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World Blood Donor Day: कोरबा के हरवीर सिंह होरा ने 84वीं बार किया रक्तदान - Hora donated blood for the record 84th time

विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) के मौके पर कोरबा जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर में सबके बीच सबके आकर्षण का केंद्र शहर के शारदा विहार निवासी हरवीर सिंह होरा रहे. हरवीर सिंह होरा ने विश्व रक्तदान दिवस पर रिकॉर्ड 84वीं बार ब्लड डोनेट किया.

Hora donated blood for the record 84th tim
कोरबा के हरवीर सिंह होरा ने 84वीं बार किया रक्तदान
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Published : Jun 14, 2021, 9:49 PM IST

कोरबा: विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) के मौके पर छत्तीसगढ़ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी (Chhattisgarh Help Welfare Society) ने कोरबा जिला अस्पताल (Korba District Hospital) में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर में सबके बीच सबके आकर्षण का केंद्र शहर के शारदा विहार निवासी हरवीर सिंह होरा रहे. हरवीर सिंह होरा ने विश्व रक्तदान दिवस पर रिकॉर्ड 84वीं बार ब्लड डोनेट किया. होरा ने कहा कि 18 साल की आयु में उन्होंने सबसे पहले अपने पिता के साथ जाकर रक्तदान किया था. तब से यह सिलसिला जारी है. होरा ने कहा कि रक्तदान करने के कारण उन्हें कोई बीमारी नहीं है. उनका बेटा अगले साल 18 साल का हो रहा है. उसे भी रक्तदान करने के लिए वे प्रेरित करेंगे.

कोरबा के हरवीर सिंह होरा ने 84वीं बार किया रक्तदान

कोरबा जिला अस्पताल में हर दिन 80 यूनिट ब्लड की जरुरत

छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर रक्तदान किया. उन्होंने बताया कि एनीमिया, थैलेसीमिया और सिकलसेल से पीड़ित लोगों के अलावा दुर्घटनाग्रस्त और प्रसव संबंधी मामले में रक्त की आवश्यकता होती हैं. इसलिए लोगों को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए. जिला अस्पताल ब्लड बैंक के सीनियर ब्लड टेक्नीशियन संतोष सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 80 यूनिट की खपत है. कोरोना के चलते लोग कम रक्तदान करने आ रहे हैं, लेकिन तब भी कई युवा इस बीच आकर पूर्ति कर रहे थे.
World Blood Donor Day 2021: जिंदगी बचाने वाले ये हैं रायपुर के सुपर डोनर, रक्तदान का लगा चुके शतक

रक्तदान करने से नहीं आती कमजोरी

कोरोना काल में रक्तदान को लेकर कई धारणाएं लोगों के बीच बनी हुई है. जिसे चिकित्सकों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिल-जुल कर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें सफलता भी मिल रही है. अब की स्थिति में जन सामान्य इस बात को समझ चुके हैं कि रक्तदान करने से किसी तरह की कमजोरी नहीं आती. ना ही किसी तरह के विकार उत्पन्न होते है. रक्तदान करने से विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं. यही कारण है कि समय के साथ सभी क्षेत्रों में रक्तदान करने के लिए खास तौर पर युवा वर्ग आगे आ रहे हैं.

कोरबा: विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) के मौके पर छत्तीसगढ़ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी (Chhattisgarh Help Welfare Society) ने कोरबा जिला अस्पताल (Korba District Hospital) में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर में सबके बीच सबके आकर्षण का केंद्र शहर के शारदा विहार निवासी हरवीर सिंह होरा रहे. हरवीर सिंह होरा ने विश्व रक्तदान दिवस पर रिकॉर्ड 84वीं बार ब्लड डोनेट किया. होरा ने कहा कि 18 साल की आयु में उन्होंने सबसे पहले अपने पिता के साथ जाकर रक्तदान किया था. तब से यह सिलसिला जारी है. होरा ने कहा कि रक्तदान करने के कारण उन्हें कोई बीमारी नहीं है. उनका बेटा अगले साल 18 साल का हो रहा है. उसे भी रक्तदान करने के लिए वे प्रेरित करेंगे.

कोरबा के हरवीर सिंह होरा ने 84वीं बार किया रक्तदान

कोरबा जिला अस्पताल में हर दिन 80 यूनिट ब्लड की जरुरत

छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर रक्तदान किया. उन्होंने बताया कि एनीमिया, थैलेसीमिया और सिकलसेल से पीड़ित लोगों के अलावा दुर्घटनाग्रस्त और प्रसव संबंधी मामले में रक्त की आवश्यकता होती हैं. इसलिए लोगों को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए. जिला अस्पताल ब्लड बैंक के सीनियर ब्लड टेक्नीशियन संतोष सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 80 यूनिट की खपत है. कोरोना के चलते लोग कम रक्तदान करने आ रहे हैं, लेकिन तब भी कई युवा इस बीच आकर पूर्ति कर रहे थे.
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रक्तदान करने से नहीं आती कमजोरी

कोरोना काल में रक्तदान को लेकर कई धारणाएं लोगों के बीच बनी हुई है. जिसे चिकित्सकों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिल-जुल कर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें सफलता भी मिल रही है. अब की स्थिति में जन सामान्य इस बात को समझ चुके हैं कि रक्तदान करने से किसी तरह की कमजोरी नहीं आती. ना ही किसी तरह के विकार उत्पन्न होते है. रक्तदान करने से विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं. यही कारण है कि समय के साथ सभी क्षेत्रों में रक्तदान करने के लिए खास तौर पर युवा वर्ग आगे आ रहे हैं.

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