कोरबा: स्टेट प्लान ऑफ एक्शन के तहत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में बाल विवाह, प्रतिषेध बच्चों का अवैध व्यापार, बच्चों की शिक्षा और किशोर न्याय विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत लोगों को जानकारी दी गई. कार्यक्रम में शीलू केशरी, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो कोरबा के आम लोगों को गुड टच-बैड टच, टोनही प्रताड़ना अधिनियम सहित सामान्य और रोजमर्रा के जीवन में जरूरत पड़ने वाली कानूनी जानकारियों से अवगत कराया गया.
अपराध की दी गई जानकारी
केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी को भी टोनही कहना गंभीर अपराध है. इसके लिए कम से कम 5 साल की सश्रम कारावास का प्रावधान है. इसके अलावा बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, इसके लिए भी कानून में बड़ी सजा का प्रावधान है. इसी तरह बाल तस्करी भी गंभीर अपराध है. इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि संविधान में सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है. साथ ही बाल श्रम को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
एफआईआर के बारे में दी जानकारी
शिविर में बच्चों को एफआईआर की जानकारी देते बताया गया कि एफआईआर लिखाने के बाद प्रार्थी को एफआईआर की कॉपी लेना चाहिए. ये प्रार्थी का अधिकार है. साथ ही अगर पुलिस वाले अगर एफआईआर लिखने से मना करते हैं, तो इसकी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दें, अगर वहां भी सुनवाई नहीं होती है तो इसकी शिकायत कोर्ट में कर सकते हैं. विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जाने के लिए लोक अदालत का समय-समय पर आयोजन किया जाता है, इसमें आपसी समझौते के माध्यम से लोक अदालत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है.
विधिक सहायता की भी दी जानकारी
सक्षम एवं निःशुल्क विधिक सेवा विनियम की जानकारी देते हुए कहा गया कि समाज के कमजोर वर्ग को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के प्रयोनार्थ विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है. विधिक सहायता के पात्र व्यक्ति को तहसील स्तर से लेकर, जिला स्तर, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय तक विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए पैनल अधिवक्ता का पैनल तैयार करता है.