ETV Bharat / state

कवर्धा जिले में टिड्डियों का हमला, मध्य प्रदेश के रास्ते पहुंचा है छत्तीसगढ़

कवर्धा जिले में भी टिड्डियों ने हमला कर दिया है. जिसपर प्रशासन जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई में जुटा है.

locust attack in korba district
कवर्धा जिले मे टिड्डियों का हमला
author img

By

Published : Jun 16, 2020, 10:06 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 11:48 PM IST

कवर्धा: जिले में टिड्डियों का हमला हुआ है, टिड्डियों के हमले से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. ये टिड्डियों का दल मध्य प्रदेश के बालाघाट से होते हुए छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के खारा वन परिक्षेत्र इलाके में पहुंचा है.

जानकारी के मुताबिक टिड्डियों का दल लोहारा की ओर बढ़ रहा है. कृषि विभाग टिड्डियों के लोकेशन तलाशने में जुटी हुई है. कृषि अधिकारी ने बताया की टिड्डियां बालाघाट के रास्ते कवर्धा जिले के खारा रेंज में आने की सूचना मिल रही है. फिलहाल वन विभाग से संपर्क कर जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है.

पढ़ें : किसानों के लिए बर्बादी बनकर आते हैं टिड्डी दल, करते हैं फसलों का विनाश

कैसे पनपते हैं टिड्डी दल

यह प्रवासी टिड्डे अंटार्कटिक को छोड़ कर बाकी सभी महाद्वीप पर पाए जाते हैं. ये पश्चिमी अफ्रीका, ईजिप्ट से लेकर भारत में पाए जाते हैं. ये टिड्डे अपने जन्म के शुरुआती कुछ दिन तक उड़ नहीं सकते. इस दौरान वह अपने आसपास की घास खाकर बड़े होते हैं. टिड्डी घास की महक का पीछा करते रहते हैं. आमतौर पर इन्हें बड़ा होने में एक माह तक का समय लगता है, लेकिन अनुकूल वातावरण में इनके बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. जब एक जगह पर खाना खत्म हो जाता है, तो पंख वाले बड़े टिड्डे एक खास गंध छोड़ते हैं, जिसका मतलब होता है कि अब खाने के लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है. ऐसे ही टिड्डियों के समूह के समूह जुड़ते जाते हैं और यह विनाशकारी विशालकाय झुंड बन जाते हैं. टिड्डी हवा के रुख के साथ उड़ते हैं और एक दिन में करीब 150 किलो मीटर का सफर कर सकते हैं. जब यह झुंड बना कर खाने की तलाश में निकलते हैं, तो रास्ते में पड़ने वाली किसी भी वनस्पति को नहीं छोड़ते. रेगिस्तानी टिड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे विनाशकारी कीट माना जाता है. यह एक वर्ग किलोमीटर के छोटे से झुंड में ही एक दिन में 35,000 लोगों के भोजन के बराबर वनस्पति खा लेते हैं.

टिड्डियों से रोक थाम और बचाव

हालांकि इन टिड्डियों से रोकथाम और बचाव के लिए फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव जरूर किया जाता है, लेकिन फिर भी यह उनके द्वारा किये जाने वाले नुकसान पर ज्यादा काबू नहीं कर पाता है. इनके उपर कई जगहों पर हेलीकाप्टरों से भी कीट नाशक का छिड़काव करतें हैं. लेकिन इनके झुंड इतने बड़े होतें हैं कि उसका भी इनकी तादात पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

कवर्धा: जिले में टिड्डियों का हमला हुआ है, टिड्डियों के हमले से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. ये टिड्डियों का दल मध्य प्रदेश के बालाघाट से होते हुए छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के खारा वन परिक्षेत्र इलाके में पहुंचा है.

जानकारी के मुताबिक टिड्डियों का दल लोहारा की ओर बढ़ रहा है. कृषि विभाग टिड्डियों के लोकेशन तलाशने में जुटी हुई है. कृषि अधिकारी ने बताया की टिड्डियां बालाघाट के रास्ते कवर्धा जिले के खारा रेंज में आने की सूचना मिल रही है. फिलहाल वन विभाग से संपर्क कर जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है.

पढ़ें : किसानों के लिए बर्बादी बनकर आते हैं टिड्डी दल, करते हैं फसलों का विनाश

कैसे पनपते हैं टिड्डी दल

यह प्रवासी टिड्डे अंटार्कटिक को छोड़ कर बाकी सभी महाद्वीप पर पाए जाते हैं. ये पश्चिमी अफ्रीका, ईजिप्ट से लेकर भारत में पाए जाते हैं. ये टिड्डे अपने जन्म के शुरुआती कुछ दिन तक उड़ नहीं सकते. इस दौरान वह अपने आसपास की घास खाकर बड़े होते हैं. टिड्डी घास की महक का पीछा करते रहते हैं. आमतौर पर इन्हें बड़ा होने में एक माह तक का समय लगता है, लेकिन अनुकूल वातावरण में इनके बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. जब एक जगह पर खाना खत्म हो जाता है, तो पंख वाले बड़े टिड्डे एक खास गंध छोड़ते हैं, जिसका मतलब होता है कि अब खाने के लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है. ऐसे ही टिड्डियों के समूह के समूह जुड़ते जाते हैं और यह विनाशकारी विशालकाय झुंड बन जाते हैं. टिड्डी हवा के रुख के साथ उड़ते हैं और एक दिन में करीब 150 किलो मीटर का सफर कर सकते हैं. जब यह झुंड बना कर खाने की तलाश में निकलते हैं, तो रास्ते में पड़ने वाली किसी भी वनस्पति को नहीं छोड़ते. रेगिस्तानी टिड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे विनाशकारी कीट माना जाता है. यह एक वर्ग किलोमीटर के छोटे से झुंड में ही एक दिन में 35,000 लोगों के भोजन के बराबर वनस्पति खा लेते हैं.

टिड्डियों से रोक थाम और बचाव

हालांकि इन टिड्डियों से रोकथाम और बचाव के लिए फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव जरूर किया जाता है, लेकिन फिर भी यह उनके द्वारा किये जाने वाले नुकसान पर ज्यादा काबू नहीं कर पाता है. इनके उपर कई जगहों पर हेलीकाप्टरों से भी कीट नाशक का छिड़काव करतें हैं. लेकिन इनके झुंड इतने बड़े होतें हैं कि उसका भी इनकी तादात पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 11:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.