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Pali Tanakhar Assembly Election 2023: पाली तानाखार में कांग्रेस ने खेला महिला कार्ड, क्या खत्म होगा बीजेपी का सूखा, जानिए चुनावी गणित !

छत्तीसगढ़ में पाली तानाखार विधानसभा सीट में सभी दलों के प्रत्याशी तय हो गए हैं. कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए मोहित केरकेट्टा का टिकट काटकर जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष दुलेश्वरी सिदार को टिकट दिया है. वहीं गोंगपा सुप्रीमो तुलेश्वर मरकाम भी इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने पूर्व विधायक रामदयाल उइके को टिकट दिया है. CG Election 2023

Pali Tanakhar Assembly Election 2023
पाली तानाखार विधानसभा सीट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 20, 2023, 9:48 AM IST

Updated : Oct 20, 2023, 12:22 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी सीटों पर राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी तय कर दिये हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ की एक सीट ऐसी है, जो भाजपा के लिए शायद सबसे बड़ा सिर दर्द है. हम बात कर रहे हैं पाली तानाखार विधानसभा सीट की. यहां पिछले 30 साल से भाजपा न सिर्फ सत्ता से बाहर है, बल्कि पिछले छह विधानसभा चुनावों में लगातार तीसरे नंबर पर आती रही है. लेकिन इस बार यहां कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है.

पाली तानाखार विधानसभा सीट का समीकरण: ऐसा माना जा रहा है कि पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच यहां सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. कांग्रेस ने महिला कार्ड खेलते हुए दुलेश्वरी सिदार को टिकट दिया है. गोंगपा सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम भी इस बार मैदान में नहीं हैं. हीरा सिंह के निधन के बाद उनके सुपुत्र तुलेश्वर मरकाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो पाली तानाखार सीट से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि बीजेपी ने अपने यहां के पूर्व विधायक रामदयाल उइके को भाजपा से दोबारा टिकट दिया है. जो पहले कांग्रेस में थे और पिछली बार ठीक चुनाव के पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे.

कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी को उतारा: इस बार कांग्रेस ने पाली तानाखार विधानसभा सीट पर महिला कार्ड खेला है. कांग्रेस ने अपने सीटिंग एमएलए मोहित केरकेट्टा का टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी को काउंटर करने की कोशिश की है. दुलेश्वरी सिदार जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष भी हैं. दुलेश्वरी पहले गोंगपा से प्रभावित थी. जनपद अध्यक्ष का चुनाव भी उन्होंने गोंगपा से ही जीता था. इसके चलते क्षेत्र की जनता के बीच उनकी अच्छी पकड़ है.

पिछले 6 चुनावों में तीसरे नंबर पर रही भाजपा: पाली तानाखार विधानसभा सीट ऐसा विधानसभा क्षेत्र है. जहां 1993 से लेकर 2018 तक हुए 6 चुनावों में भाजपा तीसरे नंबर पर रही है. हालांकि भाजपा ने 33 साल पहले 1990 में इस सीट से चुनाव जरूर जीता था. 2023 में भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उइके इसी सीट से 3 बार विधायक रहे चुके हैं. लेकिन वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे. 2018 में उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ा, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा.

हीरा सिंह की गैर मौजूदगी में गोगपा को नुकसान: इस बार के विधानसभा चुनाव में हीरा सिंह मरकाम नहीं हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व प्रमुख हीरा सिंह मरकाम का निधन होने के बाद उनके बेटे तुलेश्वर मरकाम अब पार्टी के सुप्रीमो हैं. ऐसा माना जा रहा है कि हीरा सिंह मरकाम के नहीं होने से गोंगपा को नुकसान होगा. पार्टी के वोट बैंक पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है. बावजूद इसके पुराने ट्रेक रिकार्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मुकाबला कांग्रेस बनाम गोंगपा होना तय है.

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पाली तनाखार में 60 साल बाद महिला उम्मीदवार: पाली तानाखार विधानसभा सीट पर 1972 के चुनाव में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी यज्ञसेनी देवी को टिकट दी थी. लेकिन तब निर्दलीय प्रत्याशी लालकीर्ति कुमार ने कांग्रेस को हरा दिया था. हालांकि 1962 और 1957 के चुनाव में यज्ञसेनी देवी ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 से लेकर 2018 तक हुए चुनाव में कांग्रेस ने 8 बार, 2 बार निर्दलीय, 2 बार भाजपा और एक-एक दफा गोंगपा और जनता पार्टी को जीत मिली है.

कांग्रेस और गोंगपा के बीच सीधी टक्कर: 1993 से लेकर 2018 तक इस सीट पर कांग्रेस और गोंगपा के बीच सीधी टक्कर होती रही है. 1998 के चुनाव में गोंगपा उम्मीदवार हीरा सिंह मरकाम को जीत मिली थी. 1993, 2003, 2008, 2013, 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल किया. जबकि भाजपा ने इस सीट पर 1985 और 1990 के चुनाव में जीत हासिल की थी. बहरहाल देखना यह होगा कि क्या गोंगपा के तुलेश्वर सिंह मरकाम पिता का सपना पूरा करते हैं. कांग्रेस अपने गढ़ को बचा पाती है या भाजपा 33 सालों के सूखे को खत्म करेगी.

कोरबा: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी सीटों पर राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी तय कर दिये हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ की एक सीट ऐसी है, जो भाजपा के लिए शायद सबसे बड़ा सिर दर्द है. हम बात कर रहे हैं पाली तानाखार विधानसभा सीट की. यहां पिछले 30 साल से भाजपा न सिर्फ सत्ता से बाहर है, बल्कि पिछले छह विधानसभा चुनावों में लगातार तीसरे नंबर पर आती रही है. लेकिन इस बार यहां कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है.

पाली तानाखार विधानसभा सीट का समीकरण: ऐसा माना जा रहा है कि पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच यहां सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. कांग्रेस ने महिला कार्ड खेलते हुए दुलेश्वरी सिदार को टिकट दिया है. गोंगपा सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम भी इस बार मैदान में नहीं हैं. हीरा सिंह के निधन के बाद उनके सुपुत्र तुलेश्वर मरकाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो पाली तानाखार सीट से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि बीजेपी ने अपने यहां के पूर्व विधायक रामदयाल उइके को भाजपा से दोबारा टिकट दिया है. जो पहले कांग्रेस में थे और पिछली बार ठीक चुनाव के पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे.

कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी को उतारा: इस बार कांग्रेस ने पाली तानाखार विधानसभा सीट पर महिला कार्ड खेला है. कांग्रेस ने अपने सीटिंग एमएलए मोहित केरकेट्टा का टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी को काउंटर करने की कोशिश की है. दुलेश्वरी सिदार जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष भी हैं. दुलेश्वरी पहले गोंगपा से प्रभावित थी. जनपद अध्यक्ष का चुनाव भी उन्होंने गोंगपा से ही जीता था. इसके चलते क्षेत्र की जनता के बीच उनकी अच्छी पकड़ है.

पिछले 6 चुनावों में तीसरे नंबर पर रही भाजपा: पाली तानाखार विधानसभा सीट ऐसा विधानसभा क्षेत्र है. जहां 1993 से लेकर 2018 तक हुए 6 चुनावों में भाजपा तीसरे नंबर पर रही है. हालांकि भाजपा ने 33 साल पहले 1990 में इस सीट से चुनाव जरूर जीता था. 2023 में भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उइके इसी सीट से 3 बार विधायक रहे चुके हैं. लेकिन वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे. 2018 में उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ा, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा.

हीरा सिंह की गैर मौजूदगी में गोगपा को नुकसान: इस बार के विधानसभा चुनाव में हीरा सिंह मरकाम नहीं हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व प्रमुख हीरा सिंह मरकाम का निधन होने के बाद उनके बेटे तुलेश्वर मरकाम अब पार्टी के सुप्रीमो हैं. ऐसा माना जा रहा है कि हीरा सिंह मरकाम के नहीं होने से गोंगपा को नुकसान होगा. पार्टी के वोट बैंक पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है. बावजूद इसके पुराने ट्रेक रिकार्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मुकाबला कांग्रेस बनाम गोंगपा होना तय है.

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पाली तनाखार में 60 साल बाद महिला उम्मीदवार: पाली तानाखार विधानसभा सीट पर 1972 के चुनाव में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी यज्ञसेनी देवी को टिकट दी थी. लेकिन तब निर्दलीय प्रत्याशी लालकीर्ति कुमार ने कांग्रेस को हरा दिया था. हालांकि 1962 और 1957 के चुनाव में यज्ञसेनी देवी ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 से लेकर 2018 तक हुए चुनाव में कांग्रेस ने 8 बार, 2 बार निर्दलीय, 2 बार भाजपा और एक-एक दफा गोंगपा और जनता पार्टी को जीत मिली है.

कांग्रेस और गोंगपा के बीच सीधी टक्कर: 1993 से लेकर 2018 तक इस सीट पर कांग्रेस और गोंगपा के बीच सीधी टक्कर होती रही है. 1998 के चुनाव में गोंगपा उम्मीदवार हीरा सिंह मरकाम को जीत मिली थी. 1993, 2003, 2008, 2013, 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल किया. जबकि भाजपा ने इस सीट पर 1985 और 1990 के चुनाव में जीत हासिल की थी. बहरहाल देखना यह होगा कि क्या गोंगपा के तुलेश्वर सिंह मरकाम पिता का सपना पूरा करते हैं. कांग्रेस अपने गढ़ को बचा पाती है या भाजपा 33 सालों के सूखे को खत्म करेगी.

Last Updated : Oct 20, 2023, 12:22 PM IST
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