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मौसमी बीमारियों की दस्तक, अस्पताल में मरीजों की भरमार

मानसून के दस्तक देते ही मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इससे सरकारी अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है.

मौसमी बीमारी का बढ़ा खतरा
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Published : Jul 7, 2019, 11:04 AM IST

कोरबा: बदलते मौसम की वजह से इन दिनों मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी है. सर्दी, खांसी, वायरल फीवर, मियादी बुखार जैसे रोगों की चपेट में ज्यादातर लोग आ गए हैं. इससे सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग रही है.

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बरसात का मौसम आते ही प्रकृति में अनोखा बदलाव आने लगता है. हर तरफ जहां हरी चादर बिछ जाती है, तो वहीं मौसम में बदलाव आने की वजह से कई मौसमी बीमारियों से मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है.

पढ़ें: कोरबा: अफसरों का ये कारनामा जानकर सिर पीट लेंगे

मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
इन दिनों अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, पीलिया, टाइफाइड से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी आई है. डॉक्टरों का कहना है कि पीने के पानी में बरसात का पानी मिलने और बारिश में भीगने की वजह से ऐसी बीमारियां अपना पैर पसारने लगती हैं.

पानी को उबाल कर पीने की सलाह
बीएमओ रुद्र पाल सिंह ने बताया कि बरसात में पानी को उबाल कर पीना चाहिए, साथ बारिश में भीगने से परहेज किया जाए, तो इस तरह की मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है. इससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

कोरबा: बदलते मौसम की वजह से इन दिनों मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी है. सर्दी, खांसी, वायरल फीवर, मियादी बुखार जैसे रोगों की चपेट में ज्यादातर लोग आ गए हैं. इससे सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग रही है.

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बरसात का मौसम आते ही प्रकृति में अनोखा बदलाव आने लगता है. हर तरफ जहां हरी चादर बिछ जाती है, तो वहीं मौसम में बदलाव आने की वजह से कई मौसमी बीमारियों से मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है.

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मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
इन दिनों अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, पीलिया, टाइफाइड से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी आई है. डॉक्टरों का कहना है कि पीने के पानी में बरसात का पानी मिलने और बारिश में भीगने की वजह से ऐसी बीमारियां अपना पैर पसारने लगती हैं.

पानी को उबाल कर पीने की सलाह
बीएमओ रुद्र पाल सिंह ने बताया कि बरसात में पानी को उबाल कर पीना चाहिए, साथ बारिश में भीगने से परहेज किया जाए, तो इस तरह की मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है. इससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

Intro:एंकर:-
मानसून के दस्तक देते ही मौसम ने करवट ले ली है हर तरफ जहां हरियाली से मौसम सराबोर है तो वही मौसमी बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है......कटघोरा से खास रिपोर्ट...Body:

V.O.1...

बरसात का मौसम आते ही प्रकृति में अनोखा बदलाव आने लगता है। हर तरफ जहां हरी चादर बिछ जाती है, तो वही मौसम में बदलाव आने की वजह से कई मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। अस्पतालों में अभी सर्दी खांसी बुखार पीलिया टाइफाइड के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी आई है। डॉक्टरों का कहना है कि पीने के पानी में बरसात का पानी मिलने और बारिश में भीगने की वजह से ऐसी बीमारियां अपना पैर पसारने लगती है। जिससे लोगों को पीने के पानी को उबालकर पीने की सलाह डॉक्टर देते हैं और बारिश में भीगने से परहेज की जाए तो ऐसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है....



Conclusion:बाईट:- डॉक्टर रूद्र पाल सिंह बीएमओ कटघोरा
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