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Korba C Mart: 'हसदेव द ब्रांड ऑफ कोरबा' ने दिया महिलाओं को बाजार, सी मार्ट में उपलब्ध है ढेर सारे उत्पाद

कोरबा जिले का अपना ब्रांड नेम हसदेव अब प्रचलित हो रहा है. ये ब्रांड कोरबा जिला प्रशासन का अपना ब्रांड है, जो महिला समूहों से उनके उत्पादित प्रोडक्ट को खरीदता है और उसे हसदेव ब्रांड नेम देकर सी मार्ट के जरिए मार्केट में बेचता है. हसदेव ब्रांड से जुड़कर महिलाएं अपनी रोजी रोटी का प्रबंध कर रही हैं. उन्हें आर्थिक लाभ भी मिल रहा है. Hasdev the brand of Korba

Hasdev the brand of Korba
कोरबा का सी मार्ट
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Published : Mar 16, 2023, 9:17 PM IST

महिलाओं को मिला अपने बनाए उत्पाद को बेचने के लिए बाजार

कोरबा: जिले की जीवनदायिनी नदी हसदेव के नाम पर ही हसदेव ब्रांड को लांच किया गया है. यह कोरबा जिला प्रशासन की ओर से समर्थित ब्रांड है. महिला समूह की ऐसी महिला जिन्हें अपने प्रोडक्ट के लिए बाजार नहीं मिल रहा था. उनके लिए हसदेव ब्रांड बेहद कारगर साबित हुआ है. इससे जुड़कर महिलाएं अपनी आजीविका का प्रबंध कर रही हैं.

महिला समूह हसदेव ब्रांड से जुड़कर बना रहीं प्रोडक्ट: हसदेव ब्रांड कोरबा के साथ राज्य में पहचान बना रहा है. हसदेव ब्रांड बिहान की महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध करा रहा है. एक साल में लाखों रुपये का व्यवसाय करके हसदेव ब्रांड महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित हुआ है. विभिन्न स्वसहायता समूह द्वार शहद, साबुन, अगरबत्ती, हैंडवाश, फिनायल, आर्टिफिशल ज्वेलरी, आचार, पापड, बडी, सुगंधित चांवल, दालें, हल्दी, मिर्च, मसाला, चप्पल, एलईडी बल्ब के साथ कई तरह के प्रोडक्ट का उत्पादन कर रहे हैं.

सी मार्ट में में ही मिलेंगे हरदेव ब्रांड के प्रोडक्ट: हसदेव ब्रांड के प्रोडक्ट केवल सी मार्ट में ही मिलते हैं. कोरबा जिला अंतर्गत कार्यरत महिला समूहों से सी मार्ट द्वारा प्रोडक्ट की खरीदी की जाती है. जिस पर हसदेव ब्रांड का ठप्पा लगाया जाता है. इसके लिए महिला समूह को तत्काल 10% का मुनाफा दिया जाता है. सी मार्ट द्वारा इस पर कुछ और मुनाफा कमाने के लिए अपना प्राइस टैग लगाकर इसे मार्केट में बेचा जाता है. बीते 1 साल में हसदेव ब्रांड ने लगभग 5 लाख रुपए का व्यवसाय किया है.

यह भी पढ़ें: korba latest news: NTPC में मजदूरों के खाते में दिखावे के भुगतान का आरोप, लेबर कमिश्नर में सुनवाई के बाद होगी कार्रवाई !

जीवन स्तर सुधरा हो रहा मुनाफा: महिला समूह में काम करने वाली महिलाओं की संख्या कोरबा जिले में लगभग 10 हजार है. इनमें से एक सुनीता कंवर कहती है कि "हसदेव ब्रांड से जुड़कर काफी फायदा हुआ है. हमारे प्रोडक्ट के लिए पहले मार्केट नहीं मिलता था, लेकिन हसदेव ब्रांड के आने के बाद हमें मार्केट मिल रहा है. सोच से अधिक लाभ हुआ है." सोनकुंवर बताती हैं कि "होली के समय हमने गुलाल, रखिया बड़ी जैसे उत्पाद बनाए थे, जिसे सी मार्ट को बेचा था. इससे हमें 60 हजार का फायदा हुआ है." जबकि कटघोरा क्षेत्र से महिला समूह की सदस्य राधिका निर्मलकर का कहना है कि "हसदेव का ब्रांड नेम मिलने के बाद हमारे उत्पाद तेजी से बिक रहे हैं. मार्केट में इनकी डिमांड भी अच्छी है."

महिलाओं को मिला अपने बनाए उत्पाद को बेचने के लिए बाजार

कोरबा: जिले की जीवनदायिनी नदी हसदेव के नाम पर ही हसदेव ब्रांड को लांच किया गया है. यह कोरबा जिला प्रशासन की ओर से समर्थित ब्रांड है. महिला समूह की ऐसी महिला जिन्हें अपने प्रोडक्ट के लिए बाजार नहीं मिल रहा था. उनके लिए हसदेव ब्रांड बेहद कारगर साबित हुआ है. इससे जुड़कर महिलाएं अपनी आजीविका का प्रबंध कर रही हैं.

महिला समूह हसदेव ब्रांड से जुड़कर बना रहीं प्रोडक्ट: हसदेव ब्रांड कोरबा के साथ राज्य में पहचान बना रहा है. हसदेव ब्रांड बिहान की महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध करा रहा है. एक साल में लाखों रुपये का व्यवसाय करके हसदेव ब्रांड महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित हुआ है. विभिन्न स्वसहायता समूह द्वार शहद, साबुन, अगरबत्ती, हैंडवाश, फिनायल, आर्टिफिशल ज्वेलरी, आचार, पापड, बडी, सुगंधित चांवल, दालें, हल्दी, मिर्च, मसाला, चप्पल, एलईडी बल्ब के साथ कई तरह के प्रोडक्ट का उत्पादन कर रहे हैं.

सी मार्ट में में ही मिलेंगे हरदेव ब्रांड के प्रोडक्ट: हसदेव ब्रांड के प्रोडक्ट केवल सी मार्ट में ही मिलते हैं. कोरबा जिला अंतर्गत कार्यरत महिला समूहों से सी मार्ट द्वारा प्रोडक्ट की खरीदी की जाती है. जिस पर हसदेव ब्रांड का ठप्पा लगाया जाता है. इसके लिए महिला समूह को तत्काल 10% का मुनाफा दिया जाता है. सी मार्ट द्वारा इस पर कुछ और मुनाफा कमाने के लिए अपना प्राइस टैग लगाकर इसे मार्केट में बेचा जाता है. बीते 1 साल में हसदेव ब्रांड ने लगभग 5 लाख रुपए का व्यवसाय किया है.

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जीवन स्तर सुधरा हो रहा मुनाफा: महिला समूह में काम करने वाली महिलाओं की संख्या कोरबा जिले में लगभग 10 हजार है. इनमें से एक सुनीता कंवर कहती है कि "हसदेव ब्रांड से जुड़कर काफी फायदा हुआ है. हमारे प्रोडक्ट के लिए पहले मार्केट नहीं मिलता था, लेकिन हसदेव ब्रांड के आने के बाद हमें मार्केट मिल रहा है. सोच से अधिक लाभ हुआ है." सोनकुंवर बताती हैं कि "होली के समय हमने गुलाल, रखिया बड़ी जैसे उत्पाद बनाए थे, जिसे सी मार्ट को बेचा था. इससे हमें 60 हजार का फायदा हुआ है." जबकि कटघोरा क्षेत्र से महिला समूह की सदस्य राधिका निर्मलकर का कहना है कि "हसदेव का ब्रांड नेम मिलने के बाद हमारे उत्पाद तेजी से बिक रहे हैं. मार्केट में इनकी डिमांड भी अच्छी है."

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