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सीएम का निर्देश V/S ननकीराम का तंज : 3000 में बिक रही 300 की रेत, जुर्माना भरो या अधिकारियों की जेब

Nankiram Kanwar taunt on CM Bhupesh baghel : अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के खिलाफ सीएम के सख्त निर्देश के बाद हो रही कार्रवाई को लेकर विधायक ननकीराम कंवर ने तंज कसा है.

Nankiram Kanwar taunt on the instructions of CM Bhupesh Baghel
सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर ननकीराम कंवर का तंज
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Published : Jan 29, 2022, 5:54 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 6:52 PM IST

कोरबा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ट्वीट के बाद बीते दिनों प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ कार्रवाई की. इस पर भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश को लेकर सरकार को घेरा (Nankiram Kanwar taunt on CM Bhupesh baghel) है. ननकीराम का कहना है कि सरकार खुद ही अवैध काम कर रही है. पहले तो जितने वैध रेत घाट संचालित थे, उन्हें बंद कर दिया गया है. अब जनता को अवैध रेत खरीदने पर मजबूर किया गया. हालात ये हैं कि 300 की रेत 3000 में बिक रही है. यह पैसा सरकार से लेकर अधिकारियों तक की जेब में जा रहा है.

अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई

रेत खादान पहले से संचालित

ननकीराम ने यह भी कहा कि कोरबा में सभी वैध रेत घाटों को बंद किया गया है. जिन्हें पहले विधिवत तौर पर रेत खदान के तौर पर ठेकेदारों को आवंटित किया गया था. भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की, यह रेत खदान पहले भी संचालित थे. अब इन्हें बंद कर दिया गया है. लेकिन रेत खपत तो उतनी ही है. जनता रेत लाए तो लाए कहां से? वैध रेत खदान बंद हैं और अवैध रेत लाएं तो कार्रवाई होगी. या तो जुर्माना भरो या अधिकारियों की जेब में पैसे भरो.

यह भी पढ़ेंः सीएम के आदेश के बाद जागा प्रशासन: धमतरी में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ एक्शन, 7 वाहन जब्त

खदानों को बंद करने से निर्माण कार्य बाधित

ननकी ने कहा कि ग्राम पंचायत में जो भी निर्माण कार्य होते हैं, उनमें अधिकतर पंचायतों में रेत खदान नहीं हैं. पंचायत के लोग अपने गांव में अधीनस्थ छोटे-मोटे झोरखी और नाले से रेत निकालते हैं. इस पर भी प्रशासन के खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग के अधिकारी धर-पकड़ करते हैं. ऐसे में वो वैध रेत किसे कहना चाहते हैं? कंवर ने कहा कि मुझे तो ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जान-बूझकर रेत परिवहन करने वाले को धर-पकड़ कर मोटी रकम वसूलने में लगी है. सरपंचों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है. रामपुर के उरगा थाना अंतर्गत एक मामला आया था कि रेलवे के ठेकेदार अपनी रेत को एक साइट से दूसरी साइट में शिफ्टिंग कर रहे थे, उन्हें भी पकड़ कर उन पर कार्रवाई की जा रही है.

यह भी पढ़ें: सीएम के निर्देश पर हरकत में प्रशासन, ​​​​​​​कोरबा में अवैध खनन करते 10 ट्रैक्टर जब्त

200 प्रकरण दर्ज

दूसरी ओर सीएम का निर्देश मिलते ही जिले का प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है. खनिज, राजस्व, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं. सीएम ने अवैध रेत उत्खनन के लिए कलेक्टर और एसपी की जवाबदेही तय कर दी है, जिसके बाद कार्रवाई तेज हो गई है. निर्देश जारी होने के बाद से 20 से अधिक ट्रैक्टरों को अवैध रेत के उत्खनन और परिवहन के लिए पकड़ा गया है. इस संबंध में कोरबा खनिज विभाग के उपसंचालक एसएस नाग ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कार्रवाई तेज की गई है. हालांकि इसके पहले भी अवैध रेत के उत्खनन और परिवहन पर हमने कार्रवाई की थी. मौजूदा वित्तीय वर्ष में लगभग 200 ट्रैक्टरों को अवैध रेत उत्खनन करते हुए पकड़ा गया है. उनके विरुद्ध प्रकरण बनाया गया है. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

कोरबा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ट्वीट के बाद बीते दिनों प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ कार्रवाई की. इस पर भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश को लेकर सरकार को घेरा (Nankiram Kanwar taunt on CM Bhupesh baghel) है. ननकीराम का कहना है कि सरकार खुद ही अवैध काम कर रही है. पहले तो जितने वैध रेत घाट संचालित थे, उन्हें बंद कर दिया गया है. अब जनता को अवैध रेत खरीदने पर मजबूर किया गया. हालात ये हैं कि 300 की रेत 3000 में बिक रही है. यह पैसा सरकार से लेकर अधिकारियों तक की जेब में जा रहा है.

अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई

रेत खादान पहले से संचालित

ननकीराम ने यह भी कहा कि कोरबा में सभी वैध रेत घाटों को बंद किया गया है. जिन्हें पहले विधिवत तौर पर रेत खदान के तौर पर ठेकेदारों को आवंटित किया गया था. भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की, यह रेत खदान पहले भी संचालित थे. अब इन्हें बंद कर दिया गया है. लेकिन रेत खपत तो उतनी ही है. जनता रेत लाए तो लाए कहां से? वैध रेत खदान बंद हैं और अवैध रेत लाएं तो कार्रवाई होगी. या तो जुर्माना भरो या अधिकारियों की जेब में पैसे भरो.

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खदानों को बंद करने से निर्माण कार्य बाधित

ननकी ने कहा कि ग्राम पंचायत में जो भी निर्माण कार्य होते हैं, उनमें अधिकतर पंचायतों में रेत खदान नहीं हैं. पंचायत के लोग अपने गांव में अधीनस्थ छोटे-मोटे झोरखी और नाले से रेत निकालते हैं. इस पर भी प्रशासन के खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग के अधिकारी धर-पकड़ करते हैं. ऐसे में वो वैध रेत किसे कहना चाहते हैं? कंवर ने कहा कि मुझे तो ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जान-बूझकर रेत परिवहन करने वाले को धर-पकड़ कर मोटी रकम वसूलने में लगी है. सरपंचों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है. रामपुर के उरगा थाना अंतर्गत एक मामला आया था कि रेलवे के ठेकेदार अपनी रेत को एक साइट से दूसरी साइट में शिफ्टिंग कर रहे थे, उन्हें भी पकड़ कर उन पर कार्रवाई की जा रही है.

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200 प्रकरण दर्ज

दूसरी ओर सीएम का निर्देश मिलते ही जिले का प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है. खनिज, राजस्व, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं. सीएम ने अवैध रेत उत्खनन के लिए कलेक्टर और एसपी की जवाबदेही तय कर दी है, जिसके बाद कार्रवाई तेज हो गई है. निर्देश जारी होने के बाद से 20 से अधिक ट्रैक्टरों को अवैध रेत के उत्खनन और परिवहन के लिए पकड़ा गया है. इस संबंध में कोरबा खनिज विभाग के उपसंचालक एसएस नाग ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कार्रवाई तेज की गई है. हालांकि इसके पहले भी अवैध रेत के उत्खनन और परिवहन पर हमने कार्रवाई की थी. मौजूदा वित्तीय वर्ष में लगभग 200 ट्रैक्टरों को अवैध रेत उत्खनन करते हुए पकड़ा गया है. उनके विरुद्ध प्रकरण बनाया गया है. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

Last Updated : Jan 29, 2022, 6:52 PM IST
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