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कोरबा : पॉवर प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन, प्रबंधन पर मनमानी का आरोप

मजदूर यूनियन के नेताओं ने लैंको पॉवर प्लांट प्रबंधन पर मजदूरों की आवाज दबाने और मनमानी का आरोप लगाया है.

लैंको पावर प्लांट के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
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Published : Oct 25, 2019, 11:33 AM IST

कोरबा : लैंको पॉवर प्लांट प्रबंधन के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लैंको कामगार यूनियन ने मजदूरों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. मजदूर यूनियन के नेता प्रबंधन पर मजदूरों की आवाज दबाने और मनमानी के आरोप लगाए हैं.

प्लांट के सामने आमसभा कर मजदूर नेता प्रबंधन के खिलाफ तीखी टिप्पड़ी करते दिखे. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के छत्तीसगढ़ राज्य के महामंत्री हरिनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि लैंको कंपनी प्रबंधन विधि विरुद्ध कार्य करती रहती है. भू -विस्थापित कर्मचारियों को गलत तरीके से और बनावटी आधार बनाकर काम से निकाल दिया गया है.

पढे़ं : दीपका नगर पालिका: यहां एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान, लेकिन स्थानीय रोजगार के लिए परेशान

ये हैं आरोप

  • प्रदर्शन के दौरान प्लांट से प्रभावित ऐसे भू-विस्थापित भी वहां मौजूद रहे, जिनकी जमीन का आधिग्रहण कर प्लांट तो खड़ा किया गया है, लेकिन वह आज भी नौकरी, विस्थापना और उचित मुआवजे के लिए सालों से भटक रहे हैं.
  • भू-विस्थापितों को ठेका मजदूर में नौकरी दी जाती है जबकि उन्हें स्थायी नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है.
  • ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता है.

कोरबा : लैंको पॉवर प्लांट प्रबंधन के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लैंको कामगार यूनियन ने मजदूरों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. मजदूर यूनियन के नेता प्रबंधन पर मजदूरों की आवाज दबाने और मनमानी के आरोप लगाए हैं.

प्लांट के सामने आमसभा कर मजदूर नेता प्रबंधन के खिलाफ तीखी टिप्पड़ी करते दिखे. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के छत्तीसगढ़ राज्य के महामंत्री हरिनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि लैंको कंपनी प्रबंधन विधि विरुद्ध कार्य करती रहती है. भू -विस्थापित कर्मचारियों को गलत तरीके से और बनावटी आधार बनाकर काम से निकाल दिया गया है.

पढे़ं : दीपका नगर पालिका: यहां एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान, लेकिन स्थानीय रोजगार के लिए परेशान

ये हैं आरोप

  • प्रदर्शन के दौरान प्लांट से प्रभावित ऐसे भू-विस्थापित भी वहां मौजूद रहे, जिनकी जमीन का आधिग्रहण कर प्लांट तो खड़ा किया गया है, लेकिन वह आज भी नौकरी, विस्थापना और उचित मुआवजे के लिए सालों से भटक रहे हैं.
  • भू-विस्थापितों को ठेका मजदूर में नौकरी दी जाती है जबकि उन्हें स्थायी नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है.
  • ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता है.
Intro:कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लैंको कामगार यूनियन (एटक) ने मजदूरों के साथ मिलकर धनतेरस के एक दिन पहले प्लांट के समक्ष प्रदर्शन किया। मजदूर यूनियन के नेताओं ने प्रबंधन पर मजदूरों की आवाज दबाते हुए मनमानी का आरोप लगाया। प्लांट के समक्ष आम सभा का आयोजन भी किया गया, जिसे मजदूर नेताओं ने संबोधित किया।
प्रदर्शन के दौरान प्लांट से प्रभावित ऐसे भू विस्थापित भी वहां मौजूद रहे जिनकी जमीन का आधिग्रहण कर पावर प्लांट तो खड़े किए गए। लेकिन वह नोकरी, विस्थापन और उचित मुआवजे के लिए प्लांट की स्थापना के सालों बाद भी भटक रहे हैं।Body:भू विस्थापित एवं कामगारों ने एक साथ मिलकर मजदूर नेताओं ने आंदोलन किया। जिनका आरोप है कि भू विस्थापितों को ठेका मजदूर में नौकरी दी जाती है। जबकि उन्हें स्थायी नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है। इतना ही नहीं ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता।
प्रबंधन श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही है।
Conclusion:आम सभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य (एटक) के महामंत्री हरिनाथ सिंह ने कहा कि लैंको पावर कंपनी के प्रबंधन विधि विरुद्ध कार्य करता रहता है। जिसका एक नमूना इस रूप में देखने को आया है कि भू विस्थापित कर्मचारियों को गलत तरीके से बनावटी आधार बनाकर उनको काम से निकाल दिया गया है।
जिसकी वजह से वह परिवार सेहत भूखों मरने के कगार पर खड़ा है।
भू विस्थापितों के परिवार के सदस्यों को नियमित रोजगार देने के बजाय ठेका मजदूरों में भर्ती की जाती है एवं शासन द्वारा न्यूनतम मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता। श्रमिकों को किसी प्रकार से सामाजिक सुरक्षा भी नहीं दी जाती।

इस दौरान हरिनाथ सिंह, एमएल रजक, आरएल खन्ना, दिलीप खन्ना व अन्य श्रमिक नेता मौजूद रहे।

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