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कानूनी जागरूकता के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

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Published : Dec 30, 2019, 11:48 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 12:28 PM IST

जिला विधिक सेवा प्रधिकरण की ओर से कोरबा में शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में आम लोगों को कानूनी जानकारी के साथ उनके अधिकार भी बताये गए.

Legal literacy camp organized for legal awareness
विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

कोरबा: स्टेट प्लान ऑफ एक्शन के तहत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में बाल विवाह, प्रतिषेध बच्चों का अवैध व्यापार, बच्चों की शिक्षा और किशोर न्याय विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत लोगों को जानकारी दी गई. कार्यक्रम में शीलू केशरी, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो कोरबा के आम लोगों को गुड टच-बैड टच, टोनही प्रताड़ना अधिनियम सहित सामान्य और रोजमर्रा के जीवन में जरूरत पड़ने वाली कानूनी जानकारियों से अवगत कराया गया.

विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

अपराध की दी गई जानकारी
केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी को भी टोनही कहना गंभीर अपराध है. इसके लिए कम से कम 5 साल की सश्रम कारावास का प्रावधान है. इसके अलावा बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, इसके लिए भी कानून में बड़ी सजा का प्रावधान है. इसी तरह बाल तस्करी भी गंभीर अपराध है. इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि संविधान में सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है. साथ ही बाल श्रम को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है.

एफआईआर के बारे में दी जानकारी
शिविर में बच्चों को एफआईआर की जानकारी देते बताया गया कि एफआईआर लिखाने के बाद प्रार्थी को एफआईआर की कॉपी लेना चाहिए. ये प्रार्थी का अधिकार है. साथ ही अगर पुलिस वाले अगर एफआईआर लिखने से मना करते हैं, तो इसकी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दें, अगर वहां भी सुनवाई नहीं होती है तो इसकी शिकायत कोर्ट में कर सकते हैं. विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जाने के लिए लोक अदालत का समय-समय पर आयोजन किया जाता है, इसमें आपसी समझौते के माध्यम से लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है.

विधिक सहायता की भी दी जानकारी
सक्षम एवं निःशुल्क विधिक सेवा विनियम की जानकारी देते हुए कहा गया कि समाज के कमजोर वर्ग को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के प्रयोनार्थ विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है. विधिक सहायता के पात्र व्यक्ति को तहसील स्तर से लेकर, जिला स्तर, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय तक विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए पैनल अधिवक्ता का पैनल तैयार करता है.

कोरबा: स्टेट प्लान ऑफ एक्शन के तहत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में बाल विवाह, प्रतिषेध बच्चों का अवैध व्यापार, बच्चों की शिक्षा और किशोर न्याय विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत लोगों को जानकारी दी गई. कार्यक्रम में शीलू केशरी, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो कोरबा के आम लोगों को गुड टच-बैड टच, टोनही प्रताड़ना अधिनियम सहित सामान्य और रोजमर्रा के जीवन में जरूरत पड़ने वाली कानूनी जानकारियों से अवगत कराया गया.

विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

अपराध की दी गई जानकारी
केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी को भी टोनही कहना गंभीर अपराध है. इसके लिए कम से कम 5 साल की सश्रम कारावास का प्रावधान है. इसके अलावा बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, इसके लिए भी कानून में बड़ी सजा का प्रावधान है. इसी तरह बाल तस्करी भी गंभीर अपराध है. इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि संविधान में सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है. साथ ही बाल श्रम को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है.

एफआईआर के बारे में दी जानकारी
शिविर में बच्चों को एफआईआर की जानकारी देते बताया गया कि एफआईआर लिखाने के बाद प्रार्थी को एफआईआर की कॉपी लेना चाहिए. ये प्रार्थी का अधिकार है. साथ ही अगर पुलिस वाले अगर एफआईआर लिखने से मना करते हैं, तो इसकी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दें, अगर वहां भी सुनवाई नहीं होती है तो इसकी शिकायत कोर्ट में कर सकते हैं. विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जाने के लिए लोक अदालत का समय-समय पर आयोजन किया जाता है, इसमें आपसी समझौते के माध्यम से लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है.

विधिक सहायता की भी दी जानकारी
सक्षम एवं निःशुल्क विधिक सेवा विनियम की जानकारी देते हुए कहा गया कि समाज के कमजोर वर्ग को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के प्रयोनार्थ विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है. विधिक सहायता के पात्र व्यक्ति को तहसील स्तर से लेकर, जिला स्तर, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय तक विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए पैनल अधिवक्ता का पैनल तैयार करता है.

Intro:कोरबा। स्टेट प्लान आफ एक्शन के अंतर्गत बाल विवाह प्रतिषेध बच्चों का अवैध व्यापार बच्चों की शिक्षा तथा किशोर न्याय विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम केके तहत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन बुधवारी में किया गया।Body:कार्यक्रम में शीलू केशरी, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो कोरबा के द्वारा आम लोगों को को गुड टच बेड टच, टोनही प्रताड़ना अधिनियम सहित सामान्य व रोजमर्रा के जीवन मे जरूरत पड़ने वाले कानूनी जानकारियों से अवगत कराया।
केशरी ने जानकारी देते हुये कहा कि टोनही कहना गंभीर अपराध है, इसमें कम से कम 5 साल की सक्षम कारावास का प्रावधान है। बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, जो भी इनका उल्लंधन करता है उन्हें कानून के द्वारा सजा दी जाती है। उसी तरह बच्चों का अवैध व्यापार भी गंभीर अपराध है, शासन द्वारा सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है। सज्ञेय एवं असज्ञेय अपराध की विस्तृत जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बच्चों को एफ.आई.आर. की जानकारी देते हुये कहा गया कि एफ.आई.आर. लिखाते समय एफ.आई.आर. की कापी अवश्य लें। पुलिस वाले घटित अपराध के संबंध में एफ.आई. आर नहीं लिखते तो इसके विरूद्ध पुलिस अधीक्षक को सूचना दे सकते है, पुलिस अधीक्षक के द्वारा यदि कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो न्यायालय में सीधे परिवाद पेश कर सकते है। विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जाने हेतु लोक अदालत का समय-समय पर आयोजन किया जाता है, इसमें आपसी समझौते के माध्यम से लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण हो जाता है।
         Conclusion:उनके द्वारा सक्षम एवं निःशुल्क विधिक सेवा विनियम की जानकारी देते हुये कहा गया कि समाज के कमजोर वर्ग को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के प्रयोनार्थ विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। विधिक सहायता के पात्र व्यक्ति को तहसील स्तर से लेकर, जिला स्तर, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक विधिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु पैनल अधिवक्ता का पैनल तैयार करता है। इन पैनल लायर के द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराया जाता है।
Last Updated : Dec 30, 2019, 12:28 PM IST
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