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कटघोरा नगर पालिका: जिले के सबसे पुराने शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग - katghora Nagar palika

1982 में नगर पंचायत और  2015 में नगर पंचायत से नगर पालिका बनी कटघोरा शहर में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. शहर में पानी निकासी के लिए एक नाली का निर्माण कराया जा रहा है, जो बीते दो साल में भी पूरा नहीं हुआ है.

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Published : Oct 31, 2019, 12:07 AM IST

Updated : Oct 31, 2019, 1:26 PM IST

कोरबा: कटघोरा जिले की सबसे पुरानी तहसील है. जो ब्रिटिश काल से संचालित होते चली आ रही है. कटघोरा को 15 वार्डों में विभाजित किया गया है. कटघोरा शहर को सबसे पहले 1982 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. इस समय कटघोरा नगर पंचायत के पहले प्रशासक चुन्नीलाल बंजारे को बनाया गया था. इसके बाद 1988 में माखनलाल शुक्ला यहां से पहले मनोनीत अध्यक्ष बने, जो 1995 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद 1995 में यहां निकाय चुनाव हुए और कांग्रेस के रतन मित्तल जीतकर शहर के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने.

जिले के सबसे पुराने शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग

2015 में कटघोरा को नगर पंचायत से नगर पालिका बनाया गया. नगर पालिका बनने के बाद लोगों ने यहां से बीजेपी के ललिता डिक्सेना को अध्यक्ष चुना. कटघोरा नगर पालिका की कुल जनसंख्या 22 हजार 690 है. इसमें 11, 489 पुरुष और 11,201 महिलाएं बताई जाती है.

  • 1982 में नगर पंचायत और 2015 में नगर पंचायत से नगर पालिका बनी कटघोरा शहर में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
  • शहर में पानी निकासी के लिए एक नाली का निर्माण कराया जा रहा है, जो बीते दो साल में भी पूरा नहीं हुआ है.
  • गर की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है.
  • सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.
  • बिजली-पानी के लिए भी लोग तरस रहे हैं. बिजली कटौती से यहां के लोग काफी परेशान हैं.
  • शहर में शुद्ध पेयजल की भीषण समस्या है. जिसके लिए नगर सरकार कोई कदम नहीं उठाई है.

कोरबा: कटघोरा जिले की सबसे पुरानी तहसील है. जो ब्रिटिश काल से संचालित होते चली आ रही है. कटघोरा को 15 वार्डों में विभाजित किया गया है. कटघोरा शहर को सबसे पहले 1982 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. इस समय कटघोरा नगर पंचायत के पहले प्रशासक चुन्नीलाल बंजारे को बनाया गया था. इसके बाद 1988 में माखनलाल शुक्ला यहां से पहले मनोनीत अध्यक्ष बने, जो 1995 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद 1995 में यहां निकाय चुनाव हुए और कांग्रेस के रतन मित्तल जीतकर शहर के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने.

जिले के सबसे पुराने शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग

2015 में कटघोरा को नगर पंचायत से नगर पालिका बनाया गया. नगर पालिका बनने के बाद लोगों ने यहां से बीजेपी के ललिता डिक्सेना को अध्यक्ष चुना. कटघोरा नगर पालिका की कुल जनसंख्या 22 हजार 690 है. इसमें 11, 489 पुरुष और 11,201 महिलाएं बताई जाती है.

  • 1982 में नगर पंचायत और 2015 में नगर पंचायत से नगर पालिका बनी कटघोरा शहर में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
  • शहर में पानी निकासी के लिए एक नाली का निर्माण कराया जा रहा है, जो बीते दो साल में भी पूरा नहीं हुआ है.
  • गर की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है.
  • सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.
  • बिजली-पानी के लिए भी लोग तरस रहे हैं. बिजली कटौती से यहां के लोग काफी परेशान हैं.
  • शहर में शुद्ध पेयजल की भीषण समस्या है. जिसके लिए नगर सरकार कोई कदम नहीं उठाई है.
Intro:नगर पालिका परिषद कटघोरा नगर का इतिहास
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कटघोरा शहर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित है। कोरबा जिले की सबसे पुरानी तहसील कटघोरा शहर ही था, जोकि ब्रिटिश काल से संचालित होते चली आ रही है। कटघोरा शहर को सबसे पहले नगर पंचायत का दर्जा सन 1982 में प्राप्त हुआ। इस समय कटघोरा नगर पंचायत के पहले प्रशासक चुन्नीलाल बंजारे बने , इसके बाद 1988 में माखनलाल शुक्ला प्रथम मनोनीत अध्यक्ष बने, जिन्होंने 1995 तक अध्यक्ष रहकर कटघोरा नगर पंचायत का संचालन किया। शहर को 15 वार्डों में विभाजित किया गया है जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव होते हैं। 1995 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से कटघोरा के रतन मित्तल जीत हासिल कर प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष बने, जो कि दो पंचवर्षीय लगातार अध्यक्ष रहे। सन 2005 के चुनाव में यहां प्रथम महिला अध्यक्ष के लिए गायत्री जायसवाल को चुना गया। इसके बाद 2010 के चुनाव में पुनः कटघोरा की जनता ने रतन मित्तल को अध्यक्ष के लिए चुना।2015 में नगर पालिका का दर्जा कटघोरा को प्राप्त हुआ तथा इस बार चुनाव में यहां की जनता ने भारतीय जनता पार्टी से अध्यक्ष के लिए श्रीमती ललिता डिक्सेना को चुना।
कटघोरा नगर पालिका की जनसंख्या 22,690 है, जिसमें 11,489 पुरुष हैं, जबकि 11,201 महिलाएं हैं, जो कि यह जनगणना 2011 की रिपोर्ट के अनुसार है।
कटघोरा नगर पालिका तथा यहाँ की जनता आज भी अपनी बुनियादी सुविधाओ के लिए जूझ रही है। यहां पर पानी निकासी के नाली का निर्माण तो कराया तो जा रहा है लेकिन कछुवा गति से चल रहे कार्य को आज 2 वर्षों में भी पूरा नहीं किया जा सका। यहां अभी सड़क समस्या बहुत ही गंभीर विषय बन चुकी है । 2029-20 के नगरी निकाय चुनाव में जनता किसे चुनती है यह यहां की जनता के ऊपर निर्भर करता है क्योंकि पिछले 5 वर्षों में कटघोरा में विकास देखा जाय तो केवल नाम मात्र ही हुआ है, जिससे यहां की जनता भलीभांति वाकिफ़ है.....Conclusion:..
Last Updated : Oct 31, 2019, 1:26 PM IST
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