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Korba News : गेवरा माइंस ने 50 मिलियन टन कोल उत्पादन करके रचा इतिहास

एशिया की सबसे बड़ी ओपन कास्ट कोल माइन गेवरा ने बड़ा कीर्तिमान बनाया है. एसईसीएल की मेगा परियोजना में शामिल गेवरा ने साल भर में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है. कोल सेक्टर के इतिहास में आज तक किसी भी कोयला खदान में किसी एक वित्तीय वर्ष में 50 मिलियन टन कोयले का उत्पादन नहीं हुआ है. इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी कोयला खदान ने इतना अधिक कोयले का उत्पादन किया है. इस उपलब्धि के लिए देश के कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी ट्वीट कर एसईसीएल प्रबंधन को बधाई दी है.

Gevra Mines created history
एसईसीएल प्रबंधन को केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
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Published : Mar 20, 2023, 8:07 PM IST

कोरबा : गेवरा एरिया को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है. इस लक्ष्य के पहले ही 19 मार्च तक की स्थिति में खदान ने 50 मिलियन कोयला उत्पादन का टारगेट पूरा कर लिया है. वहीं बचे हुए दिनों में खदान को सिर्फ 2 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना होगा. 19 मार्च की स्थिति में खदान को 49.65 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया था. जबकि इसी दरमियान गेवरा से 50.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन पूरा हो चुका है. इस साल गेवरा एरिया के अपने उत्पादन लक्ष्य से आगे निकलने की पूरी संभावना है.

कोयला मंत्री ने थपथपाई पीठ : इस उपलब्धि पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट करके एसईसीएल की पीठ थपथपाई है. प्रह्लाद जोशी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "भारत के इतिहास में यह पहली बार है. जब किसी खदान ने 50 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. इसके लिए एसईसीएल को बधाई. कोयला सेक्टर के इतिहास में गेवरा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा".

  • A Historic Moment for the Coal Sector

    For the first time ever in India, a coal mine has breached the 50 MT production mark. Congratulations to the team of @secl_cil on getting Gevra mine's name written in gold letters in the history of India's coal sector. https://t.co/9kxCHnQVTN

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे देश में जाता है कोरबा का कोयला : एसईसीएल की कोयला खदानों से उत्पादित कोयला देशभर के पावर प्लांट को सप्लाई किया जाता है. जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं. इसमें कोरबा की अहम भागीदारी है. कोरबा जिले में गेवरा के साथ ही कुसमुंडा और दीपका जैसी मेगा परियोजनाएं संचालित हैं. जहां देश भर के लगभग 20 फीसदी कोयले का उत्पादन होता है. इससे देश भर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाता है.

ये भी पढ़ें- जम्मू के बाद छत्तीसगढ़ में मिला लिथियम का बड़ा भंडार


200 मिलियन टन उत्पादन का सपना : इस मौके पर एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा गेवराई पहुंचे थे. मिश्रा ने कहा कि "देश के किसी खदान में पहली बार 50 मिलियन टन के उत्पादन को छुआ है. यह बड़े गर्व का विषय है. अब हम और भी अधिक उत्पादन का नया सपना देखेंगे. एसईसीएल का मौजूदा वित्तीय वर्ष में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. अब तक हम 157 मिलियन टन का उत्पादन कर चुके हैं. हमारा सपना है कि हम 200 मिलियन टन के आंकड़े को 1 दिन पार करें".

कोरबा : गेवरा एरिया को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है. इस लक्ष्य के पहले ही 19 मार्च तक की स्थिति में खदान ने 50 मिलियन कोयला उत्पादन का टारगेट पूरा कर लिया है. वहीं बचे हुए दिनों में खदान को सिर्फ 2 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना होगा. 19 मार्च की स्थिति में खदान को 49.65 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया था. जबकि इसी दरमियान गेवरा से 50.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन पूरा हो चुका है. इस साल गेवरा एरिया के अपने उत्पादन लक्ष्य से आगे निकलने की पूरी संभावना है.

कोयला मंत्री ने थपथपाई पीठ : इस उपलब्धि पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट करके एसईसीएल की पीठ थपथपाई है. प्रह्लाद जोशी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "भारत के इतिहास में यह पहली बार है. जब किसी खदान ने 50 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. इसके लिए एसईसीएल को बधाई. कोयला सेक्टर के इतिहास में गेवरा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा".

  • A Historic Moment for the Coal Sector

    For the first time ever in India, a coal mine has breached the 50 MT production mark. Congratulations to the team of @secl_cil on getting Gevra mine's name written in gold letters in the history of India's coal sector. https://t.co/9kxCHnQVTN

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे देश में जाता है कोरबा का कोयला : एसईसीएल की कोयला खदानों से उत्पादित कोयला देशभर के पावर प्लांट को सप्लाई किया जाता है. जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं. इसमें कोरबा की अहम भागीदारी है. कोरबा जिले में गेवरा के साथ ही कुसमुंडा और दीपका जैसी मेगा परियोजनाएं संचालित हैं. जहां देश भर के लगभग 20 फीसदी कोयले का उत्पादन होता है. इससे देश भर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाता है.

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200 मिलियन टन उत्पादन का सपना : इस मौके पर एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा गेवराई पहुंचे थे. मिश्रा ने कहा कि "देश के किसी खदान में पहली बार 50 मिलियन टन के उत्पादन को छुआ है. यह बड़े गर्व का विषय है. अब हम और भी अधिक उत्पादन का नया सपना देखेंगे. एसईसीएल का मौजूदा वित्तीय वर्ष में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. अब तक हम 157 मिलियन टन का उत्पादन कर चुके हैं. हमारा सपना है कि हम 200 मिलियन टन के आंकड़े को 1 दिन पार करें".

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