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कोरबा: बढ़ती महंगाई के विरोध में महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कोरबा जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बढ़ती महंगाई के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दे पर पूरी तरीके से फेल बताया.

Women Congress protested in Korba
महिला कांग्रेस ने कोरबा में किया प्रदर्शन
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Published : Oct 26, 2020, 11:08 AM IST

कोरबा: राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम के निर्देश पर जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया. महिला कांग्रेस ने बढ़ती हुई महंगाई के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया.

महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने कहा कि कोरोना की वजह से एक आम गृहिणी को घर चलाना मुश्किल हो गया है. केंद्र में बैठी सरकार दैनिक उपयोग की चीजों के दामों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही और महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री का बयान आना कि मैं प्याज नहीं खाती, उनकी अदूरदर्शिता को दिखाता है.

प्रदर्शन के दौरान ये रहे मौजूद

महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर पूरी तरीके से फेल साबित हो रही है. जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. इस दौरान महिला कांग्रेस की लता पाठक, सीमा उपाध्याय, शशि अग्रवाल, गौरी चौहान, गीता महंत, माधुरी ध्रुव, लक्ष्मी महंत, मुन्नी नायक, राजमती यादव, नफीसा और अन्य महिला कार्यकर्ता शामिल रहीं.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना ने बिगाड़ी घर की सेहत ! मास्क, सैनिटाइजर भी जेब पर पड़ रहे भारी

बीते दिनों में लगातार प्याज के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. इस वजह से लोगों ने प्याज की खपत कम कर दी है. गृहिणियों का कहना है कि प्याज अगर महंगा हो जाए, तो घर का बजट बिगड़ जाता है, इसलिए जब तक प्याज सस्ता नहीं होता, तब तक वह इनका इस्तेमाल कम करेंगी.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से इसके भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है.

क्या बढ़ती महंगाई नई घटना है


बढ़ती हुई महंगाई हमारी अर्थव्यवस्था के लिए नई नहीं है. मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क समझौते से पहले भारत ने 2010 के बाद से दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति का अनुभव किया. वास्तव में जून 2010 में यह 13.9 प्रतिशत दर्ज किया गया था.

कोरबा: राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम के निर्देश पर जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया. महिला कांग्रेस ने बढ़ती हुई महंगाई के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया.

महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने कहा कि कोरोना की वजह से एक आम गृहिणी को घर चलाना मुश्किल हो गया है. केंद्र में बैठी सरकार दैनिक उपयोग की चीजों के दामों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही और महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री का बयान आना कि मैं प्याज नहीं खाती, उनकी अदूरदर्शिता को दिखाता है.

प्रदर्शन के दौरान ये रहे मौजूद

महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर पूरी तरीके से फेल साबित हो रही है. जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. इस दौरान महिला कांग्रेस की लता पाठक, सीमा उपाध्याय, शशि अग्रवाल, गौरी चौहान, गीता महंत, माधुरी ध्रुव, लक्ष्मी महंत, मुन्नी नायक, राजमती यादव, नफीसा और अन्य महिला कार्यकर्ता शामिल रहीं.

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बीते दिनों में लगातार प्याज के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. इस वजह से लोगों ने प्याज की खपत कम कर दी है. गृहिणियों का कहना है कि प्याज अगर महंगा हो जाए, तो घर का बजट बिगड़ जाता है, इसलिए जब तक प्याज सस्ता नहीं होता, तब तक वह इनका इस्तेमाल कम करेंगी.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से इसके भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है.

क्या बढ़ती महंगाई नई घटना है


बढ़ती हुई महंगाई हमारी अर्थव्यवस्था के लिए नई नहीं है. मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क समझौते से पहले भारत ने 2010 के बाद से दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति का अनुभव किया. वास्तव में जून 2010 में यह 13.9 प्रतिशत दर्ज किया गया था.

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