कोरबा: कलेक्टर रानू साहू ने जिले की जिम्मेदारी संभाल ली है. मंगलवार को चार्ज लेने के बाद आईएएस ने कहा कि वो जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार को लेकर काम करेंगी. कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा ही तकदीर बदल सकती है. रानू साहू जिले की 15वीं कलेक्टर हैं.
कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि वो गरियाबंद के एक छोटे से गांव में पढ़कर यहां तक पहुंची हैं. गांव के ट्राइबल स्कूल में उनकी शुरुआती शिक्षा हुई. जहां से उनका सफर शुरू हुआ था. कलेक्टर ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि 'मैं आईएएस बनूंगी. यह सब शिक्षा से ही संभव हो पाया है इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में मेरा खास फोकस रहेगा. रानू साहू ने कहा कि जिले में शिक्षा का स्तर, अंग्रेजी माध्यम स्कूल का बेहतर संचालन उनकी प्राथमिकता है.
स्वास्थ्य और स्वरोजगार पर फोकस
रानू साहू ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए अंतिम छोर तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना पहली प्राथमिकता होगी. इसके अलावा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने पर खास फोकस रहेगा. लोग स्वरोजगार से जुड़ते हैं तो उनका जीवन स्तर सुधरता है. समाज से अपराध कम होता है, वह खुद सुदृढ़ होंगे तो समाज को सही दिशा मिलेगी और राज्य सुदृढ़ होगा. कलेक्टर ने कहा कि जिले में प्रदूषण, भू विस्थापितों के पुनर्वास और सड़कों की समस्या भी हल करने पर जोर रहेगा.
'पर्यटन से आई हूं, तो सतरेंगा को बनाएंगे विश्वस्तरीय'
कोरबा कलेक्टर बनने के ठीक पहले रानू साहू पर्यटन मंडल में काम कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि क्योंकि मैं पर्यटन से आई हूं, तो सतरेंगा पर मेरा खास फोकस रहेगा. आने वाले एक से डेढ़ साल के भीतर सतरेंगा विश्वस्तरीय टूरिस्ट स्पॉट बनेगा. यहां एक क्रूज उतारने का टेंडर हो चुका है. जल्द ही इस दिशा में काम आगे बढ़ेगा.
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तीसरी लहर की भी तैयारी
नव पदस्थ कलेक्टर रानू साहू ने यह भी कहा कि जानकार कोरोना के तीसरे लहर की संभावना व्यक्त कर रहे हैं इसलिए सबसे महत्वपूर्ण इसकी तैयारी है. स्वास्थ विभाग के साथ मिलकर तीसरे लहर से निपटने के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना तैयार की जाएगी. तीसरे लहर से पूरी मजबूती से निपटने के लिए बेहतर काम करेंगे.