कोरबा: ETV भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. मेसर्स भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के खिलाफ वायु प्रदूषण फैलाने के साथ ही खनिज और पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है. नोटिस 540+1200 मेगावाट पावर प्लांट, बालको नगर के परसाभाठा के पास एश डाइक (राखड़ बांध) से वायु प्रदूषण फैलते पाए जाने के बाद भेजा गया है. नोटिस जारी कर खनिज विभाग ने बालको से राखड़ बांध के पिछले 5 सालों के पूरे रिकॉर्ड के साथ सात बिंदुओं में जानकारी मांगी है.
बता दें कि बालको के राखड़ बांध से उड़ने वाली राख और इससे लोगों को होने वाली परेशानी की खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद प्रशासन ने बालको के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए नोटिस जारी किया है. इधर 27 मई को पर्यावरण और खनिज विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त तौर पर जांच भी की.
इन आधारों पर खनिज विभाग ने जारी किया नोटिस
जांच दल ने संबंधित कंपनी के अधिकारियों, प्रतिनिधियों की मौजूदगी में जांच कर पंचनामा तैयार किया है. इसके आधार पर खनिज विभाग ने नोटिस जारी किया है, जिसमें मिट्टी/मुरुम 6 लाख घन मीटर, बोल्डर 5.50 घन मीटर, रेत 8 लाख घन मीटर का उपयोग होना पाया गया है. इसके साथ ही मौके पर बड़े पैमाने पर पुणे के गौण खनिज संग्रहित का उपयोग किया जाना पाया गया है, जिसके बाद भंडारण के लिए ठेकेदार को जानकारी प्रस्तुत करने को कहा गया है.
प्रदूषण से लोगों को हो रही परेशानी
ETV भारत ने खबर में प्रमुखता से दिखाया था कि बालको के राखड़ बांध से किस तरह हल्की हवा चलने पर भी राख का गुबार उठता है, जिससे लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. अब खनिज विभाग ने भी नोटिस जारी कर बताया है कि बालको के राखड़ बांध में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
पानी छिड़काव न कर वायु प्रदूषण को बढ़ावा
पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकल सिस्टम, मोबाइल टावर, टैंकर का उपयोग नहीं किया जा रहा है जिससे बेलटिकरी, रोकबहरी सहित आस-पास के गांवों में प्रदूषण फैल रहा है. इतना ही नहीं बालको की चोटिया गांव के खदान में किए जा रहे राख के परिवहन में वायु प्रदूषण रोकने की पूरी व्यवस्था भी नहीं की गई है.
राखड़ भराव की वजह से प्रदूषण
नोटिस के मुताबिक जांच टीम ने यह पाया कि राखड़ बांध क्रमांक 3 में रेजिंग की गई है. राखड़ बांध के नीचे राखड़ का भराव व्यापक मात्रा में किए जाने से वायु प्रदूषण की स्थिति बन रही है. वहीं राखड़ बांध क्रमांक 7 पूरी तरह से सूखी पाई गई. जबकि राखड़ बांध क्रमांक 6 में दूषित जल निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. राखड़ बांध 5 और 6 के बीच निचली भूमि में भराव स्थल पिचिंग टूटा हुआ पाया गया. जोकि पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आते हैं. इसके लिए कोरबा के क्षेत्रीय अधिकारी ने वायु प्रदूषण अधिनियमों के तहत परिस्थितियों में सुधार के लिए तत्काल नोटिस जारी करते हुए काम बंद करने को कहा है.
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मांगा गया 5 सालों का रिकॉर्ड
वैधानिक कार्रवाई के लिए खनिज विभाग ने बालको से राखड़ डैम के संबंध में 5 सालों का रिकॉर्ड मांगा है, जिसमें राखड़ बांध की बटरेजिंग, रेजिंग और अन्य सिविल कामों में वैध स्रोतों से प्राप्त उपयोगिता और खनिजों के मात्रा की विस्तृत जानकारी हो. साथ ही ठेकेदारों की सूची सहित रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र की मांग की गई है. बालको को 7 बिंदुओं पर जानकारी पेश करने का आदेश दिया गया है, जिससे बालको की मुश्किलें बढ़ी हुई है.