कोरबा: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने 3 साल पूरा कर (3 years of Bhupesh Baghel government) लिया है. प्रदेश भर में जश्न का माहौल है. कांग्रेसी ने आज प्रदेश के कोने-कोने में जश्न मनाया. नगर पालिक निगम कोरबा (Municipal Corporation Korba) में भी विकास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस दौरान भूपेश कैबिनेट के कद्दावर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Revenue Minister Jaisingh Agarwal) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
आईए सवाल-जवाब के माध्यम से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से जानते हैं बघेल सरकार के तीन साल के ( Jaisingh Agarwal Interview on 3 years of Bhupesh Baghel government) कार्यकाल के बारे में...
सवाल : मंत्री जी, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है क्या कहेंगे?
जवाब : 3 सालों में हमने कोरोना की समस्या को झेला, 1 साल चुनाव में चला गया. काफी सारी समस्याएं हमारे समक्ष रही. जिन्होंने चुनौतियां पेश की. इसके बावजूद भी छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है. हर वर्ग के लिए विकास और निर्माण कार्य किया गया है. अभी भी हजारों करोड़ रुपए की लागत से सड़कों के टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया है. मुख्यमंत्री जी के साथ मिलकर हमने स्वयं एनएच की सड़कों को भी कोरबा जिले में स्वीकृति दिलवाई है. इस तरह से काफी सारी उपलब्धियां रही है, जो कि भाजपा शासन काल के 15 साल में नहीं हो सकी, हमने 3 साल में किया है.
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सवाल : 3 साल में आपके अपने राजस्व विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही?
जवाब : मेरे अपने विभाग में जो सबसे बड़ी उपलब्धि रही, वह है नई तहसीलों का निर्माण. हमने अब तक 72 तहसील बना दी है और लगातार इसका विस्तार जारी है. उप तहसील भी बनाए जा रहे हैं. ताकि तहसील के माध्यम से आप जनता को जो छोटे-छोटे काम रहते हैं.उसके लिए परेशान ना होना पड़े. उन्हें सुविधाएं मिलती रहें. भारतीय जनता पार्टी की सरकार 15 साल में 15 तहसील नहीं बना पाई थी. हमने 3 साल में 72 तहसीलों का निर्माण कर दिया है. इसका काम भी लगातार जारी है. इसके अलावा पहले जिन्हें जमीन नहीं मिल पाती थी, उन्हें भी जमीनों का आवंटन किया जा रहा है. फिर चाहे वह सामाजिक संस्थाएं हों, शैक्षणिक संस्थाएं हों. इस तरह के संस्थाओं को जमीन का आवंटन किया जा रहा है. यदि किसी स्थान पर कोई सालों से काबिज है, तो उसे भी जमीन का आवंटन हम कर रहे हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोरबा, कवर्धा जैसे तीन जिलों का हम सर्वे करा रहे हैं. राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने की प्रक्रिया जारी है, कई सारे काम हुए हैं.
सवाल : मंत्री जी, पुनर्वास विभाग भी आपके पास है और कोरबा जिले में ही भू विस्थापित लंबा आंदोलन कर रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान कब होगा?
जवाब : मेरा जो पुनर्वास विभाग है. वह इस पुनर्वास से अलग है. वह मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, लेकिन फिर भी हम लगातार प्रयास करते हैं कि भू विस्थापितों का जो आंदोलन है. उसमें जो मांग की जा रही है. वह पूरी हो उन्हें रोजगार मिले, उचित मुआवजा मिले. इसका प्रयास हम करते रहते हैं. आपको मालूम ही होगा कि जब केंद्र में हमारी सरकार थी. तब हमने अपने ही कोयला मंत्री को बिलासपुर में घेर लिया था और उनसे समस्याओं के निराकरण की मांग की थी. तो हम किसी तरह का भेदभाव नहीं करते. हम यह चाहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कोई समस्या है. तो प्राथमिकता के तौर पर उसका समाधान किया जाए.
सवाल : 3 वर्षों में आप विपक्ष के तौर पर भाजपा को कहां देखते हैं?
जवाब : विपक्ष के तौर पर भारतीय जनता पार्टी की हालत बहुत पतली है. उनके 14 विधायक हैं सदन में और जोगी कांग्रेस के केवल तीन विधायक ही रह गए हैं. हमारे साथी देवव्रत सिंह का हाल ही में निधन हो गया है. इसके अलावा बीएसपी के तीन विधायक मौजूद हैं. लेकिन इसके बावजूद भी हम कोई भेदभाव नहीं करते, विपक्षी विधायकों का काम भी प्राथमिकता के आधार पर करते हैं. लेकिन एक विपक्ष के तौर पर भाजपा बेहद कमजोर है. रही बात दूसरे आरोप की तो मैं यहां मौजूद नहीं था, क्या आरोप थे आप पूछेंगे तो मैं उसका भी जवाब देने को तैयार हूं.
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सवाल : डॉ रमन सिंह कोरबा आए थे, उन्होंने कहा था कि देवू की रिक्त पड़ी जमीन पर सरकार की नजर है आपकी भी नजर है?
जवाब : वह सरकार में थे तब उनकी भी नजर होगी. ज्यादा तो मैं नहीं कहूंगा, लेकिन मेरी नजर उस जमीन पर है और मैं चाहता हूं कि वह जमीन किसानों को वापस मिलनी चाहिए. मैंने लिखित में यह दिया है कि किसानों की जमीन किसानों को वापस हो. लेकिन निर्णय मेरे हाथ में नहीं है. वहां जो शासन की जमीन की 499 एकड़ वह शासन को वापस मिल चुकी है. उसका आवंटन निरस्त हो चुका है, अब बाकी का मामला कोर्ट में है. कोर्ट का मामला एक दूसरा विषय है.
सवाल : पहली बार ऐसा हुआ जब 3 दिन में विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा, क्या कहेंगे?
जवाब : इस दौरान जो मुख्य काम था, जो अनुपूरक बजट था वह पेश किया जा चुका था. जो महत्वपूर्ण विधेयक थे वह भी पारित किए जा चुके थे. विपक्ष के लोग भी ज्यादा दिनों तक विधानसभा को चलाने के मूड में नहीं थे. नगरीय निकाय के चुनाव चल रहे हैं. सभी कि अपने-अपने क्षेत्रों में ड्यूटी लगी हुई है. यदि विधानसभा का सत्र ज्यादा दिन तक चलता तो किसी भी पार्टी के नेताओं को चुनाव-प्रचार करने का ज्यादा अवसर नहीं मिलता. यह भी एक विशेष कारण था. बीजेपी के विधायकों ने विपक्ष का एक मुद्दा उठाया और वह लॉबी में चले गए थे. छत्तीसगढ़ में विधानसभा में क्या नियम है आपको पता ही होगा कि लॉबी में जाने के बाद विधायक निलंबित हो जाते हैं.
इसके बाद वह अतिरिक्त समय चाहते थे. लेकिन 3 बजे का जो समय था, वह मुख्यमंत्री जी के लिए अनुपूरक बजट पेश करने के लिए पूर्व निर्धारित था. अतिरिक्त समय देना संभव नहीं था और ऐसा भी नहीं है कि अचानक से विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित किया गया. विपक्ष को पूरा मौका दिया गया चर्चा के लिए, लेकिन वह तैयार नहीं हुए.
सवाल : वर्तमान में निकाय चुनाव चल रहा है इसके बारे में कुछ कहना चाहेंगे, क्या दावे हैं?
जवाब : वर्तमान निकाय चुनाव के बारे में मेरा बहुत ज्यादा दखल नहीं है. मेरे प्रभार क्षेत्र में चुनाव भी नहीं है. सिर्फ एक वार्ड के पार्षद का चुनाव है. वह भी काफी बेहतर स्थिति में है. बाकी पूरे प्रदेश में जहां-जहां चुनाव हैं, मंत्रियों की ड्यूटी लगी हुई है.