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निगम और यातायात पुलिस की बढ़ी चिंता, भारी वाहनों के रूट में किया जा सकता है बदलाव - कोरबा

कोरबा: सीएसईबी चौक से दर्री बैराज तक फोरलेन सड़क प्रस्तावित है. इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल तक नगर-निगम भारी वाहनों के रूट पर बदलाव चाहता है, जो रूट निगम सुझा रहा है उससे यातायात पुलिस असमंजस की स्थिति में है.

कोरबा में सड़कों पर चलते भारी वाहन
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Published : Feb 14, 2019, 9:27 AM IST

फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल की अवधि निर्धारित की गई है. इस अवधि में वर्तमान में सीएसईबी से दर्री बैराज के बीच चलने वाले भारी वाहनों पर नगर-निगम रोक लगाना चाहता है. इस रूट पर बड़ी तादाद में भारी वाहनों का आवागमन होता है. ऐसे में फोरलेन का काम प्रभावित हो सकता है.


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निगम ने सुझाया 2020 तक के लिए नो एंट्री का प्रावधान
मसलन, निगम ने जुलाई 2020 तक के लिए नो एंट्री का प्रावधान यातायात पुलिस को सुझाया है. नगर-निगम के अनुसार जिस परिवर्तित मार्ग से भारी वाहनों को निकाला जाएगा, वो बुधवारी, आईटीआई से ध्यानचंद चौक वाला रूट होगा. हालांकि यह महज एक सुझाव है, जो यातायात पुलिस के समक्ष निगम ने रखा है. निगम अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि यातायात पुलिस और निगम इसमें विस्तार से चर्चा कर निर्णय ले पाएगा.
इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसके अलावा उपलब्ध मार्ग जितने भी हैं वो भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित हैं. ऐसे में अन्य मार्ग से वाहनों को निकालने में दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति बढ़ जाएगी, जिससे आम जनजीवन पर खासा असर पड़ेगा.
निगम और यातायात पुलिस गहन चिंता में
शहर में सकरी सड़क होने की वजह से दूसरे रास्ते तलाशने में निगम और यातायात पुलिस को दिक्कत हो रही है. ऊपर से डेढ़ साल तक के लिए परिवर्तित मार्ग पर भारी वाहनों को चलाना एक चिंता का विषय है. यही वजह है कि निगम और यातायात पुलिस गहन चिंता और मंथन कर रहे हैं.

फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल की अवधि निर्धारित की गई है. इस अवधि में वर्तमान में सीएसईबी से दर्री बैराज के बीच चलने वाले भारी वाहनों पर नगर-निगम रोक लगाना चाहता है. इस रूट पर बड़ी तादाद में भारी वाहनों का आवागमन होता है. ऐसे में फोरलेन का काम प्रभावित हो सकता है.


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निगम ने सुझाया 2020 तक के लिए नो एंट्री का प्रावधान
मसलन, निगम ने जुलाई 2020 तक के लिए नो एंट्री का प्रावधान यातायात पुलिस को सुझाया है. नगर-निगम के अनुसार जिस परिवर्तित मार्ग से भारी वाहनों को निकाला जाएगा, वो बुधवारी, आईटीआई से ध्यानचंद चौक वाला रूट होगा. हालांकि यह महज एक सुझाव है, जो यातायात पुलिस के समक्ष निगम ने रखा है. निगम अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि यातायात पुलिस और निगम इसमें विस्तार से चर्चा कर निर्णय ले पाएगा.
इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसके अलावा उपलब्ध मार्ग जितने भी हैं वो भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित हैं. ऐसे में अन्य मार्ग से वाहनों को निकालने में दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति बढ़ जाएगी, जिससे आम जनजीवन पर खासा असर पड़ेगा.
निगम और यातायात पुलिस गहन चिंता में
शहर में सकरी सड़क होने की वजह से दूसरे रास्ते तलाशने में निगम और यातायात पुलिस को दिक्कत हो रही है. ऊपर से डेढ़ साल तक के लिए परिवर्तित मार्ग पर भारी वाहनों को चलाना एक चिंता का विषय है. यही वजह है कि निगम और यातायात पुलिस गहन चिंता और मंथन कर रहे हैं.
Intro:CSEB चौक से दर्री बैराज फोरलेन सड़क प्रस्तावित है। इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल तक नगर निगम भारी वाहनों के रूट पर बदलाव चाहता है। जो रूट निगम सुझा रहा है उससे यातायात पुलिस असमंजस की स्थिति में है।


Body:दरअसल, फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल की अवधि निर्धारित की गई है। इस अवधि में वर्तमान में सीएसईबी से दरी बैराज के बीच चलने वाली भारी वाहनों पर नगर निगम रोक लगाना चाहता है। इस रूट पर बड़ी तादाद में भारी वाहनों का आवागमन होता है। ऐसे में फोरलेन का काम प्रभावित हो सकता है। मसलन, निगम ने जुलाई 2020 तक के लिए नो एंट्री का प्रावधान यातायात पुलिस को सुझाया है। नगर निगम के अनुसार जिस परिवर्तित मार्ग से भारी वाहनों को निकाला जाएगा वह बुधवारी, आईटीआई से ध्यानचंद चौक वाला रूट होगा। हालांकि यह महज एक सुझाव है, जो यातायात पुलिस के समक्ष निगम ने रखा है। निगम अपार आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि यातायात पुलिस और निगम इसमें विस्तार से चर्चा कर निर्णय ले पाएगा।
इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसके अलावा उपलब्ध मार्ग जितने भी हैं वह भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित हैं। ऐसे में अन्य मार्ग से वाहनों को निकालने में दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति बढ़ जाएगी। इससे आम जनजीवन पर खासा असर पड़ेगा। शहर में सकरी सड़क होने की वजह से अन्य मार्ग तलाशने में निगम और यातायात पुलिस को दिक्कत हो रही है। ऊपर से डेढ़ साल तक के लिए परिवर्तित मार्ग पर भारी वाहनों को चलाना एक चिंता का विषय है। यही वजह है कि निगम और यातायात पुलिस गहन चिंता और मंथन कर रहे हैं।

बाइट- अशोक शर्मा, अपर आयुक्त, कोरबा नगर निगम


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