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Weight Tihar in Korba: कोरबा में कुपोषण के खिलाफ जंग, वजन तिहार से कुपोषण को मिलेगी मात, जानिए कैसे ?

Vajan Tihar in Korba: कोरबा में कुपोषण स्तर को समझने के लिए वजन तिहार मनाया जा रहा है. इसमें 0 से 6 साल तक के बच्चों की वजन और लम्बाई को नापा जा रहा है. इसके अनुसार बच्चों को तीन श्रेणियों में बांट कर उन्हें पोषित या फिर कुपोषित की श्रेणी में या फिर मध्यम श्रेणी में रखा जा रहा है. कुपोषित बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्र की ओर से खास ख्याल रखा जा रहा है.Weight Tihar In Korba

Weight Tihar
वजन तिहार
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 7, 2023, 5:06 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 6:01 PM IST

कोरबा में वजन तिहार

कोरबा: कोरबा में कुपोषण के स्तर और उम्र के अनुसार बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास की जानकारी के लिए वजन तिहार मनाया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ये तिहार मनाया जा रहा है. जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन नापने के साथ ही उनकी ऊंचाई को भी नाप कर रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. ताकि सरकार को कुपोषण के स्तर का पता चल सके. साथ ही ये पता लगाया जा सके कि बढ़ती उम्र के अनुपात में बच्चों का कितना विकास हुआ है. कुपोषण से लड़ने के लिए सही डाटा की जानकारी होना जरूरी होता है.

कोरबा में वजन तिहार (Vajan Tihar in Korba): आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों के अभिभावक को कार्यकर्ताओं की ओर से एक कार्ड दिया जा रहा है. इस कार्ड में तीन श्रेणियां है, जिसके अनुसार बच्चों को विभाजित किया गया है. इन तीन श्रेणियों को हरे, पीले और लाल रंग से दर्शाया गया है. वजन और ऊंचाई के अनुसार यदि बच्चा लाल श्रेणी में आता है, तो ऐसे बच्चों की खास देखभाल करनी पड़ती है. ऐसे बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से नियमित संपर्क में रहने और पौष्टिक आहार की सलाह दी जाती है. ऐसे बच्चों पर विभाग का खास फोकस होता है. इसके अलावा दूसरी श्रेणी पीले रंग की है. यदि बच्चा पीले रंग की श्रेणी में आता है. तब उन्हें एक दिन में कम से कम पांच बार भोजन करने पौष्टिक खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जा रही है. अंतिम और तीसरी श्रेणी हरे रंग की है. यदि बच्चा हरे रंग की श्रेणी में है, तब भी उसे कम से कम आयरन और विटामिन ए सहित कृमि नाशक और टीकाकरण की सलाह दी जाती है. ऐसे बच्चों को स्वस्थ्य माना जाता है.

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छत्तीसगढ़ में वजन त्यौहार का समापन

13 सितंबर तक चलेगा ये खास अभियान: वजन त्यौहार का यह विशेष अभियान महिला और बाल विकास विभाग की ओर से 1 से लेकर 13 सितंबर तक चलाया जा रहा है. इस बीच वजन तिहार का आयोजन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है. अलग-अलग दिनों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों को क्लस्टर में बांटा गया है. केंद्रो में सुपरवाइजर की उपस्थिति और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सही तरह से वजन लिए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. जन समुदाय में कुपोषण के प्रति जागरूकता लाना. कुपोषित बच्चों का डेटाबेस तैयार करना, इस तरह के कामों पर खास फोकस है. वजन तिहार के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही जागरूकता के सभी उपाय अपनाने को कहा गया है.

आंगनबाड़ी में आने वाले प्रत्येक बच्चों को हम पोषक आहार देते हैं. कुपोषण दूर करने के लिए पोषण आहार भी नियमित तौर पर दिया जाता है. कई बच्चे आंगनबाड़ी नहीं आ पाते. ऐसे बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पाता. वजन तिहार के दौरान हम डाटा तैयार करते हैं. ताकि कुपोषित बच्चों की जानकारी मिल सके. -संगीता खेस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

20 फीसदी बच्चे कुपोषण की श्रेणी में: जिले में 2248 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. इनमें 423 मिनी आंगनबाड़ी भी शामिल हैं. इन आंगनवाड़ी केंद्रों में हजारों की तादाद में 0 से 6 साल तक के बच्चों की संख्या दर्ज है. इनमें से लगभग 20 फीसद बच्चे कुपोषण के श्रेणी में आते हैं. कुछ साल पहले तक यह आंकड़ा 23 फीसदी था जो कि अब घटकर 20-20 तक पहुंच गया है. जिले में काम कर रही 2589 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वजन तिहार में आवश्यक काम करने को कहा गया है. ताकि कुपोषण की श्रेणी को तय किया जा सके.

कोरबा में वजन तिहार

कोरबा: कोरबा में कुपोषण के स्तर और उम्र के अनुसार बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास की जानकारी के लिए वजन तिहार मनाया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ये तिहार मनाया जा रहा है. जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन नापने के साथ ही उनकी ऊंचाई को भी नाप कर रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. ताकि सरकार को कुपोषण के स्तर का पता चल सके. साथ ही ये पता लगाया जा सके कि बढ़ती उम्र के अनुपात में बच्चों का कितना विकास हुआ है. कुपोषण से लड़ने के लिए सही डाटा की जानकारी होना जरूरी होता है.

कोरबा में वजन तिहार (Vajan Tihar in Korba): आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों के अभिभावक को कार्यकर्ताओं की ओर से एक कार्ड दिया जा रहा है. इस कार्ड में तीन श्रेणियां है, जिसके अनुसार बच्चों को विभाजित किया गया है. इन तीन श्रेणियों को हरे, पीले और लाल रंग से दर्शाया गया है. वजन और ऊंचाई के अनुसार यदि बच्चा लाल श्रेणी में आता है, तो ऐसे बच्चों की खास देखभाल करनी पड़ती है. ऐसे बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से नियमित संपर्क में रहने और पौष्टिक आहार की सलाह दी जाती है. ऐसे बच्चों पर विभाग का खास फोकस होता है. इसके अलावा दूसरी श्रेणी पीले रंग की है. यदि बच्चा पीले रंग की श्रेणी में आता है. तब उन्हें एक दिन में कम से कम पांच बार भोजन करने पौष्टिक खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जा रही है. अंतिम और तीसरी श्रेणी हरे रंग की है. यदि बच्चा हरे रंग की श्रेणी में है, तब भी उसे कम से कम आयरन और विटामिन ए सहित कृमि नाशक और टीकाकरण की सलाह दी जाती है. ऐसे बच्चों को स्वस्थ्य माना जाता है.

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13 सितंबर तक चलेगा ये खास अभियान: वजन त्यौहार का यह विशेष अभियान महिला और बाल विकास विभाग की ओर से 1 से लेकर 13 सितंबर तक चलाया जा रहा है. इस बीच वजन तिहार का आयोजन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है. अलग-अलग दिनों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों को क्लस्टर में बांटा गया है. केंद्रो में सुपरवाइजर की उपस्थिति और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सही तरह से वजन लिए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. जन समुदाय में कुपोषण के प्रति जागरूकता लाना. कुपोषित बच्चों का डेटाबेस तैयार करना, इस तरह के कामों पर खास फोकस है. वजन तिहार के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही जागरूकता के सभी उपाय अपनाने को कहा गया है.

आंगनबाड़ी में आने वाले प्रत्येक बच्चों को हम पोषक आहार देते हैं. कुपोषण दूर करने के लिए पोषण आहार भी नियमित तौर पर दिया जाता है. कई बच्चे आंगनबाड़ी नहीं आ पाते. ऐसे बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पाता. वजन तिहार के दौरान हम डाटा तैयार करते हैं. ताकि कुपोषित बच्चों की जानकारी मिल सके. -संगीता खेस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

20 फीसदी बच्चे कुपोषण की श्रेणी में: जिले में 2248 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. इनमें 423 मिनी आंगनबाड़ी भी शामिल हैं. इन आंगनवाड़ी केंद्रों में हजारों की तादाद में 0 से 6 साल तक के बच्चों की संख्या दर्ज है. इनमें से लगभग 20 फीसद बच्चे कुपोषण के श्रेणी में आते हैं. कुछ साल पहले तक यह आंकड़ा 23 फीसदी था जो कि अब घटकर 20-20 तक पहुंच गया है. जिले में काम कर रही 2589 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वजन तिहार में आवश्यक काम करने को कहा गया है. ताकि कुपोषण की श्रेणी को तय किया जा सके.

Last Updated : Sep 7, 2023, 6:01 PM IST
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