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कोरबा: फीस के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल, अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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Published : Aug 18, 2020, 9:56 PM IST

कोरोना संक्रमण और इसके असर ने लोगों को पहले से ही परेशान कर रखा है, वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों की परेशानी बढ़ा दी है. निजी स्कूलों पर अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. इसे लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ अभिभावकों ने DEO को ज्ञापन सौंपा है

Memorandum to DEO
निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिक्षा मंत्री को ज्ञापन

कोरबा: कोरोना वायरस की वजह से अबतक स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में प्राइवेट स्कूल बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन बच्चों के परिजनों के लिए लॉकडाउन के बीच फीस की वसूली सिरदर्द बन चुका है. निजी स्कूलों की मनमानी को देखते हुए युवा कांग्रेसियों ने शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम के नाम DEO को ज्ञापन सौंपा है और निजी स्कूलों की बढ़ती फीस पर लगाम लगाने की मांग की है.

फीस के लिए दबाव बना रहा स्कूल प्रबंधन

राज्य सरकार ने पत्र जारी कर कोरोना काल में किसी भी स्कूल को फीस नहीं लेने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ स्कूल फीस वसूलने में लगे हुए हैं. फीस नहीं देने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं किया जा रहा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नितिन चौरसिया का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से दी गई गाइडलाइन के बाद भी प्राइवेट स्कूल लगातार फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञापन देने के बाद अगर इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जाती और निजी स्कूल अपने रवैये में सुधार नहीं करता है वे पालकों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे.

पढ़ें: फीस के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल , शिकायत पर होगी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं है. सरकार और परिजनों का कहना है कि बच्चों को अभी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना को लेकर सजकता नहीं है. बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में भयावह बीमारी के बीच बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से कम नहीं है.

कोरबा: कोरोना वायरस की वजह से अबतक स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में प्राइवेट स्कूल बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन बच्चों के परिजनों के लिए लॉकडाउन के बीच फीस की वसूली सिरदर्द बन चुका है. निजी स्कूलों की मनमानी को देखते हुए युवा कांग्रेसियों ने शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम के नाम DEO को ज्ञापन सौंपा है और निजी स्कूलों की बढ़ती फीस पर लगाम लगाने की मांग की है.

फीस के लिए दबाव बना रहा स्कूल प्रबंधन

राज्य सरकार ने पत्र जारी कर कोरोना काल में किसी भी स्कूल को फीस नहीं लेने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ स्कूल फीस वसूलने में लगे हुए हैं. फीस नहीं देने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं किया जा रहा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नितिन चौरसिया का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से दी गई गाइडलाइन के बाद भी प्राइवेट स्कूल लगातार फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञापन देने के बाद अगर इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जाती और निजी स्कूल अपने रवैये में सुधार नहीं करता है वे पालकों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे.

पढ़ें: फीस के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल , शिकायत पर होगी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं है. सरकार और परिजनों का कहना है कि बच्चों को अभी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना को लेकर सजकता नहीं है. बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में भयावह बीमारी के बीच बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से कम नहीं है.

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