कोरबा: कटघोरा जिले की सबसे पुरानी तहसील है. जो ब्रिटिश काल से संचालित होते चली आ रही है. कटघोरा को 15 वार्डों में विभाजित किया गया है. कटघोरा शहर को सबसे पहले 1982 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. इस समय कटघोरा नगर पंचायत के पहले प्रशासक चुन्नीलाल बंजारे को बनाया गया था. इसके बाद 1988 में माखनलाल शुक्ला यहां से पहले मनोनीत अध्यक्ष बने, जो 1995 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद 1995 में यहां निकाय चुनाव हुए और कांग्रेस के रतन मित्तल जीतकर शहर के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने.
2015 में कटघोरा को नगर पंचायत से नगर पालिका बनाया गया. नगर पालिका बनने के बाद लोगों ने यहां से बीजेपी के ललिता डिक्सेना को अध्यक्ष चुना. कटघोरा नगर पालिका की कुल जनसंख्या 22 हजार 690 है. इसमें 11, 489 पुरुष और 11,201 महिलाएं बताई जाती है.
- 1982 में नगर पंचायत और 2015 में नगर पंचायत से नगर पालिका बनी कटघोरा शहर में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
- शहर में पानी निकासी के लिए एक नाली का निर्माण कराया जा रहा है, जो बीते दो साल में भी पूरा नहीं हुआ है.
- गर की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है.
- सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.
- बिजली-पानी के लिए भी लोग तरस रहे हैं. बिजली कटौती से यहां के लोग काफी परेशान हैं.
- शहर में शुद्ध पेयजल की भीषण समस्या है. जिसके लिए नगर सरकार कोई कदम नहीं उठाई है.