कोरबा: जिले में नियम के खिलाफ और मनमाने तरीके से शिक्षकों के अटैचमेंट पर पाली-तानाखार के कांग्रेस विधायक मोहित केरकेट्टा ने सवाल खड़े किए हैं. शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर संदेह व्यक्त करते हुए केरकेट्टा ने यहां तक कह डाला कि शिक्षा विभाग की कई शिकायतें सामने आई हैं.
हाल ही में शिक्षा विभाग ने एक साथ कई तबादले किए थे. जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल खाली हो गए हैं. इसके बाद भी आपसी सांठ-गांठ कर जिला स्तर पर अस्थाई व्यवस्था के तहत शिक्षकों को अटैच किया गया है. वर्तमान में जिले में लगभग 300 शिक्षक अटैच है. जबकि शिक्षा विभाग जीरो अटैचमेंट जिला बनाने की बात कहता रहा है. इससे व्यवस्था और भी बिगड़ गई है.
अस्थाई तौर पर शिक्षक अटैच
ETV भारत ने इस संबंध में विधायक से बातचीत की. उनका कहना है कि कई बार अधिकारी अपने कार्य से भटक जाते हैं. किसी के कहने पर शिक्षकों को गांव से निकालकर शहर में अस्थाई तौर पर अटैच कर देते हैं. अतिथि शिक्षकों की विषयवार भर्ती जारी है. जैसे ही भर्ती पूरी होगी शिक्षकों को वापस किया जाएगा.
आधा सत्र बीता, फिर भी भर्ती अधूरी
शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण इस साल भी आधा सत्र बीतने के बाद भी स्कूलों को विशेषज्ञ शिक्षक नहीं मिल पाए हैं. सत्र के शुरू में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे. इसी बीच राज्य शासन का आदेश आ गया. जिसमें सरकारी स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे विद्यामितानों को प्राथमिकता देने को कहा गया. स्कूलों में 151 अतिथि शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा अब शाला प्रबंधन समिति को सौंप दिया गया है.
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जिले में 51 एकल शिक्षकीय स्कूल
कोरबा जिले में 51 स्कूल एकल शिक्षकीय हैं. जहां सिर्फ एक शिक्षक पूरे स्कूल की व्यवस्था संभालते हैं. ऐसे ज्यादातर स्कूल पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड में है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले निचले तबके के गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है.