कोरबा: कोरबा में संचालित प्रयास के बच्चों ने लंबी छलांग लगाई है. राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) में यहां पढ़ने वाले कुल 24 बच्चों ने सफलता हासिल की है. कोरबा जिले में संचालित अकेले प्रयास विद्यालय से 24 बच्चों ने नीट परीक्षा को क्वालीफाई कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बच्चों की इस सफलता पर कोरबा जिला प्रशासन के साथ ही विद्यालय प्रबंधन और शिक्षक भी काफी उत्साहित हैं.
55 में से 24 बच्चों ने क्वालीफाई की परीक्षा: प्रयास विद्यालय के 55 छात्र नीट की परीक्षा में शामिल हुए थे. 24 ने इस परीक्षा को क्वालीफाई कर लिया है. इसी तरह 22 बच्चे जेईई के शामिल हुए थे. इसमें से 9 बच्चों ने परीक्षा को क्वालीफाई किया. हमारे दो बच्चे तो एनआईटी के लिए भी सेलेक्ट हुए हैं. एमबीबीएस और डेंटल कॉलेज में प्रवेश के लिए इंडिया लेवल पर नीट की परीक्षाएं होती हैं. इसे काफी कठिन माना जाता है. बावजूद इसके यहां के इतने सारे बच्चों का प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना एक बड़ी उपलब्धि है.
क्या है प्रयास विद्यालय: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत "प्रयास आवासीय विद्यालय" का संचालन किया जाता है. इसे नक्सल प्रभावित और ट्राइबल जिलों में आदिवासी वर्ग से आने वाले प्रतिभावान छात्रों का भविष्य बनाने के उद्देश्य से संचालित किया जाता है. यहां दसवीं से लेकर 12वीं तक के प्रतिभावान छात्रों को बोर्ड के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है.
"प्रयास विद्यालय में कोचिंग के लिए टेंडर पद्धति के आधार पर सबसे अच्छे शिक्षकों को आमंत्रित किया जाता है. कुछ शिक्षक आईआईटियन हैं. जबकि एमबीबीएस पास कर चुके शिक्षक भी छात्रों को पढ़ा रहे हैं. जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल रही है. छत्तीसगढ़ सरकार और कोरबा जिला प्रशासन की यह एक बेहद महत्वपूर्ण योजना है. जिसका लाभ ट्राइबल क्षेत्र के बच्चों को मिल रहा है." - गौरव शर्मा, प्राचार्य, प्रयास कोरबा
जिलेभर से छात्रों को दिया जाता है प्रवेश: "प्रयास" एक तरह का आवासीय विद्यालय है. जहां पढ़ाई के साथ ही छात्रों को आवासीय सुविधा दी जाती है. यहां पढ़ने के लिए एसटी, एससी वर्ग के छात्रों को स्कूल में एडमिशन लिया जाता है. जिले भर के सरकारी स्कूलों के छात्रों को यहां प्रवेश मिलता है. जिनका चयन मेरिट के आधार पर होता है. संस्था पूरी तरह से सरकारी है. जहां कोचिंग संस्थानों को टेंडर के माध्यम से काम सौंपा जाता है.
राज्य सरकार के कॉलेजों में भी निर्धारित रहता है कोटा: राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) को मूल रूप से ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट भी कहा जाता है. भारतीय चिकित्सा और दंत चिकित्सा संस्थानों में इसी परीक्षा से प्रवेश मिलता है. एमबीबीएस और बीडीएस डिग्री के लिए यह एक प्रवेश परीक्षा है. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है. नीट के आधार पर ही राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 15% कोटे पर छात्रों को एडमिशन मिलता है.