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बाजार सजा, रौनक गायब: होटल-रेस्टॉरेंट के साथ खुले मॉल, खरीदारी के लिए नहीं आ रहे लोग

देश सहित प्रदेश में अनलॉक की प्रकिया शुरू हो चुकी है. मोदी सरकार ने रेस्टॉरेंट और होटल्स के बाद मॉल्स को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके बावजूद भी मार्केट में भीड़ नहीं दिख रही है.

market is not crowded in unlock 1.0
बाजार से रौनक हुई गायब
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Published : Jun 30, 2020, 7:44 AM IST

Updated : Jun 30, 2020, 8:49 AM IST

कोरबा: कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार ने रेस्टॉरेंट और होटल्स के बाद मॉल्स के संचालन की भी अनुमति दे दी है, लेकिन लोग अब भी घरों से बाहर आकर खुलकर खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन से उबरना आसान नहीं होगा. सामान्य परिस्थितियों में आने में एक से 2 साल तक का समय लग सकता है, वो भी तब जब कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रित हो जाए. ऐसे में ETV भारत ने उन उपायों को जानने की कोशिश की, जिनसे मंदी से उबरने में सहायता मिलेगी.

मार्केट में नहीं दिखी रौनक

मजदूरों को बनाएं मजबूत

ETV भारत ने इस मुद्दे पर सीए मॉल संचालक और शहर के व्यवसायियों से चर्चा कर नब्ज टटोलने का प्रयास किया. एक्सपर्ट ने अपनी राय देते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों से जिले में लौटे प्रवासी मजदूरों को सुदृढ़ करना होगा. मजदूरों के लिए रोजगार का प्रबंध करना होगा, जिससे उनकी आय का स्रोत बना रहे. मजदूर जब मजबूत होगा, तभी मार्केट में पैसा आएगा और मंदी दूर होगी.

पढ़ें- अनलॉक 1.0: घर लौटे प्रवासी श्रमिक, लेबर की कमी से अधूरे पड़े निर्माण कार्य


लोकल खरीदारी को देना होगा बढ़ावा

लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन खरीदी काफी दिनों तक बंद थी, लेकिन अब ये फिर से शुरू हो चुकी है. व्यवसायी कहते हैं कि जब तक ऑनलाइन खरीदी होगी, तब तक शहर का पैसा बाहर जाता रहेगा और नियमित अंतराल पर ऐसा होने से जिले से एक बड़ी धनराशि बाहर चली जाएगी, जिसका लोकल अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. एकमात्र तरीका यह है कि हर हाल में लोकल खरीदारी को बढ़ावा देना होगा, जिससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी और आय का साधन बढ़ेगा.

छोटे उद्योगों को देना होगा बढ़ावा

चार्टर्ड अकाउंटेंट कहते हैं कि मंदी से उबरने के लिए छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. जिन सामानों का देश में आयात होता है, उन पर कस्टम ड्यूटी की दर बढ़ाई जानी चाहिए. इससे अर्थव्यवस्था को सुधारने में बड़ी सहायता मिलेगी.

कई तरह के लोन उपलब्ध

लोन के लिए कोई व्यक्ति अहर्ता रखता है या नहीं, ये चेक करने के लिए PSB loan in 59 minute नाम की वेबसाइट काफी कारगर है. इस पर जाकर आप अपनी पात्रता चेक कर सकते हैं. इसके अलावा 29 फरवरी की स्थिति में व्यापारियों को उनकी सीसी लिमिट की आउटस्टैंडिंग अमाउंट की 20 प्रतिशत धनराशि बैंक खुद ही फाइनेंस करता है. इन स्कीम का फायदा उठाकर लोग अपनी स्थिति सुधार सकते हैं.

पढ़ें- UNLOCK 1.0: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के बाद खुले मॉल्स, पहले दिन पसरा रहा सन्नाटा

मॉल्स से गायब हुई रौनक

सरकार के आदेश के बाद बाजार के साथ ही मॉल भी खुल गए हैं, लेकिन फिलहाल यहां वीरानी छाई हुई है. ज्यादातर लोगों को मॉल खुल जाने की जानकारी भी नहीं है, तो दूसरी तरफ लोग यहां जाने से कतरा दे रहे हैं. मॉल मैनेजमेंट के पदाधिकारियों का कहना है कि धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढ़ रही है. मॉल तक लोगों को लाने के लिए कई स्कीम्स भी लॉन्च किए गए हैं. मॉल में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं.

कोरबा: कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार ने रेस्टॉरेंट और होटल्स के बाद मॉल्स के संचालन की भी अनुमति दे दी है, लेकिन लोग अब भी घरों से बाहर आकर खुलकर खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन से उबरना आसान नहीं होगा. सामान्य परिस्थितियों में आने में एक से 2 साल तक का समय लग सकता है, वो भी तब जब कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रित हो जाए. ऐसे में ETV भारत ने उन उपायों को जानने की कोशिश की, जिनसे मंदी से उबरने में सहायता मिलेगी.

मार्केट में नहीं दिखी रौनक

मजदूरों को बनाएं मजबूत

ETV भारत ने इस मुद्दे पर सीए मॉल संचालक और शहर के व्यवसायियों से चर्चा कर नब्ज टटोलने का प्रयास किया. एक्सपर्ट ने अपनी राय देते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों से जिले में लौटे प्रवासी मजदूरों को सुदृढ़ करना होगा. मजदूरों के लिए रोजगार का प्रबंध करना होगा, जिससे उनकी आय का स्रोत बना रहे. मजदूर जब मजबूत होगा, तभी मार्केट में पैसा आएगा और मंदी दूर होगी.

पढ़ें- अनलॉक 1.0: घर लौटे प्रवासी श्रमिक, लेबर की कमी से अधूरे पड़े निर्माण कार्य


लोकल खरीदारी को देना होगा बढ़ावा

लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन खरीदी काफी दिनों तक बंद थी, लेकिन अब ये फिर से शुरू हो चुकी है. व्यवसायी कहते हैं कि जब तक ऑनलाइन खरीदी होगी, तब तक शहर का पैसा बाहर जाता रहेगा और नियमित अंतराल पर ऐसा होने से जिले से एक बड़ी धनराशि बाहर चली जाएगी, जिसका लोकल अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. एकमात्र तरीका यह है कि हर हाल में लोकल खरीदारी को बढ़ावा देना होगा, जिससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी और आय का साधन बढ़ेगा.

छोटे उद्योगों को देना होगा बढ़ावा

चार्टर्ड अकाउंटेंट कहते हैं कि मंदी से उबरने के लिए छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. जिन सामानों का देश में आयात होता है, उन पर कस्टम ड्यूटी की दर बढ़ाई जानी चाहिए. इससे अर्थव्यवस्था को सुधारने में बड़ी सहायता मिलेगी.

कई तरह के लोन उपलब्ध

लोन के लिए कोई व्यक्ति अहर्ता रखता है या नहीं, ये चेक करने के लिए PSB loan in 59 minute नाम की वेबसाइट काफी कारगर है. इस पर जाकर आप अपनी पात्रता चेक कर सकते हैं. इसके अलावा 29 फरवरी की स्थिति में व्यापारियों को उनकी सीसी लिमिट की आउटस्टैंडिंग अमाउंट की 20 प्रतिशत धनराशि बैंक खुद ही फाइनेंस करता है. इन स्कीम का फायदा उठाकर लोग अपनी स्थिति सुधार सकते हैं.

पढ़ें- UNLOCK 1.0: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के बाद खुले मॉल्स, पहले दिन पसरा रहा सन्नाटा

मॉल्स से गायब हुई रौनक

सरकार के आदेश के बाद बाजार के साथ ही मॉल भी खुल गए हैं, लेकिन फिलहाल यहां वीरानी छाई हुई है. ज्यादातर लोगों को मॉल खुल जाने की जानकारी भी नहीं है, तो दूसरी तरफ लोग यहां जाने से कतरा दे रहे हैं. मॉल मैनेजमेंट के पदाधिकारियों का कहना है कि धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढ़ रही है. मॉल तक लोगों को लाने के लिए कई स्कीम्स भी लॉन्च किए गए हैं. मॉल में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं.

Last Updated : Jun 30, 2020, 8:49 AM IST
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