कोरबा: मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए डीएमई के निरीक्षण के बाद झगरहा में आईटी कोरबा इंजीनियरिंग कॉलेज भवन को अस्थाई तौर पर चुन लिया गया है. इसके लिए प्रशासन ने 25 एकड़ जमीन भी हस्तांतरित कर दी है. एक दिन पहले ही पाली महोत्सव में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने घोषणा में बताया कि 'दिल्ली से मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही इसका संचालन शुरू होगा.'
डीएमई के अफसरों के साथ ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आईटी कोरबा इंजीनियरिंग कॉलेज का निरीक्षण किया था. यहां 50 एकड़ भूमि उपलब्ध है. चारों ओर सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम मौजूद है. जिले में मेडिकल कॉलेज खुलते ही इसके जरिए कोरबा जिले के साथ पड़ोसी जिला जांजगीर चांपा को भी इसका लाभ मिलेगा. कुल 16 लाख की आबादी इस मेडिकल कॉलेज से लाभान्वित होगी.
350 करोड़ रुपये उपलब्ध
मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जिला स्तर पर ही डीएमएफ से 350 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है. मेडिकल कॉलेज की स्थापना होते ही जटिल बीमारियों का इलाज जिले में ही उपलब्ध होगा. आपात परिस्थितियों में बिलासपुर और रायपुर जैसे शहरों की निर्भरता समाप्त होगी.
आईटी कोरबा को सीपेट में किया जा सकता है शिफ्ट
आईटी कोरबा से इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों की संख्या वर्तमान में फिलहाल 136 है. इन छात्रों को एजुकेशन हब सीपेट में शिफ्ट किया जा सकता है. हालांकि आईटी कोरबा के प्राचार्य की सहमति के बाद ही उनके बच्चों को किसी अन्य भवन में शिफ्ट किया जाएगा.
प्रदेश में अब तक है 6 मेडिकल कॉलेज
प्रदेश में अब तक 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज है. जिसमें से रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर और अंबिकापुर जैसे जिले शामिल हैं. कोरबा में सातवें मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी. संकेत मिल रहे हैं कि सभी औपचारिकताएं और प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है. हालांकि कोरबा में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी और सीटों की क्षमता को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है.