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NTPC कोरबा ने राख का किया सौ फीसदी यूटिलाइजेशन: जीएम - कोरबा न्यूज

एनटीपीसी कोरबा के मुख्य महाप्रबंधक विश्वरूप बसु ने एनटीपीसी के समक्ष चुनौतियां और निकट भविष्य की कार्ययोजना पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोयला आधारित पावर प्लांट के समक्ष राख सबसे बड़ी समस्या है.

NTPC Korba done 100 percent utilization of ash
पावर सेक्टर परिचय कार्यक्रम
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Published : Mar 10, 2021, 11:59 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 7:07 AM IST

कोरबा: एनटीपीसी प्रबंधन ने बुधवार को मीडिया के लिए पावर सेक्टर परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान एनटीपीसी कोरबा के मुख्य महाप्रबंधक विश्वरूप बसु ने एनटीपीसी के समक्ष चुनौतियां और निकट भविष्य की कार्ययोजना पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोयला आधारित पावर प्लांट के समक्ष राख सबसे बड़ी समस्या है. इसका शत-प्रतिशत यूटिलाइजेशन बेहद कठिन कार्य है. एनजीटी के सख्त निर्देश हैं, जिसके अनुसार राख का शत-प्रतिशत यूटिलाइजेशन नहीं हो पा रहा था. लेकिन इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब बीते जनवरी और फरवरी महीने में एनटीपीसी ने राख का शत प्रतिशत यूटिलाइजेशन किया. उन्होंने इसे भविष्य में भी जारी रखने की बात कही है.

NTPC कोरबा ने राख का किया सौ फीसदी यूटिलाइजेशन

'राख का करेंगे सौ फीसदी यूटिलाइजेशन'

जीएम ने बताया कि एनटीपीसी द्वारा जिले में एसईसीएल के मानिकपुर और सुराकछार कोयला खदान में राख भरने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट में भी राख यूटिलाइजेशन किया जा रहा है. वर्तमान में कोरबा-पतरापाली सड़क में एनटीपीसी की राख का उपयोग हो रहा है. आगामी दिनों में कोरबा-चांपा हो या फिर उरगा-बिलासपुर नेशनल हाईवे, इनके निर्माण में भी राख की सप्लाई करने का भरपूर प्रयास रहेगा. लेकिन यह योजना लंबे समय तक नहीं चलेगी. क्योंकि सड़क निर्माण पूर्ण होते ही राख की आवश्यकता यहां खत्म हो जाएगी. आने वाले समय में हम राख उठाव के लिए ट्रेन के खाली रेक में भी राख भरकर इसका परिवहन करेंगे.

कोरबाः कोरोना काल में सहयोग पहुंचाने वाले को किया गया सम्मानित

'सोलर प्लांट के लिए भविष्य में हो सकती है चर्चा'

कोयला आधारित पावर प्लांट के दुष्प्रभावों को देखते हुए जिले में सोलर पावर प्लांट की संभावनाओं पर उन्होंने कहा. कि कोरबा इसके लिए उपयुक्त नहीं है. कई तरह की तकनीकी पहलुओं पर विचार करना होता है. एनटीपीसी द्वारा राजस्थान और गुजरात में खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पावर प्लांट की योजना पर काम शुरू हो चुका है. कोरबा के लिए भी भविष्य में योजना बनेगी. इसके लिए पत्राचार किया गया है. इसके साथ ही कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना की भी फिलहाल कोरबा में कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी कोरबा की इकाई एनटीपीसी कि देश में अन्य इकाइयों से अग्रणी है. एनटीपीसी कोरबा फिलहाल प्रथम पायदान पर है. एनटीपीसी ग्रुप के जितने भी पावर प्लांट देश में हैं, उनका (प्लांट लोड फैक्टर) पीएलएफ 4 प्रतिशत घटकर 64.8% रह गया है. जबकि अकेले एनटीपीसी कोरबा संयंत्र का पीएलएफ 7% बढ़कर 93.85 फ़ीसदी पहुंच गया है.

कोरबा: एनटीपीसी प्रबंधन ने बुधवार को मीडिया के लिए पावर सेक्टर परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान एनटीपीसी कोरबा के मुख्य महाप्रबंधक विश्वरूप बसु ने एनटीपीसी के समक्ष चुनौतियां और निकट भविष्य की कार्ययोजना पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोयला आधारित पावर प्लांट के समक्ष राख सबसे बड़ी समस्या है. इसका शत-प्रतिशत यूटिलाइजेशन बेहद कठिन कार्य है. एनजीटी के सख्त निर्देश हैं, जिसके अनुसार राख का शत-प्रतिशत यूटिलाइजेशन नहीं हो पा रहा था. लेकिन इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब बीते जनवरी और फरवरी महीने में एनटीपीसी ने राख का शत प्रतिशत यूटिलाइजेशन किया. उन्होंने इसे भविष्य में भी जारी रखने की बात कही है.

NTPC कोरबा ने राख का किया सौ फीसदी यूटिलाइजेशन

'राख का करेंगे सौ फीसदी यूटिलाइजेशन'

जीएम ने बताया कि एनटीपीसी द्वारा जिले में एसईसीएल के मानिकपुर और सुराकछार कोयला खदान में राख भरने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट में भी राख यूटिलाइजेशन किया जा रहा है. वर्तमान में कोरबा-पतरापाली सड़क में एनटीपीसी की राख का उपयोग हो रहा है. आगामी दिनों में कोरबा-चांपा हो या फिर उरगा-बिलासपुर नेशनल हाईवे, इनके निर्माण में भी राख की सप्लाई करने का भरपूर प्रयास रहेगा. लेकिन यह योजना लंबे समय तक नहीं चलेगी. क्योंकि सड़क निर्माण पूर्ण होते ही राख की आवश्यकता यहां खत्म हो जाएगी. आने वाले समय में हम राख उठाव के लिए ट्रेन के खाली रेक में भी राख भरकर इसका परिवहन करेंगे.

कोरबाः कोरोना काल में सहयोग पहुंचाने वाले को किया गया सम्मानित

'सोलर प्लांट के लिए भविष्य में हो सकती है चर्चा'

कोयला आधारित पावर प्लांट के दुष्प्रभावों को देखते हुए जिले में सोलर पावर प्लांट की संभावनाओं पर उन्होंने कहा. कि कोरबा इसके लिए उपयुक्त नहीं है. कई तरह की तकनीकी पहलुओं पर विचार करना होता है. एनटीपीसी द्वारा राजस्थान और गुजरात में खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पावर प्लांट की योजना पर काम शुरू हो चुका है. कोरबा के लिए भी भविष्य में योजना बनेगी. इसके लिए पत्राचार किया गया है. इसके साथ ही कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना की भी फिलहाल कोरबा में कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी कोरबा की इकाई एनटीपीसी कि देश में अन्य इकाइयों से अग्रणी है. एनटीपीसी कोरबा फिलहाल प्रथम पायदान पर है. एनटीपीसी ग्रुप के जितने भी पावर प्लांट देश में हैं, उनका (प्लांट लोड फैक्टर) पीएलएफ 4 प्रतिशत घटकर 64.8% रह गया है. जबकि अकेले एनटीपीसी कोरबा संयंत्र का पीएलएफ 7% बढ़कर 93.85 फ़ीसदी पहुंच गया है.

Last Updated : Mar 11, 2021, 7:07 AM IST
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