कोरबा: कोरबा में 20 हजार मोतियों से गणपति की खास प्रतिमा तैयार की गई है. इस खास प्रतिमा को सीतामणी क्षेत्र में तैयार किया गया है. कोलकाता के कारीगर शंकर मंडल ने इसे तैयार किया है, जो सीतामणी क्षेत्र में ही रहते हैं. पूरे क्षेत्र में इस खास प्रतिमा की चर्चा है.
मूर्ति का कोई तोड़ नहीं: कारीगर शंकर मंडल पिछले 35 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. शंकर अलग-अलग त्योहारों में मूर्तियां तैयार करते हैं. इस बार गणेश चतुर्थी में मोती के गणपति उन्होंने तैयार किया है. ये प्रतिमा काफी खूबसूरत है. प्रतिमा के खूबसूरती का कोई तोड़ नहीं है. गणेश प्रतिमा का निर्माण करने में शंकर ने 20 हजार मोतियों का उपयोग किया है. मूर्ति को देखने दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं.
22 हजार रुपए की लागत से बनी प्रतिमा: मूर्तिकार शंकर ने बताया कि "मोती वाले गणेश प्रतिमा बनाने का आईडिया उन्हें काफी पहले से आ चुका था. इस बार गणेश चतुर्थी में उन्होंने इसे तैयार किया. दो हफ्ते का समय निकालकर सामान्य मूर्तियों से अलग मोती वाले गणेश जी का निर्माण किया. इस प्रतिमा को बनाने में लगभग 20 से 22 हजार रुपए खर्च हुए हैं. इसमें 20000 मोतियों का उपयोग किया गया है. यही कारण है कि मूर्ति देखने में बेहद आकर्षक लग रही है. लाइट और कपड़े के साथ-साथ सजावट के बाद इसकी खूबसूरती देखते ही बन रही है."
बता दें कि गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर से ही शुरू हो गया है. हालांकि कई बड़े पंडालो में चौथे या पांचवें दिन गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है. गणेश चतुर्थी का पर्व 11 दिनों तक चलता है. जिसके बाद गणपति प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. कोरबा में इस साल मोती के गणपति को देखने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं.