कोरबा: कोतवाली थाना क्षेत्र के राताखार में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म (gang rape in korba) का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. पीड़िता की मां न्याय के लिए पहले कोतवाली थाना फिर उरगा थाने में भटकती रही. शुक्रवार को इस मामले में पीड़िता की मां एसपी ऑफिस पहुंची. जहां मामले में न्याय गुहार एसपी लगाई है.
क्या है पूरा मामला ?
पीड़िता की मां ने शिकायत में बताया है कि 6 जून को उनकी नाबालिग बेटी अपने पुरुष मित्र के साथ सर्वमंगला मंदिर की तरफ घूमने गई थी. जिन्हें कुछ लोगों ने देख लिया. इसके बाद मारपीट की और उनकी बेटी के साथ दरिंदगी की. वहीं पुरुष मित्र की जमकर मारपीट भी की गई. पीड़िता की मां का कहना है कि इस मामले में जब वो शिकायत लेकर जब कोतवाली और उरगा थाना गई तो उनकी FIR तक दर्ज नहीं की गई. पीड़िता की मां ने एसपी को लिखित शिकायत कर ठोस कार्रवाई की मांग की है.
अस्पताल और पुलिस दोनों की भूमिका संदिग्ध
जिस नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत की गई है. वह विगत 6 जून से ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है. नियमतः इस तरह की कोई भी घटना का मेमो अस्पताल परिसर में मौजूद पुलिस चौकी को दिया जाना चाहिए. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन डॉक्टर वाईडी बड़गैय्या की मानें तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दे दी गई थी. जबकि पुलिस का कहना है कि सूचना नहीं मिली. पुलिस के उच्चाधिकारियों को न सही, लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल की में तैनात चौकी प्रभारी एएसआई टंकेश्वर प्रसाद को घटना की सूचना दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में लिया. जिसके कारण मामले की जांच या कोई भी जरूरी वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई. अब एसपी से शिकायत के बाद पूरा महकमा हरकत में आ गया है.
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पहले नहीं बताई दुष्कर्म के बात
शिकायत देर से किए जाने के प्रश्न पर पीड़िता की मां का कहना है कि चूंकि वह अकेली थी और अस्पताल में बिटिया की देखभाल कर रही थी. इसलिए वह शिकायत करने तत्काल नहीं जा पाई. अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि पीड़िता की ओर से दुष्कर्म की बात नहीं कही गई. इस वजह से इस दिशा में कोई जांच नहीं हुई है. जब तक दुष्कर्म की शिकायत न की जाए तब तक इसकी मेडिकल जांच नहीं की जा सकती. जबकि घटना दिन वाभी पीड़ित नाबालिग के साथ मौजूद पुरुष मित्र को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया था. अस्पताल परिसर में मौजूद चौकी प्रभारी को इसकी जानकारी दी गई थी. बाद में नाबालिग के पुरुष मित्र एक निजी अस्पताल चले गए.
दुर्घटना स्थल आवेदन से अलग
इस संबंध में उरगा थाना के टीआई विजय चेलक का कहना है कि हमारे पास अब तक कोई शिकायत लेकर नहीं पहुंचा है. जांच के बाद ही वास्तविक तथ्य सामने आ पाएंगे.शिकायतकर्ताओं को फोन कर बुलाया गया है. घटना दिनांक वाले दिन एक लड़के को 108 की सहायता से जिला अस्पताल पहुंचाया गया था. घटनास्थल कनकी के समीप है, लेकिन तब सिर्फ सड़क दुर्घटना की जानकारी थी. 108 ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी.फिलहाल आधिकारिक तौर पर और कुछ नहीं कह पाऊंगा.
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निजी अस्पताल की भी लापरवाही
घटना में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत हुई है जोकि जिला अस्पताल में भर्ती है. जबकि इस दौरान नाबालिग के जिस पुरुष मित्र के साथ मारपीट का आवेदन में जिक्र है. वह शहर के निजी सिद्धिविनायक अस्पताल में भर्ती है.गंभीर मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे मामले की सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए. अस्पताल के संचालक डॉ शतदल नाथ से जब पूछा गया कि पुलिस को सूचना दी थी या नहीं ? तब उन्होंने बताया कि सूचना दे दी गई थी, लेकिन सूचना कब दी गई इसकी जानकारी वह नहीं बता पाए.