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भगत सिंह के शहादत दिवस पर किसान सभा ने निकाला मशाल जुलूस - किसान आंदोलन

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने किसान आंदोलन के समर्थन में मशाल रैली निकाली. रैली के जरिए मोदी सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया गया.

Kisan Sabha organized mashal rally in korba
मशाल रैली
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Published : Mar 24, 2021, 3:59 AM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मंगलवार की शाम देशव्यापी किसान आंदोलन और रोजगार से जुड़ी मांगों को लेकर मशाल जुलूस निकाला. जुलूस के बाद श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की तस्वीरों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. किसान सभा ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 मार्च को भारत बंद को सफल बनाने की भी अपील की है.

Kisan Sabha organized mashal rally in korba
किसान सभा की मशाल रैली

सभा में तब्दील हुआ जुलूस

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने बताया कि शाहीद-ए-आजम भगतसिंह साम्राज्यवाद विरोधी थे. उनके संघर्ष को रेखांकित करते हुए ही भिलाई बाजार में संगठन के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाली है. जुलूस भिलाई बाजार पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई.

कांकेर: एलआईसी का आईपीओ के विरोध में उतरे बीमा अभिकर्ता

मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना

सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते ने कहा कि भगतसिंह हमारी आजादी के आंदोलन के एक प्रखर साम्राज्यवाद विरोधी प्रतीक हैं. जिन्होंने समानता पर आधारित एक शोषणमुक्त, समाजवादी समाज का सपना देखा था. इसके लिए उन्होंने देश की मेहनती जनता की एकता पर बल दिया था. लेकिन आज मोदी सरकार जिस तरह किसान विरोधी कानूनों को लागू करने और श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता लागू करने पर तुली हुई है, उससे स्पष्ट है कि वह हमारी अर्थव्यवस्था को अमेरिका और कॉरपोरेटों के हाथों बेचने पर आमादा है.

निजीकरण की जमकर आलोचना

सीटू नेता जनाराम कर्ष ने सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण की आलोचना करते हुए किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की. अन्य वक्ताओं ने कहा कि वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनैतिक दलों का भारत बंद को समर्थन मिल रहा है. यह आंदोलन आम जनता की जिंदगी को बचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने इस बंद को सफल बनाने की अपील की.

कोरबा: छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मंगलवार की शाम देशव्यापी किसान आंदोलन और रोजगार से जुड़ी मांगों को लेकर मशाल जुलूस निकाला. जुलूस के बाद श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की तस्वीरों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. किसान सभा ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 मार्च को भारत बंद को सफल बनाने की भी अपील की है.

Kisan Sabha organized mashal rally in korba
किसान सभा की मशाल रैली

सभा में तब्दील हुआ जुलूस

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने बताया कि शाहीद-ए-आजम भगतसिंह साम्राज्यवाद विरोधी थे. उनके संघर्ष को रेखांकित करते हुए ही भिलाई बाजार में संगठन के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाली है. जुलूस भिलाई बाजार पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई.

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मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना

सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते ने कहा कि भगतसिंह हमारी आजादी के आंदोलन के एक प्रखर साम्राज्यवाद विरोधी प्रतीक हैं. जिन्होंने समानता पर आधारित एक शोषणमुक्त, समाजवादी समाज का सपना देखा था. इसके लिए उन्होंने देश की मेहनती जनता की एकता पर बल दिया था. लेकिन आज मोदी सरकार जिस तरह किसान विरोधी कानूनों को लागू करने और श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता लागू करने पर तुली हुई है, उससे स्पष्ट है कि वह हमारी अर्थव्यवस्था को अमेरिका और कॉरपोरेटों के हाथों बेचने पर आमादा है.

निजीकरण की जमकर आलोचना

सीटू नेता जनाराम कर्ष ने सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण की आलोचना करते हुए किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की. अन्य वक्ताओं ने कहा कि वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनैतिक दलों का भारत बंद को समर्थन मिल रहा है. यह आंदोलन आम जनता की जिंदगी को बचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने इस बंद को सफल बनाने की अपील की.

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