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कोरबा: MSP पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों के लिए खबर, 31 अक्टूबर तक कराना होगा पंजीयन

कोरबा में समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों के लिए 31 अक्टूबर तक पंजीयन की तारीख तय की गई है. पहले से पंजीकृत किसानों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है.

KORBA
कोरबा
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Published : Oct 20, 2020, 11:15 AM IST

कोरबा: खरीफ विपणन वर्ष 2020-2021 के लिए समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी है. छत्तीसगढ़ शासन ने 31 अक्टूबर तक पंजीयन की तारीख तय की है. कोरबा जिले में अब तक 1 हजार 104 नए किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में अपना पंजीयन कराया है. राज्य शासन के आदेशानुसार पहले से पंजीकृत किसानों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है.

अब तक 14 हजार 315 किसानों के रकबे का सत्यापन कार्य पूर्ण

पिछले वर्ष 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था. इस वर्ष नए-पुराने मिलाकर 28 हजार 718 किसानों का पंजीयन कर खेतों में लगी धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन किया जा रहा है. पिछले वर्ष के पंजीकृत किसानों में से अभी तक 14 हजार 315 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन किया जा चुका है. अब तक 80 किसानों के रकबो में खामी के चलते उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. शेष बचे 13 हजार 299 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमले की ओर से इस महीने के अंतिम तक पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें - कोरबा: सड़क की समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

31 अक्टूबर तक पंजीयन करने के निर्देश

जिले में अब तक नए-पुराने मिलाकर 15 हजार 419 किसानों के धान के रकबे को सत्यापित कर खसरे में इंद्राज किया जा चुका है. खसरे में इंद्राज रकबे के अनुसार नए-पुराने मिलाकर जिले में अब तक 24 हजार 344 हेक्टेयर से अधिक धान फसल का रकबा सत्यापित हो चुका है. जिला कलेक्टर किरण कौशल ने शेष बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाने के लिए सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत पटवारियों को रकबों के सत्यापन का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

आधार नंबर नहीं होने पर कोई भी किसान पंजीयन से नहीं होगा वंचित

खाद्य विभाग के मुताबिक नए किसानों को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का सत्यापन पटवारी करेंगे. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार की तरफ से भी परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा. आधार नंबर नहीं होने पर किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा.

धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. यदि पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो उन किसानों को समिति माॅड्यूल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है.

कोरबा: खरीफ विपणन वर्ष 2020-2021 के लिए समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी है. छत्तीसगढ़ शासन ने 31 अक्टूबर तक पंजीयन की तारीख तय की है. कोरबा जिले में अब तक 1 हजार 104 नए किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में अपना पंजीयन कराया है. राज्य शासन के आदेशानुसार पहले से पंजीकृत किसानों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है.

अब तक 14 हजार 315 किसानों के रकबे का सत्यापन कार्य पूर्ण

पिछले वर्ष 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था. इस वर्ष नए-पुराने मिलाकर 28 हजार 718 किसानों का पंजीयन कर खेतों में लगी धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन किया जा रहा है. पिछले वर्ष के पंजीकृत किसानों में से अभी तक 14 हजार 315 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन किया जा चुका है. अब तक 80 किसानों के रकबो में खामी के चलते उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. शेष बचे 13 हजार 299 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमले की ओर से इस महीने के अंतिम तक पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें - कोरबा: सड़क की समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

31 अक्टूबर तक पंजीयन करने के निर्देश

जिले में अब तक नए-पुराने मिलाकर 15 हजार 419 किसानों के धान के रकबे को सत्यापित कर खसरे में इंद्राज किया जा चुका है. खसरे में इंद्राज रकबे के अनुसार नए-पुराने मिलाकर जिले में अब तक 24 हजार 344 हेक्टेयर से अधिक धान फसल का रकबा सत्यापित हो चुका है. जिला कलेक्टर किरण कौशल ने शेष बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाने के लिए सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत पटवारियों को रकबों के सत्यापन का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

आधार नंबर नहीं होने पर कोई भी किसान पंजीयन से नहीं होगा वंचित

खाद्य विभाग के मुताबिक नए किसानों को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का सत्यापन पटवारी करेंगे. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार की तरफ से भी परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा. आधार नंबर नहीं होने पर किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा.

धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. यदि पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो उन किसानों को समिति माॅड्यूल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है.

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