कोरबा: पर्यटन स्थल देवपहरी में फंसे चारों युवाओं को 5 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. चोरनई नदी पर बने गोविंद झुंझ जलप्रपात को देखने के लिए यहां पैगोडा नुमा छत मौजूद है. नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से चारों छत पर चढ़ गए थे.
बेहद खूबसूरत होने के साथ साथ पर्यटन स्थल देवपहरी मानसून में काफी रिस्की हो जाता है. इससे पहले भी यहां हुए हादसों में लोगों की जान जा चुकी है. शनिवार दोपहर जांजगीर-चांपा के गांव महुआडीह के मनीष कुमार निर्मलकर(25) अपनी पत्नी अंजली(19) और साथी पिंटू उर्फ शिवा कुमार कौशिक(19) व एक किशोरी के साथ देवपहरी स्थित गोविंदझुंझ जलप्रपात घूमने आए थे.
बारिश के बाद बढ़ गया नदी का जलस्तर: दो तीन दिनों से बारिश नहीं होने के कारण जलप्रपात के ऊपर चोरनई नदी का जलस्तर कम था. जिसके कारण सभी नदी के बीच बने पैगोडा तक पहुंच गए. वहीं पर बैठकर सभी नाश्ता करने लगे. इसी दौरान अचानक बारिश शुरू हो गई. पहाड़ी का पानी चोरनई नदी में आने से जलस्तर बढ़ गया. चारों किसी तरह पैगोडा पर चढ़े और घंटों वहीं फंसे रह गए.
5 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन : चोरनई नदी में फंसने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने इन्हें देखा. डायल 112 को कॉल किया गया. इसके बाद नगर सेना व एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जलस्तर ज्यादा होने के कारण रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अंधेरा होने के बाद परेशानी और भी बढ़ गई. लगभग 5 से 6 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. जिसके बाद देर रात चारों युवा सकुशल नदी से बाहर निकले, तब उन्होंने राहत की सांस ली.
पर्यटन स्थल पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं : देवपहरी सहित जिले में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं. जो काफी खूबसूरत हैं, लेकिन वन विभाग या स्थानीय पुलिस द्वारा यहां सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. जिसके कारण पर्यटक मानसून में भी यहां पहुंच जाते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं.