कोरबा : कटघोरा से अंबिकापुर जाने वाले नेशनल हाइवे 130 में सोमवार की सुबह 4 बजे एक भीषण सड़क हादसा हुआ. इसमें अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. मृतकों में 3 शिक्षक शामिल हैं. पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार सुबह तेज बारिश हो रही थी. नेशनल हाईवे होने के कारण है कहीं भी कोई ब्रेकर नहीं था.जिसके कारण बस चालक तेज गति से बस चलाते हुए रायपुर से सीतापुर की ओर जा रहा था. रास्ते में बांगो थाना क्षेत्र के मड़ई घाट (Madai Ghat of Bango Thana Kahetar) के पास एक ट्रेलर ब्रेकडाउन होने के कारण सड़क के बाएं तरफ आधे सड़क को घेर कर खड़ा था।. बस चालक ने एक अन्य वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में बस के बाएं हिस्से को ट्रेलर से पूरी तरह से रगड़ दिया। चालक यह अनुमान नहीं लगा पाया कि बस ओवरटेक करने के दौरान वह ट्रेलर से बचते हुए बस को निकाल पायेगा या नहीं. बारिश में वाहन को ओवरटेक करना बस चालक की सबसे बड़ी गलती साबित (Horrible road accident in Korba) हुई.
किन लोगों की हुई मृत्यु : हादसे में उषा देवी पति अनिल कुमार लकड़ा(43) रिलायंस लगड़ा पिता अनिल कुमार(5) की मौत हुई है. दोनों मां और बेटे हैं और सीतापुर के रहने वाले हैं. इनके अलावा अजय वरदान और रोहित सिंह की भी मौत हो गई है. यह सभी सीतापुर और मैनपाट के आसपास के निवासी हैं. उषा, अजय और रोहित पेशे से शिक्षक हैं. इन तीनों के अलावा सोमनाथ भट्टाचार्य और शशिकांत चंद्राकर नामक व्यक्ति की भी मौत हुई है. इन दोनों के निवास स्थान रायपुर और दुर्ग का होने की जानकारी मिली है. एक व्यक्ति के छिंदवाड़ा निवासी होने की भी जानकारी मिल रही है. फिलहाल पुलिस तथ्यों की जांच रही है. सभी का पोस्टमार्टम पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया. तीन लोगों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है.
सड़क को लेकर हुआ था मंथन: अब से ढाई महीने पहले जिले में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. जिसमें प्रशासन, पुलिस और पीडब्ल्यूडी सहित सड़क से जुड़े तमाम विभाग शामिल रहते हैं. सभी विभाग मिलकर सड़कों के सुरक्षा और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कार्य योजना बनाते हैं. इस बैठक में 27 बिंदुओं पर अनुशंसा की गई थी. खासतौर पर दूसरे बिंदु में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं में और मृत्यु होने वाले क्षेत्र में बांगो थाना शामिल है. जहां नेशनल हाईवे पर लगातार दुर्घटनाएं होती है.
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विश्लेषण में क्या मिला था : विश्लेषण में यह पाया गया था कि मार्ग नया बना है, लेकिन घुमावदार है. मार्ग में डिवाइडर नहीं है, मोड पर साइन बोर्ड की कमी है. मुख्य मार्ग से जुड़ने वाले ग्रामीण सहायक मार्गों पर निश्चित दूरी पर गति अवरोधक मौजूद नहीं है. संकेतक भी लगाने के चर्चा हुई थी. रिस्पांस टाइम को भी घटाने पर मंथन हुआ था. समय अवधि में उपचार दिला कर जान बचाया जा सके इसकी बात उठी थी. एनएच पर रेडियम युक्त रंबलर स्ट्रीप लगाने के निर्देश दिए गए थे. एनएच पर 17 डेंजर स्पॉट का भी चिन्हांकन किया गया था. मृत्यु कारकों की संख्या दर्शाने वाले बोर्ड लगाने हेतु भी निर्देश दिया गया था.लेकिन यह सभी अनुशंसा ढाई महीने बाद भी अधूरी हैं. इसी बीच एक बड़ा सड़क हादसा हुआ जिसमें 6 लोगों की जान चली गई.korba bus accident update