल ड्रेस बहने की खबर मिलते ही बीईओ संजय अग्रवाल (BEO Sanjay Agarwal) की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी नकटीखार के नाले पहुंची. यहां से नाले में बहते हुए स्कूल ड्रेस को पंचनामा बनाकर जब्त किया गया. जांच कमेटी ने स्थानीय ग्रामीणों से भी चर्चा की और आगे और भी पड़ताल करने की बात कही है.

बाबू के घर में टीम को कुछ नहीं मिला

स्कूल ड्रेस घोटाले (school dress scam) की खबर सबसे पहले ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. सबसे पहले जिस बाबू के निर्माणाधीन मकान में गणवेश पाए गए थे, वहां जांच कमेटी पहुंची. तब गणवेश (ड्रेस), किताबें, चावल रखने के लिए बनी कोठी सहित टाटपट्टी को हटा दिया गया था. चूंकि निर्माणाधीन मकान खुला हुआ है, जहां किसी का भी प्रवेश संभव है. इसके कारण अफसर यह भी कह रहे हैं कि यहां गणवेश किसी ने लाकर रखे और कौन ले गया इस बिंदु पर जांच की जा रही है. ETV भारत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) और संबंधित बाबू से उनका पक्ष लिया था. शिक्षा विभाग को भी उसी दिन मामले की जानकारी मिल गई थी. लेकिन शिक्षा विभाग तत्काल हरकत में नहीं आया. जांच टीम समाचार प्रकाशित होने के 1 दिन बाद मौके पर पहुंची. तब तक सामान वहां से हटा दिए गए थे. जिसके कारण ही बाबू के निर्माणाधीन मकान से कुछ भी बरामद नहीं हुआ.

स्कूल ड्रेस मामला: कोरबा के नाले में बहते मिले बच्चों के गणवेश, शिक्षा विभाग-जनप्रतिनिधि सब चुप

कार्रवाई से बचने ऐसा करने की संभावना

10 जून को स्कूल ड्रेस बाबू के निर्माणाधीन मकान में मिले थे. इसके बाद 12 जून को वहीं ड्रेस बाबू के घर के पास नकटीखार के नाले में बहते हुए मिले. जिससे इस बात की प्रबल संभावना है कि कार्रवाई से बचने के लिए बाबू ने गणवेश को नाले में तो नहीं फेंक दिया ? नकटीखार नाला के पास ही बाबू का मकान है. जिससे इन संभावनाओं को बल मिल रहा है.

school dress flowing in the drain
नाले से निकाले गए गणवेश

पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन

मामले की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने बीईओ की अध्यक्षता में 2 बीआरसी, एक सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी और 2 शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को मिलाकर 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन (formation of inquiry committee) किया है. टीम इस मामले की जांच करेगी और उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर ठोस कार्रवाई की बात कही जा रही है.

EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली

विभाग ने सांसद को भी किया गुमराह

जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत (MP Jyotsna Mahant) जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की गई थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.

शिक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल

  • विभाग की ओर से सांसद को दी गई जानकारी में जब शत-प्रतिशत गणवेश वितरण की बात कही गई है तो स्कूल ड्रेस कर्मचारी के घर पर क्यों मिले?
  • शिक्षा विभाग की ओर से मुफ्त बांटी जाने वाली किताबें कर्मचारी के घर में पड़ी हुई है?
  • शत-प्रतिशत गणवेश वितरण के बावजूद नाले में बहते सैकड़ों ड्रेस कहां से आए और इसका जिम्मेदार कौन है?
  • शिक्षा विभाग की ओर से गलत जानकारी उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारिओं पर क्या कार्रवाई होगी?

कोरबा: स्कूल ड्रेस मामले (school dress case) में लापरवाही उजागर होने के बाद अब कोरबा कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) के निर्देश पर शिक्षा विभाग (education Department) ने इसकी जांच शुरू कर दी है (investigation in school dress case). 3 दिन पहले स्कूली बच्चों के गणवेश (स्कूल ड्रेस) दादर स्थित BEO कार्यालय में पदस्थ बाबू धीरज आर्य के घर में कचरे की तरह फेंके हुए मिले थे. शनिवार की सुबह ये नकटीखार के नाले में बहते हुए पाए गए. शिक्षा विभाग ने शनिवार को ही जांच टीम गठित कर ली थी. इसके बाद टीम ने ETV भारत की खबर के बाद इस मामले को संज्ञान में लिया.

नाले में बहते मिले स्कूल ड्रेस

नाले में स्कूल ड्रेस बहने की खबर मिलते ही बीईओ संजय अग्रवाल (BEO Sanjay Agarwal) की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी नकटीखार के नाले पहुंची. यहां से नाले में बहते हुए स्कूल ड्रेस को पंचनामा बनाकर जब्त किया गया. जांच कमेटी ने स्थानीय ग्रामीणों से भी चर्चा की और आगे और भी पड़ताल करने की बात कही है.

बाबू के घर में टीम को कुछ नहीं मिला

स्कूल ड्रेस घोटाले (school dress scam) की खबर सबसे पहले ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. सबसे पहले जिस बाबू के निर्माणाधीन मकान में गणवेश पाए गए थे, वहां जांच कमेटी पहुंची. तब गणवेश (ड्रेस), किताबें, चावल रखने के लिए बनी कोठी सहित टाटपट्टी को हटा दिया गया था. चूंकि निर्माणाधीन मकान खुला हुआ है, जहां किसी का भी प्रवेश संभव है. इसके कारण अफसर यह भी कह रहे हैं कि यहां गणवेश किसी ने लाकर रखे और कौन ले गया इस बिंदु पर जांच की जा रही है. ETV भारत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) और संबंधित बाबू से उनका पक्ष लिया था. शिक्षा विभाग को भी उसी दिन मामले की जानकारी मिल गई थी. लेकिन शिक्षा विभाग तत्काल हरकत में नहीं आया. जांच टीम समाचार प्रकाशित होने के 1 दिन बाद मौके पर पहुंची. तब तक सामान वहां से हटा दिए गए थे. जिसके कारण ही बाबू के निर्माणाधीन मकान से कुछ भी बरामद नहीं हुआ.

स्कूल ड्रेस मामला: कोरबा के नाले में बहते मिले बच्चों के गणवेश, शिक्षा विभाग-जनप्रतिनिधि सब चुप

कार्रवाई से बचने ऐसा करने की संभावना

10 जून को स्कूल ड्रेस बाबू के निर्माणाधीन मकान में मिले थे. इसके बाद 12 जून को वहीं ड्रेस बाबू के घर के पास नकटीखार के नाले में बहते हुए मिले. जिससे इस बात की प्रबल संभावना है कि कार्रवाई से बचने के लिए बाबू ने गणवेश को नाले में तो नहीं फेंक दिया ? नकटीखार नाला के पास ही बाबू का मकान है. जिससे इन संभावनाओं को बल मिल रहा है.

school dress flowing in the drain
नाले से निकाले गए गणवेश

पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन

मामले की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने बीईओ की अध्यक्षता में 2 बीआरसी, एक सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी और 2 शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को मिलाकर 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन (formation of inquiry committee) किया है. टीम इस मामले की जांच करेगी और उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर ठोस कार्रवाई की बात कही जा रही है.

EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली

विभाग ने सांसद को भी किया गुमराह

जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत (MP Jyotsna Mahant) जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की गई थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.

शिक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल

  • विभाग की ओर से सांसद को दी गई जानकारी में जब शत-प्रतिशत गणवेश वितरण की बात कही गई है तो स्कूल ड्रेस कर्मचारी के घर पर क्यों मिले?
  • शिक्षा विभाग की ओर से मुफ्त बांटी जाने वाली किताबें कर्मचारी के घर में पड़ी हुई है?
  • शत-प्रतिशत गणवेश वितरण के बावजूद नाले में बहते सैकड़ों ड्रेस कहां से आए और इसका जिम्मेदार कौन है?
  • शिक्षा विभाग की ओर से गलत जानकारी उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारिओं पर क्या कार्रवाई होगी?
Last Updated : Jun 13, 2021, 3:04 PM IST
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