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कोरबा में दो दिनों की बारिश के बाद उफान पर लीलागर नदी - Lilagar river in spate

कोरबा में मानसून (monsoon in Korba) के बाद पहली बारिश में ही लीलागर नदी उफान पर दिखाई दे रही है. इससे नदी पार करने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर साल नदी में इसी तरह 3 से 4 फीट के दायरे में पानी ऊपर आकर बहता है. SECL प्रबंधन भी दीपका खदान का पानी इसी नदी में छोड़ देते हैं. जिससे कोयले का काला पानी भी नदी में आ जाता है.

Lilagar River in Korba
उफान पर लीलागर नदी
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Published : Jun 15, 2021, 1:17 PM IST

कोरबा: जिले में मानसून की बारिश लगातार जारी है. इससे कोरबा के हरदीबाजार से लगे ग्राम सुवाभोंडी और रेकी के बीच लीलागर नदी उफान (Leelagar river in spate) पर है. पहली ही बारिश से लीलागर नदी का पानी पुल से 3 फीट ऊपर बहने लगा. सोमवार लगभग 2 बजे बारिश बंद होने के बाद अचानक नदी का पानी बढ़ गया, साथ ही नदी में एसईसीएल (South Eastern Coalfields) प्रबंधन दीपका खदान का पानी भी छोड़ रहा है. जिसके कारण नदी में कोयले का गंदा पानी भी बह रहा है.

उफान पर लीलागर नदी

मानसून की तैयारी: कोरबा जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी किया अलर्ट

राहगीरों को हो रही परेशानी

रेकी मार्ग के बीच बने नदी के ऊपर का पुल पूरी तरह से जर्जर हो गया है. इस जर्जर पुल को नया बनाने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कई बार आवाज उठाई है, बावजूद इसके यह पुल अभी तक नहीं बन पाया है. हर साल इसी तरह यहां 3 से 4 फीट के दायरे में पानी बहता रहता है. एसईसीएल की दीपका खदान लीलागर नदी से लगी हुई है. जिसका फायदा उठाते हुए एसईसीएल प्रबंधन खदान से अधिक पानी को नदी में छोड़ देते हैं. इससे नदी में पानी बढ़ने से राहगीरों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं. वे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं. इन दिनों नदी में पानी बढ़ने से लोग अपने गंतव्य तक जाने के लिए 4 से 5 लोगों का सहारा लेकर बाइक हाथ में उठाकर दूसरे किनारे पर ले जाते दिख रहे हैं.

गरियाबंद में सेनमुड़ा घाट पुल का एक भी पिलर डेढ़ साल में नहीं हुआ तैयार

नए पुल का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीण जल्द से जल्द लीलागर नदी में पानी के बढ़ाव की समस्या से राहत की मांग कर रहे हैं. वे जल्द नया पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि पहले इस मार्ग में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पुल को बनाया गया था. अब पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD) ने इस रेकी मार्ग का हैंडओवर ले लिया है. इसके बाद भी अब तक नए पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसके चलते लोग खासे आक्रोशित हैं.

कोरबा: जिले में मानसून की बारिश लगातार जारी है. इससे कोरबा के हरदीबाजार से लगे ग्राम सुवाभोंडी और रेकी के बीच लीलागर नदी उफान (Leelagar river in spate) पर है. पहली ही बारिश से लीलागर नदी का पानी पुल से 3 फीट ऊपर बहने लगा. सोमवार लगभग 2 बजे बारिश बंद होने के बाद अचानक नदी का पानी बढ़ गया, साथ ही नदी में एसईसीएल (South Eastern Coalfields) प्रबंधन दीपका खदान का पानी भी छोड़ रहा है. जिसके कारण नदी में कोयले का गंदा पानी भी बह रहा है.

उफान पर लीलागर नदी

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राहगीरों को हो रही परेशानी

रेकी मार्ग के बीच बने नदी के ऊपर का पुल पूरी तरह से जर्जर हो गया है. इस जर्जर पुल को नया बनाने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कई बार आवाज उठाई है, बावजूद इसके यह पुल अभी तक नहीं बन पाया है. हर साल इसी तरह यहां 3 से 4 फीट के दायरे में पानी बहता रहता है. एसईसीएल की दीपका खदान लीलागर नदी से लगी हुई है. जिसका फायदा उठाते हुए एसईसीएल प्रबंधन खदान से अधिक पानी को नदी में छोड़ देते हैं. इससे नदी में पानी बढ़ने से राहगीरों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं. वे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं. इन दिनों नदी में पानी बढ़ने से लोग अपने गंतव्य तक जाने के लिए 4 से 5 लोगों का सहारा लेकर बाइक हाथ में उठाकर दूसरे किनारे पर ले जाते दिख रहे हैं.

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नए पुल का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीण जल्द से जल्द लीलागर नदी में पानी के बढ़ाव की समस्या से राहत की मांग कर रहे हैं. वे जल्द नया पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि पहले इस मार्ग में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पुल को बनाया गया था. अब पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD) ने इस रेकी मार्ग का हैंडओवर ले लिया है. इसके बाद भी अब तक नए पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसके चलते लोग खासे आक्रोशित हैं.

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