कोरबा : जनपद पंचायत करतला में पदस्थ और विवादों में घिरे, CEO जीके मिश्रा को आखिरकार हटा दिया गया है. सोमवार को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने आदेश जारी कर जनपद पंचायत करतला का संपूर्ण प्रभार सीएल घृतलहरे को सौंप दिया हैं. वो अब करतला के नए सीईओ होंगे.
जीके मिश्रा को आदिवासी विभाग के जिला कार्यालय में अटैच कर दिया गया है. मिश्रा के खिलाफ पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी शिकायत की थी. जिसमें आचार संहिता के दौरान एक करोड़ 25 लाख रुपए के चेक विभिन्न ग्राम पंचायतों के लिए बिना अनुमति जारी किए जाने का उल्लेख है.
ननकीराम कंवर ने लगाए थे आरोप
ननकीराम ने आरोप लगाया था कि 'जनपद से जारी चेक के माध्यम से गलत तरह से राशि आहरित की गई है. जिसका दुरुपयोग पंचायत चुनाव में किया गया है. इतना ही नहीं मिश्रा के खिलाफ लापरवाही, मनमानी और भ्रष्टाचार के कई मामलों में जांच चल रही है. गलत तरीके से चेक जारी करने संबंधी मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ कर रहे हैं.
सरपंच की शिकायत के बाद हुआ था तबादला
सीईओ जीके मिश्रा की शिकायत करतला के सरपंच ने की थी. क्षेत्र के 20 से 30 सरपंचों ने सामूहिक तौर पर जिला प्रशासन से शिकायत कर कहा था कि 'CEO मिश्रा लगातार पैसों की मांग कर परेशान कर रहे हैं. जिसके बाद राज्य शासन ने मिश्रा का तबादला बिलासपुर कर दिया था.
सीएल घृतलहरे को सौंपा प्रभार
लेकिन मिश्रा हाईकोर्ट चले गए और किसी तरह तबादले से बचे रहे, लेकिन उनका स्थान लेने आए घृतलहरे ने भी हाइकोर्ट की शरण ली और अब जाकर हाइकोर्ट के आदेश पर आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त ने घृतलहरे को संपूर्ण प्रभार सौंप दिया है.